माननीय मंत्री विजय कुमार सिन्हा जी, बिहार सरकार।
मुझे बहुत सारे छात्र लिख रहे हैं कि आपने 1200 गेस्ट अनुदेशकों को हटा दिया है। 10 महीने का भुगतान भी नहीं किया है। अगर अनियमितता के आरोप में 1200 को नौकरी से हटा दिया है तो इन नौजवानों को बुलाकर यह भी बताएं कि उस काम में कौन कौन शामिल थे और उनके खिलाफ आपने क्या कार्रवाई की है। अगर जदयू और राजद के गठबंधन सरकार में अनियमितता हुई तो उस गठबंधन का एक साथी तो अभी भी सरकार में है। 1200 लोगों के जीवन का सवाल है। क्या आप यह मानते हैं कि ये सभी 1200 राजद के कार्यकर्ता थे। ऐसा छात्रों ने मुझे अपने मेसेज में कहा है।
इन छात्रों का कहना है कि 13 अगस्त 2018 को पटना हाईकोर्ट ने इनके पक्ष में फैसला सुनाया है। एक सप्ताह के भीतर ज्वाइनिंग कराने का आदेश दिया था। लेकिन आपने ऐसा नहीं किया। यही नहीं आपने 1800 नई बहाली का प्रस्ताव कैबिनेट को भेजा है।
मैं आपको पत्र इसलिए लिख रहा हूं क्योंकि ये लोग सुबह से मेरे नंबर पर पत्र लिख रहे हैं। मैंने ऐसी बहुत सी समस्याओं पर रिपोर्टिंग की है। एक दो दिन की बात नहीं है। दुनिया के इतिहास में प्राइम टाइम टेलिविजन पर भर्ती की समस्या पर लगातार कई दिनों, कई महीनों तक कार्यक्रम नहीं चला होगा। इसके बाद भी थोड़ा ही असर हुआ।
मैंने अभी तक यही देखा है कि किसी भी सरकार के चयन आयोग और नौकरियों की भर्तियां खेल बनकर रह गई है। आपके राज्य में भी भर्ती प्रक्रिया खराब हालत में है और दिल्ली में भी। केंद्र सरकार में और राज्य सरकार में भी। मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले पर तो आप बात भी नहीं करना चाहेंगे।
वैसे आप चाहें तो एक काम कर सकते हैं। हर महीने अपने श्रम मंत्रालय की तरफ से रिपोर्ट निकाल सकते हैं कि आपकी सरकार ने कितने नौजवानों को नौकरी दी है। कितनी भर्तियां निकाली हैं। कितने मामले कोर्ट में हैं। एक भर्ती की प्रक्रिया पूरी होने में कितना वक्त लग रहा है। इसके लिए आप ही ज़िम्मेदार नहीं हैं। पहले के मंत्री भी रहे हैं। लेकिन आप पहल करेंगे तो कुछ नया होगा, ऐसा मैं मानता हूं।
मेरा निवेदन है कि आप इन 1200 नौजवानों से मिलें, बता दें कि कैसे ये किसी दल के कार्यकर्ता हैं। किस किस ने पैसे खाए, कितने पैसे खाए, आपने कोई केस किया तो उसकी जांच कहां हैं। कैसे अब जो आप बहाली करेंगे वो सवालों से परे होगी। बिहार पुलिस और दारोगा की भर्ती को लेकर आए दिन नौजवान मेसेज करते रहते हैं। आप चाहें तो रेल मंत्री को यह याद दिला सकते हैं कि बिहार ही नहीं देश भर के छात्र जिन्होंने रेल परीक्षा के लिए 500 रुपये दिए थे, अपने 400 का इंतज़ार कर रहे हैं। अभी तक उनका पैसा वापस नहीं आया है।
जो यह समझते हैं कि इनकी नौकरी चली जाए तो उन्हें मिल जाएगी तो ऐसे नौजवानों को यही कहना चाहूंगा कि हमारा सिस्टम आपके साथ इसी तरह छल करता है। देश भर के राज्यों में भर्ती का यही हाल है। अंत में नौकरी के नाम पर ठगी से ज़्यादा कुछ नहीं होता है।
अगर इन नौजवानों का कोई समाधान नहीं है। अगर राजनीति को इन नौजवानों के साथ और नौजवानों को भी राजनीति के नाम पर अपने साथ यही करना है तो क्यों न इन्हें हिन्दू मुस्लिम करने का एक सिलेबस बनाकर दे दिया जाए। ब्रोशर की शक्ल में। ताकि इनका भी मन लगा रहे। यह भी समझ सकें कि उन्माद और भावुकता और पहचान की राजनीति ने इन्हें कहां लाकर छोड़ा है।
