राजस्थान में रोडवेज के कर्मचारियों की हड़ताल के कारण सरकारी बसें बंद रहीं तो जनता को खासी दिक्कत उठानी पड़ी।
हड़ताल को भारतीय मजदूर संघ समेत विभिन्न श्रमिक संगठनों ने समर्थन दिया है। साथ ही जयपुर में चलने वाली लो-फ्लोर बसों के कर्मचारी भी हड़ताल और चक्काजाम के समर्थन में उतर आए हैं, जिससे करीब 300 लो-फ्लोर बसों का संचालन भी सोमवार को बंद रहा।

(Courtesy: jagaran.com)
दैनिक जागरण के अनुसरा, रोडवेज कर्मचारी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने और अन्य सुविधाओं को लेकर हड़ताल पर हैं। सरकार की वादाखिलाफी के कारण भी उनमें नाराजगी है।
राज्य के परिवहन मंत्री युनूस खान के साथ रोडवेज कर्मचारियों की बातचीत हुई लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला जिसके बाद से प्रदेश की सभी रूटों की रोडवेज बसों का संचालन कर्मचारियों ने बंद कर दिया।
नवभारत टाइम्स के अनुसार, संयुक्त कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि जब तक सातवें वेतनमान और परिलाभ बकाया नहीं मिल जाता तब तक हड़ताल रहेगी।
रोडवेज कर्मचारियों ने वसुंधरा राजे सरकार को वादों से मुकरने का आरोप लगाया है। दरअसल पिछले दिनों रोडवेज कर्मचारियों और सरकार के बीच जो लिखित समझौता हुआ था, सरकार ने उसका भी पालन नहीं किया। इन्हीं मांगों को लेकर पिछले माह भी रोडवेज कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी थी। तब किसी तरह से सरकार ने कर्मचारियों को मनाया था और मांगें पूरी करने का उनको आश्वासन दिया था, लेकिन हड़ताल खत्म होने के बाद वसुंधरा राजे अपने वादों से मुकर गईं।
हड़ताल को भारतीय मजदूर संघ समेत विभिन्न श्रमिक संगठनों ने समर्थन दिया है। साथ ही जयपुर में चलने वाली लो-फ्लोर बसों के कर्मचारी भी हड़ताल और चक्काजाम के समर्थन में उतर आए हैं, जिससे करीब 300 लो-फ्लोर बसों का संचालन भी सोमवार को बंद रहा।

(Courtesy: jagaran.com)
दैनिक जागरण के अनुसरा, रोडवेज कर्मचारी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने और अन्य सुविधाओं को लेकर हड़ताल पर हैं। सरकार की वादाखिलाफी के कारण भी उनमें नाराजगी है।
राज्य के परिवहन मंत्री युनूस खान के साथ रोडवेज कर्मचारियों की बातचीत हुई लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला जिसके बाद से प्रदेश की सभी रूटों की रोडवेज बसों का संचालन कर्मचारियों ने बंद कर दिया।
नवभारत टाइम्स के अनुसार, संयुक्त कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि जब तक सातवें वेतनमान और परिलाभ बकाया नहीं मिल जाता तब तक हड़ताल रहेगी।
रोडवेज कर्मचारियों ने वसुंधरा राजे सरकार को वादों से मुकरने का आरोप लगाया है। दरअसल पिछले दिनों रोडवेज कर्मचारियों और सरकार के बीच जो लिखित समझौता हुआ था, सरकार ने उसका भी पालन नहीं किया। इन्हीं मांगों को लेकर पिछले माह भी रोडवेज कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी थी। तब किसी तरह से सरकार ने कर्मचारियों को मनाया था और मांगें पूरी करने का उनको आश्वासन दिया था, लेकिन हड़ताल खत्म होने के बाद वसुंधरा राजे अपने वादों से मुकर गईं।