छत्तीसगढ़: स्कूलों में किताबों के वितरण में भ्रष्टाचार

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: June 22, 2018
छत्तीसगढ़ में सरकारी अफसरों और नेताओं के संरक्षण में भ्रष्टाचार के नए-नए तरीके इजाद किए जा रहे हैं। ताजा मामला सरकारी किताबों के बांटने में फर्जी चालान पास करके प्राइवेट स्कूलों को बच्चों की संख्या से ज्यादा किताबें दिए जाने का है, जिसमें जिला शिक्षा अधिकारियों की मिलीभगत हो रही है।


Representation Image

छत्तीसगढ़ सरकार स्कूलों में बच्चों को मुफ्त किताबें बांटने की योजना चलाती है, लेकिन यह योजना दरअसल भ्रष्टाचार का जरिया बनी हुई है।

तमाम जिलों से निजी स्कूल विद्यार्थियों की फर्जी संख्या दिखाकर शिक्षा विभाग से किताबें ले रहे हैं और अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी आंखें बंद किए हुए हैं।

मुंगेली और सक्ती जिलों में ये भ्रष्टाचार सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है। मामला उजागर होने के बाद अब छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के महाप्रबंधक ने लोक शिक्षण संचालनालय से दोषियों पर कार्रवाई करने को कहा है।

नईदुनिया की खबर के मुताबिक एक मामला जांजगीर-चांपा जिले के शशि संतोष विद्या मंदिर हाईस्कूल पेंडरुवां का है जहां का स्कूल प्रबंधक कंप्यूटर से फर्जी चालान बनाकर किताबें लेने आया था और डीईओ ने उसके फर्जी चालान को पास कर दिया था।

इसी तरह मुंगेली के सरस्वती शिशु मंदिर सरगांव से इस बार पहली से दसवीं तक की कक्षाओं के लिए हिंदी माधयम की कुल 1068 की मांग आई है  जिसे डीईओ ने प्रमाणित भी किया है जबकि वहां की जरूरत केवल 330 की है।

लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक तथा पाठ्यपुस्तक निगम के महाप्रबंधक ने माना है कि स्कूलों को किताबों के वितरण में गड़बड़ी के मामले मिले हैं
 
छत्तीसगढ़ में 10 हजार निजी स्कूलों में 8 लाख से ज्यादा किताबें बांटी जानी है और गड़बड़ी रोकने के लिए डीईओ की अनुशंसा जरूरी कर दी गई है, लेकिन डीईओ बिना जांच के ही चालान पास करते जा रहे हैं। पिछले सालों में तो वो स्कूल भी किताबें ले गए थे जिनको मान्यता तक नहीं मिली थी। पिछले साल भी कई स्कूल बच्चों की संख्या से ज्यादा किताबें ले गए थे। इन्हीं कारणों से इस बार डीईओ की सिफारिश जरूरी की गई है, लेकिन इसका भी कोई फायदा नहीं हो रहा है।
 
 

बाकी ख़बरें