बिलकीस बानो अपने पति और बच्चे के साथ/ फोटो: आउटलुक
मीडिया के सभी दोस्तों के जरिये मैं अपने देशवासियों तक यह संदेश पहुंचाना चाहती हूं। मैं यह संदेश गुजराती, मुसलमान भाई-बहनों और दुनिया की हर महिला तक अपना संदेश पहुंचाना चाहती हूं। मैं इस बात की आभारी हूं कि माननीय न्यायाधीशों ने एक बार फिर एक सही फैसला देकर सच की जीत को पुख्ता किया और न्यायपालिका में मेरे विश्वास को बहाल किया है।
एक मनुष्य, नागरिक, महिला और एक मां के तौर पर मेरे अधिकार बुरी तरह कुचले गए। लेकिन मैंने अपने देश के लोकतांत्रिक संस्थानों पर भरोसा किया। अब मेरे परिवार को लग रहा है कि एक बार फिर हम निडर होकर अपनी जिंदगी शुरू कर सकते हैं। मुझे खुशी है कि एक पूरे समुदाय की जिंदगी खत्म करने वाले और अपराधियों को शह देने वाले, उन्हें प्रोत्साहित करने वाले और संरक्षण देने वाले राज्य और उनके अधिकारियों का गुनाह अब साबित हो चुका है। साथ ही यह भी साबित हो गया है कि उन्होंने सबूतों से छेड़छाड़ की थी। जिन अधिकारियों पर नागरिकों की सुरक्षा और न्याय दिलाने की जिम्मेदारी थी उनके लिए इससे शर्मनाक और क्या हो सकता है। उन्हें जिंदगी भर यह गुनाह ढोना होगा।
मेरे देशवासियों, मैं आपसे अपील करती हूं कि आज जब हर ओर समुदाय और धर्म के नाम पर लोगों पर हमले की खबरें आ रही हैं। उन्हें मारा जा रहा है तो हमारी कोशिश होनी चाहिए कि अपने देश के सेक्यूलर मूल्यों में विश्वास जताएं। और न्याय, समानता और गरिमा के लिए लड़ने वाले लेगों के संघर्ष में उनका साथ दें। इस फैसले का मतलब यह नहीं है कि नफरत खत्म हो गई है। लेकिन इसका मतलब यह जरूर है कि कहीं न कहीं, किसी न किसी तरीके से न्याय की जीत हुई है। यह एक लंबी और अंतहीन लड़ाई की तरह थी। लेकिन जब आप सच के साथ होते हैं तो आपकी सुनी जाती है। अंत में न्याय आपके साथ होता है।
इस संघर्ष के दौर में मेरे जो नजदीकी दोस्त मेरे साथ खड़े रहे उनका मैं, मेरे पति याकूब और मेरा परिवार तहे दिल से धन्यवाद देता है। हम इस पूरी लड़ाई में उनके समर्थन और सहायता के लिए आभारी हैं। अन्याय के खिलाफ मेरा यह संघर्ष अकेले का संघर्ष नहीं है। मैं सीबीआई और अपने वकील की दिल से आभारी हूं, जिन्होंने माननीय बांबे हाई कोर्ट में मेरा पक्ष रखा।