छत्तीसगढ़ में स्कूलों में शिक्षक न होने के कारण लोगों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। महासमुंद जिले के रामाडबरी गांव में तो दो साल से कोई शिक्षक ही नहीं है, जिससे नाराज होकर ग्रामीणों ने स्कूल पर ताला जड़ दिया है।
Image Courtesy: https://naidunia.jagran.com
रामाडबरी की शासकीय प्राथमिक शाला में केवल एक शिक्षिका आकांक्षा मिश्रा है जो ज्वाइन करने के बाद से लगातार छुट्टी पर रहती है।
दो साल से लगातार छुट्टी पर रहने के बाद आकांक्षा मिश्रा ने ज्वाइन तो किया लेकिन उसके बाद से फिर वो गायब हो गई है। संकुल से आने वाले शिक्षक किसी तरह से पढ़ाई की औपचारिकता करते हैं। अव्यवस्था इस कदर हो जाती है कि कई बार तो हर दिन अलग-अलग शिक्षक पढ़ाने आता है। अभिभावक अपने बच्चों को दूसरे स्कूलों में भेजने पर मजबूर हो रहे हैं।
स्कूल में अब भी 34 बच्चे हैं, लेकिन एक भी स्थायी शिक्षक नहीं है। हालत ये हो गई है कि पहली कक्षा में बच्चों के दाखिले भी नहीं हो पा रहे हैं। जो बच्चे पांचवीं कक्षा पास कर चुके हैं, उनकी टीसी तक नहीं मिल पा रही हैं।
नईदुनिया की खबर के अनुसार, सोमवार को ग्रामीणों ने स्कूल में स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति की मांग को लेकर आंदोलन किया और स्कूल पर तालाबंदी कर दी। ग्रामीण शिक्षकों की मांग को लेकर बीईओ, डीईओ से लेकर जिला कलेक्टर तक को ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
Image Courtesy: https://naidunia.jagran.com
रामाडबरी की शासकीय प्राथमिक शाला में केवल एक शिक्षिका आकांक्षा मिश्रा है जो ज्वाइन करने के बाद से लगातार छुट्टी पर रहती है।
दो साल से लगातार छुट्टी पर रहने के बाद आकांक्षा मिश्रा ने ज्वाइन तो किया लेकिन उसके बाद से फिर वो गायब हो गई है। संकुल से आने वाले शिक्षक किसी तरह से पढ़ाई की औपचारिकता करते हैं। अव्यवस्था इस कदर हो जाती है कि कई बार तो हर दिन अलग-अलग शिक्षक पढ़ाने आता है। अभिभावक अपने बच्चों को दूसरे स्कूलों में भेजने पर मजबूर हो रहे हैं।
स्कूल में अब भी 34 बच्चे हैं, लेकिन एक भी स्थायी शिक्षक नहीं है। हालत ये हो गई है कि पहली कक्षा में बच्चों के दाखिले भी नहीं हो पा रहे हैं। जो बच्चे पांचवीं कक्षा पास कर चुके हैं, उनकी टीसी तक नहीं मिल पा रही हैं।
नईदुनिया की खबर के अनुसार, सोमवार को ग्रामीणों ने स्कूल में स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति की मांग को लेकर आंदोलन किया और स्कूल पर तालाबंदी कर दी। ग्रामीण शिक्षकों की मांग को लेकर बीईओ, डीईओ से लेकर जिला कलेक्टर तक को ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।