पत्र का एक प्रारूप संलग्न कर रहा हूं। उम्मीद है ये छात्र अब मुझे मेसेज नहीं करेंगे। मैं इनकी नैतिकता और ईमानदारी का हिसाब नहीं जानता। आप बेहतर जानते होंगे और ये लोग बेहतर जानते होंगे।
मेरी कोई बात बुरी लगी हो तो उसके लिए माफी। यह सिफारिशी पत्र नहीं है। कितनी ख़बर दिखाएं। कुछ आप लोग भी कीजिए।
सर जी,नमस्कार ।।
आपको अवगत कराना चाहता हूँ, कि बिहार सरकार का बीजेपी का श्रम संसाधन मंत्री- विजय कुमार सिन्हा, ने बिहार के तमाम गेस्ट अनुदेशकों को,अनियमितता का आरोप लगाकर ,तानाशाही रवैया अपनाते हुए 11 मई 2018 को हटा दिया। जबकि हमारा 10 महीने का भुगतान बाकी था।इसके बाद ,जब हमने इसका विरोध किया,तो हमारे कुछ साथियो को पकड़ कर जेल भेज दिया गया। फिर हम धरना पर बैठ गए और हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
3 महीने बाद की सुनवाई मे हाइकोर्ट ने 13अगस्त 2018 को हमारे पक्ष मे फैसला सुनाया,, और एक सप्ताह के अंदर ज्वाइनिंग कराने का आदेश दिया। लेकिन माननीय मंत्री महोदय हाइकोर्ट के आदेश को ताख पे रखते हुए,हमलोगों को अभी तक ज्वाइनिंग नहीं कराया।
मंत्री महोदय का कहना है कि ,ये बहाली राजद और जदयू के गठबंधन के समय हुई थी, और इसमे सभी राजद कार्यकर्ता बहाल हुए है। जो कही से भी संभव नही लग रहा है।
और मंत्री ने 1800 नए बहाली का पर्सताव कैबिनेट को भेज दिया हैं। आईःटीःआई मे अभी भी प्रशिक्षण के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है।
अतः आपसे गुजारिश है कि आप ,अपने चैनल के माध्यम से, हमारे साथ हो रही बर्बरता को देश के सामने लाये। और हमें हमारा हक दिलाने मे मदद करें।।
इस कार्य के लिए हम तमाम अनुदेशक आपके आभारी रहेंगे।।
धन्यवाद
मुझे बहुत सारे छात्र लिख रहे हैं कि आपने 1200 गेस्ट अनुदेशकों को हटा दिया है। 10 महीने का भुगतान भी नहीं किया है। अगर अनियमितता के आरोप में 1200 को नौकरी से हटा दिया है तो इन नौजवानों को बुलाकर यह भी बताएं कि उस काम में कौन कौन शामिल थे और उनके खिलाफ आपने क्या कार्रवाई की है। अगर जदयू और राजद के गठबंधन सरकार में अनियमितता हुई तो उस गठबंधन का एक साथी तो अभी भी सरकार में है। 1200 लोगों के जीवन का सवाल है। क्या आप यह मानते हैं कि ये सभी 1200 राजद के कार्यकर्ता थे। ऐसा छात्रों ने मुझे अपने मेसेज में कहा है।
मैं आपको पत्र इसलिए लिख रहा हूं क्योंकि ये लोग सुबह से मेरे नंबर पर पत्र लिख रहे हैं। मैंने ऐसी बहुत सी समस्याओं पर रिपोर्टिंग की है। एक दो दिन की बात नहीं है। दुनिया के इतिहास में प्राइम टाइम टेलिविजन पर भर्ती की समस्या पर लगातार कई दिनों, कई महीनों तक कार्यक्रम नहीं चला होगा। इसके बाद भी थोड़ा ही असर हुआ।
मैंने अभी तक यही देखा है कि किसी भी सरकार के चयन आयोग और नौकरियों की भर्तियां खेल बनकर रह गई है। आपके राज्य में भी भर्ती प्रक्रिया खराब हालत में है और दिल्ली में भी। केंद्र सरकार में और राज्य सरकार में भी। मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले पर तो आप बात भी नहीं करना चाहेंगे।
