नई दिल्ली। निर्भया... यह सिर्फ एक नाम नहीं क्रांती है। 16 दिसंबर 2012 की वो रात जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। निर्भया गैंगरेप मामले में दोषियों की फांसी की सजा बरकरार रहेगी या नहीं इसपर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुना सकती है। जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस आर भानूमति और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच आज फैसला सुनाएगी।
निचली अदालत ने मुकेश, पवन, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को मौत की सज़ा सुनाई थी जिसे दिल्ली हाई कोर्ट ने बरक़रार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के बाद 27 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
गैंगरेप के आरोप में 6 लोग गिरफ्तार किए गए थे। एक आरोपी रामसिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। जबकि एक नाबालिग आरोपी 3 साल की सजा पूरी कर सुधार गृह से रिहा हो चुका है।
PC- Arun Thakur
बाकी चार दोषियों मुकेश, अक्षय, पवन और विनय को साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। 14 मार्च, 2014 को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी इस पर मुहर लगा दी थी। दोषियों ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
PC- Arun Thakur
Courtesy: National Dastak
निचली अदालत ने मुकेश, पवन, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को मौत की सज़ा सुनाई थी जिसे दिल्ली हाई कोर्ट ने बरक़रार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के बाद 27 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
गैंगरेप के आरोप में 6 लोग गिरफ्तार किए गए थे। एक आरोपी रामसिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। जबकि एक नाबालिग आरोपी 3 साल की सजा पूरी कर सुधार गृह से रिहा हो चुका है।
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बाकी चार दोषियों मुकेश, अक्षय, पवन और विनय को साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। 14 मार्च, 2014 को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी इस पर मुहर लगा दी थी। दोषियों ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
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