मध्यप्रदेश में अध्यापक संवर्ग के शिक्षा विभाग में संविलियन करने के शिवराज सरकार के निर्णय के खिलाफ राज्य भर के अध्यापक राजधानी भोपाल में धरने पर बैठ गए हैं।
Image: Dainik Bhaskar
रविवार को इन अध्यापकों ने प्रदर्शन किया और सोमवार को ये विधानसभा का घेराव करने जा रहे हैं, साथ ही मांगें पूरी न हुईं तो सोमवार से ही आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे।
संविलयन को लेकर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए अध्यापकों के 6 संगठन एकजुट होकर इस बार आर-पार की लड़ाई लड़ने भोपाल पहुंच चुके हैं। सोमवार से ही मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है, इसलिए सोच-समझकर ही अध्यापकों ने विधानसभा घेराव करने और आमरण अनशन शुरू करने के लिए सोमवार का दिन चुना है।
आंदोलन में शामिल 6 संगठनों में राज्य अध्यापक संघ, शासकीय अध्यापक संगठन, आजाद अध्यापक संघ, अध्यापक कांग्रेस, अध्यापक संविदा शिक्षक संघ और गुरुजी संघ शामिल हैं।
प्रदेश में 15 जून से स्कूल खुल चुके हैं, लेकिन अध्यापकों को स्कूल में अध्यापन करने के बजाय अपनी मांगों के लिए भोपाल में आंदोलन करना पड़ रहा है।
दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक रविवार को अध्यापकों की नीलम पार्क में बैठक हुई जिसमें नाराज अध्यापकों ने ऐलान किया कि वो अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के झूठे वादों में नहीं आएंगे और हर हाल में आंदोलन मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा।
आंदोलन को सफल बनाने के लिए अध्यापकों ने प्रदेश के हर जिले में व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाया है जिसके कारण बड़ी संख्या में अध्यापक राजधानी भोपाल पहुंच गए हैं।
अध्यापकों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने स्कूल शिक्षा विभाग के समान सहायक शिक्षक, शिक्षक और व्याख्याता के पदनाम और वेतन समेत सारी सुविधाएं देने का वादा किया था, लेकिन अब उन्हें प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक और उच्च माध्यमिक शिक्षक बनाया जा रहा है।
रविवार को भी अध्यापकों ने शाहजहानी पार्क से विधानसभा की तरफ बढ़ना शुरू किया लेकिन पुलिस ने नीलम पार्क में बलपूर्वक उन्हें रोक दिया।
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रविवार को इन अध्यापकों ने प्रदर्शन किया और सोमवार को ये विधानसभा का घेराव करने जा रहे हैं, साथ ही मांगें पूरी न हुईं तो सोमवार से ही आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे।
संविलयन को लेकर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए अध्यापकों के 6 संगठन एकजुट होकर इस बार आर-पार की लड़ाई लड़ने भोपाल पहुंच चुके हैं। सोमवार से ही मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है, इसलिए सोच-समझकर ही अध्यापकों ने विधानसभा घेराव करने और आमरण अनशन शुरू करने के लिए सोमवार का दिन चुना है।
आंदोलन में शामिल 6 संगठनों में राज्य अध्यापक संघ, शासकीय अध्यापक संगठन, आजाद अध्यापक संघ, अध्यापक कांग्रेस, अध्यापक संविदा शिक्षक संघ और गुरुजी संघ शामिल हैं।
प्रदेश में 15 जून से स्कूल खुल चुके हैं, लेकिन अध्यापकों को स्कूल में अध्यापन करने के बजाय अपनी मांगों के लिए भोपाल में आंदोलन करना पड़ रहा है।
दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक रविवार को अध्यापकों की नीलम पार्क में बैठक हुई जिसमें नाराज अध्यापकों ने ऐलान किया कि वो अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के झूठे वादों में नहीं आएंगे और हर हाल में आंदोलन मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा।
आंदोलन को सफल बनाने के लिए अध्यापकों ने प्रदेश के हर जिले में व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाया है जिसके कारण बड़ी संख्या में अध्यापक राजधानी भोपाल पहुंच गए हैं।
अध्यापकों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने स्कूल शिक्षा विभाग के समान सहायक शिक्षक, शिक्षक और व्याख्याता के पदनाम और वेतन समेत सारी सुविधाएं देने का वादा किया था, लेकिन अब उन्हें प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक और उच्च माध्यमिक शिक्षक बनाया जा रहा है।
रविवार को भी अध्यापकों ने शाहजहानी पार्क से विधानसभा की तरफ बढ़ना शुरू किया लेकिन पुलिस ने नीलम पार्क में बलपूर्वक उन्हें रोक दिया।