वैसे आप चाहें तो एक काम कर सकते हैं। हर महीने अपने श्रम मंत्रालय की तरफ से रिपोर्ट निकाल सकते हैं कि आपकी सरकार ने कितने नौजवानों को नौकरी दी है। कितनी भर्तियां निकाली हैं। कितने मामले कोर्ट में हैं। एक भर्ती की प्रक्रिया पूरी होने में कितना वक्त लग रहा है। इसके लिए आप ही ज़िम्मेदार नहीं हैं। पहले के मंत्री भी रहे हैं। लेकिन आप पहल करेंगे तो कुछ नया होगा, ऐसा मैं मानता हूं।
मेरा निवेदन है कि आप इन 1200 नौजवानों से मिलें, बता दें कि कैसे ये किसी दल के कार्यकर्ता हैं। किस किस ने पैसे खाए, कितने पैसे खाए, आपने कोई केस किया तो उसकी जांच कहां हैं। कैसे अब जो आप बहाली करेंगे वो सवालों से परे होगी। बिहार पुलिस और दारोगा की भर्ती को लेकर आए दिन नौजवान मेसेज करते रहते हैं। आप चाहें तो रेल मंत्री को यह याद दिला सकते हैं कि बिहार ही नहीं देश भर के छात्र जिन्होंने रेल परीक्षा के लिए 500 रुपये दिए थे, अपने 400 का इंतज़ार कर रहे हैं। अभी तक उनका पैसा वापस नहीं आया है।
जो यह समझते हैं कि इनकी नौकरी चली जाए तो उन्हें मिल जाएगी तो ऐसे नौजवानों को यही कहना चाहूंगा कि हमारा सिस्टम आपके साथ इसी तरह छल करता है। देश भर के राज्यों में भर्ती का यही हाल है। अंत में नौकरी के नाम पर ठगी से ज़्यादा कुछ नहीं होता है।
अगर इन नौजवानों का कोई समाधान नहीं है। अगर राजनीति को इन नौजवानों के साथ और नौजवानों को भी राजनीति के नाम पर अपने साथ यही करना है तो क्यों न इन्हें हिन्दू मुस्लिम करने का एक सिलेबस बनाकर दे दिया जाए। ब्रोशर की शक्ल में। ताकि इनका भी मन लगा रहे। यह भी समझ सकें कि उन्माद और भावुकता और पहचान की राजनीति ने इन्हें कहां लाकर छोड़ा है।
पत्र का एक प्रारूप संलग्न कर रहा हूं। उम्मीद है ये छात्र अब मुझे मेसेज नहीं करेंगे। मैं इनकी नैतिकता और ईमानदारी का हिसाब नहीं जानता। आप बेहतर जानते होंगे और ये लोग बेहतर जानते होंगे।
मेरी कोई बात बुरी लगी हो तो उसके लिए माफी। यह सिफारिशी पत्र नहीं है। कितनी ख़बर दिखाएं। कुछ आप लोग भी कीजिए।
सर जी,नमस्कार ।।
आपको अवगत कराना चाहता हूँ, कि बिहार सरकार का बीजेपी का श्रम संसाधन मंत्री- विजय कुमार सिन्हा, ने बिहार के तमाम गेस्ट अनुदेशकों को,अनियमितता का आरोप लगाकर ,तानाशाही रवैया अपनाते हुए 11 मई 2018 को हटा दिया। जबकि हमारा 10 महीने का भुगतान बाकी था।इसके बाद ,जब हमने इसका विरोध किया,तो हमारे कुछ साथियो को पकड़ कर जेल भेज दिया गया। फिर हम धरना पर बैठ गए और हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
3 महीने बाद की सुनवाई मे हाइकोर्ट ने 13अगस्त 2018 को हमारे पक्ष मे फैसला सुनाया,, और एक सप्ताह के अंदर ज्वाइनिंग कराने का आदेश दिया। लेकिन माननीय मंत्री महोदय हाइकोर्ट के आदेश को ताख पे रखते हुए,हमलोगों को अभी तक ज्वाइनिंग नहीं कराया।
मंत्री महोदय का कहना है कि ,ये बहाली राजद और जदयू के गठबंधन के समय हुई थी, और इसमे सभी राजद कार्यकर्ता बहाल हुए है। जो कही से भी संभव नही लग रहा है।
और मंत्री ने 1800 नए बहाली का पर्सताव कैबिनेट को भेज दिया हैं। आईःटीःआई मे अभी भी प्रशिक्षण के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है।
अतः आपसे गुजारिश है कि आप ,अपने चैनल के माध्यम से, हमारे साथ हो रही बर्बरता को देश के सामने लाये। और हमें हमारा हक दिलाने मे मदद करें।।
इस कार्य के लिए हम तमाम अनुदेशक आपके आभारी रहेंगे।।
धन्यवाद