आई मूर्ति पर विपदा भारी
अम्बेडकर और गांधी की तोड़े
लेनिन को भी अब नहीं छोड़े
भगतसिंह भी खतरे में दिखते
शाषक आया अत्याचारी
आई मूर्ति पर विपदा भारी।
कर्ज में डूबे किसान हैं मरते
बच्चे ऑक्सीजन बिन तड़पे
खाने को कहीं भात नहीं है
लाला सरकारी गल्ला है हड़पे
राष्ट्रवाद के नारे में ढ़ककर
चंदन तस्करी करे भगवाधारी
आई मूर्ति पर विपदा भारी।
कहीं पर गैया कहीं पर दंगा
मत लो तुम सरकार से पंगा
'जेएनयू'नियन' या राष्ट्रद्रोही बताकर
कस देंगे ये जेल का फंदा
भक्तिभाव में अंधे हुए सब
क्या जनता क्या अधिकारी
आई मूर्ति पर विपदा भारी
माल्या भागा नीरव भागा
तब भी न साहब नींद से जागा
लच्छेदार भाषण में फंसकर
तड़प रहा अर्थतंत्र अभागा
सूखी रोटी जनता तोड़े
साहब मशरूम तीस हजारी
आई मूर्ति पर विपदा भारी।
अम्बेडकर और गांधी की तोड़े
लेनिन को भी अब नहीं छोड़े
भगतसिंह भी खतरे में दिखते
शाषक आया अत्याचारी
आई मूर्ति पर विपदा भारी।
कर्ज में डूबे किसान हैं मरते
बच्चे ऑक्सीजन बिन तड़पे
खाने को कहीं भात नहीं है
लाला सरकारी गल्ला है हड़पे
राष्ट्रवाद के नारे में ढ़ककर
चंदन तस्करी करे भगवाधारी
आई मूर्ति पर विपदा भारी।
कहीं पर गैया कहीं पर दंगा
मत लो तुम सरकार से पंगा
'जेएनयू'नियन' या राष्ट्रद्रोही बताकर
कस देंगे ये जेल का फंदा
भक्तिभाव में अंधे हुए सब
क्या जनता क्या अधिकारी
आई मूर्ति पर विपदा भारी
माल्या भागा नीरव भागा
तब भी न साहब नींद से जागा
लच्छेदार भाषण में फंसकर
तड़प रहा अर्थतंत्र अभागा
सूखी रोटी जनता तोड़े
साहब मशरूम तीस हजारी
आई मूर्ति पर विपदा भारी।