नई दिल्ली. अमेरिका की ‘सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी’ (सीआईए) ने विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल को धार्मिक आतंकी संगठन बताया है। सीआईए ने अपनी वर्ल्ड फैक्टबुक में इन दोनों संगठनों को राजनीतिक दबाव वाले समूह में रखा है। यानी वो समूह जिनका राजनीति में सीधे तौर पर असर रहता है, लेकिन वे खुद कभी चुनाव में हिस्सा नहीं लेते।
आरएसएस/हुर्रियत कॉन्फ्रेंस भी राजनीतिक दबाव वाले समूह
सीआईए ने आरएसएस, हुर्रियत कॉन्फ्रेंस, महमूद मदनी की जमीयत उलेमा-ए-हिंद को राजनीतिक दबाव वाले समूह में रखा है। आरएसएस को राष्ट्रवादी संगठन बताया गया है, हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को अलगाववादी संगठन कहा गया है और उलेमा-ए-हिंद को धार्मिक संगठन बताया गया है।
267 देशों की जानकारी मुहैया कराती है सीआईए वर्ल्ड फैक्टबुक
सीआईए हर साल 4 जून को अपनी वर्ल्ड फैक्टबुक प्रकाशित करती है। इसके जरिए अमेरिकी सरकार को अलग-अलग देशों के इतिहास, सरकार, आर्थिक स्थिति, ऊर्जा, भौगोलिक स्थिति, संचार और सैन्य ताकत जैसी जानकारियां मिलती हैं।
सीआईए के पास इस वक्त करीब 267 देशों का डेटा मौजूद है। एजेंसी ने इन जानकारियों को 1962 में इकट्ठा करना शुरू किया था। हालांकि, इसे 1975 में सार्वजनिक किया गया।
भाजपा के पूर्व संयोजक ने बताया फेक न्यूज
भाजपा संवाद सेल के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक खेमचंद शर्मा ने सीआईए वर्ल्ड फैक्टबुक के दावों को फेक न्यूज बताया। उन्होंने ट्वीट कर एजेंसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कही।
आरएसएस/हुर्रियत कॉन्फ्रेंस भी राजनीतिक दबाव वाले समूह
सीआईए ने आरएसएस, हुर्रियत कॉन्फ्रेंस, महमूद मदनी की जमीयत उलेमा-ए-हिंद को राजनीतिक दबाव वाले समूह में रखा है। आरएसएस को राष्ट्रवादी संगठन बताया गया है, हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को अलगाववादी संगठन कहा गया है और उलेमा-ए-हिंद को धार्मिक संगठन बताया गया है।
267 देशों की जानकारी मुहैया कराती है सीआईए वर्ल्ड फैक्टबुक
सीआईए हर साल 4 जून को अपनी वर्ल्ड फैक्टबुक प्रकाशित करती है। इसके जरिए अमेरिकी सरकार को अलग-अलग देशों के इतिहास, सरकार, आर्थिक स्थिति, ऊर्जा, भौगोलिक स्थिति, संचार और सैन्य ताकत जैसी जानकारियां मिलती हैं।
सीआईए के पास इस वक्त करीब 267 देशों का डेटा मौजूद है। एजेंसी ने इन जानकारियों को 1962 में इकट्ठा करना शुरू किया था। हालांकि, इसे 1975 में सार्वजनिक किया गया।
भाजपा के पूर्व संयोजक ने बताया फेक न्यूज
भाजपा संवाद सेल के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक खेमचंद शर्मा ने सीआईए वर्ल्ड फैक्टबुक के दावों को फेक न्यूज बताया। उन्होंने ट्वीट कर एजेंसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कही।