राजस्थान विधानसभा के चुनावों की तारीखें तो घोषित हो चुकी हैं, लेकिन अभी चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही राज्य सरकार के कर्मचारी सरकार को वादाखिलाफ बताते हुए उसका श्राद्ध कर्म करने में लग गए हैं।
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कर्मचारियों का कहना है कि चुनावों के समय तो वो सरकार का जो करना है वो करेंगे ही, लेकिन वे उसे अभी से खत्म मानकर उसका श्राद्ध कर रहे हैं।
पाली जिले में पंचायतीराज सेवा परिषद, उप शाखा पंचायत समिति पाली ने मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री की वादाखिलाफी से नाराज होकर पूरे विधि-विधान से मौजूदा राज्य सरकार का श्राद्ध किया और कहा कि ये सरकार केवल छल-कपट करना जानती है जिसका अब श्राद्ध कर दिया गया है।
पंचायत कर्मियों ने सबसे पहले सुबह लाखोटिया तालाब में तर्पण किया और फिर सभी पंचायत प्रसार अधिकारी और ग्राम विकास अधिकारी पंचायत समिति कार्यालय में एकत्र हुए जहां पंडितों ने पूरे विधि विधान से मौजूदा राज्य सरकार का श्राद्ध किया।
वसुंधरा सरकार के इस श्राद्ध में गायों, कुत्तों और कौओं को ग्रास देने के बाद 11 पंडितों को श्राद्ध का भोजन करवाया गया। सभी कर्मचारियों ने भी श्राद्ध का भोजन किया।
पत्रिका की खबर के अनुसार, पंचायत प्रसार अधिकारी संघ ने मौजूदा सरकार की कर्मचारी विरोधी नीति की कडी आलोचना की और कहा कि सरकार के 9 बार लिखित में किए गए समझौते छल-कपट साबित हुए।
15 सितम्बर को मुख्यमंत्री ने कैडर स्ट्रेंथ और पदोन्नति जैसी वाजिब मांगों का अनुमोदन कर दिया था लेकिन इसके बावजूद आदेश जारी नहीं किए गए। पंचायतीराज विभाग में पिछले 5 में कोई पदोन्नति नहीं हुई।