अजमेर में सोमवार को पुलिस ने नारेबाजी कर रहे छात्रों पर जमकर लाठियां बरसाईं। सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पुलिस लाठियों से पीट-पीटकर खदेड़ा और 6 छात्रों को हिरासत में भी ले लिया।
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पत्रिका की खबर के अनुसार ये छात्र कॉलेज के व्याख्याताओं के व्यवहार को लेकर नाराज थे, और इन्होंने कॉलेज बंद का आह्वान किया था। इस प्रदर्शन में एनएसयूआई के साथ-साथ एबीवीपी के कार्यकर्ता भी शामिल थे, लेकिन पुलिस ने दोनों ही संगठनों के नेताओं के साथ-साथ आम छात्रों की भी लाठियों से हांक दिया। लाठीचार्ज में दर्जनों छात्र घायल हुए हैं।
सुबह एनएसयूआई के छात्र कॉलेज के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन कर रहे थे। कॉलेज प्रशासन ने जब उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो छात्र मुख्य द्वार को बंद करने की कोशिश करने लगे। एबीवीपी के छात्र भी आंदोलन में शामिल हो गए। मुख्य द्वार बंद करने की कोशिश पर उनकी पुलिस से धक्का-मुक्की होने लगी और हंगामा बढ़ते ही पुलिस ने लाठियां चलाना शुरू कर दिया।
सूचना मिलते ही पुलिस के बड़े अधिकारी भी मौके पर पहुंचे, और हंगामा कर रहे छह छात्रों को हिरासत में ले लिया गया।
छात्र संगठन कॉलेज के तीन व्याख्याताओं के व्यवहार को लेकर नाराज हैं और कई बार कॉलेज प्रशासन से इनकी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन न व्याख्याता अपना रवैया बदलने को तैयार हैं और न ही कॉलेज प्रशासन उन पर कोई कार्रवाई करता है।
छात्रों का आरोप है कि व्याख्याता छात्रों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते। पिछले दिनों तो एक व्याख्याता ने कॉलेज के एक छात्र को इसी बात पर तमाचा मार दिया था कि वह कॉलेज में फैशन वाला चश्मा लगाकर घूम रहा था।
छात्र नेताओं ने पुलिस की इस कार्रवाई को दमनकारी बताया है। कांग्रेस के नेताओं ने भी एसपी से मिलकर आरोप लगाया कि पुलिस ने शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे छात्रों पर बिना कारण के लाठियाँ चलाई हैं।