लोकसभा चुनाव 2019 में मिली प्रचंड जीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी एक ओर अल्पसंख्यकों को भय मुक्त कराने की बात कह रहे हैं। वहीं दूसरी ओर देश के अलग-अलग राज्यों से अल्पसंख्यकों के साथ हो रही हिंसा की खबरें आ रही है। इन घटनाओं के आरोपी ज्यादातर आरएसएस या इनसे जुड़े संस्थानों के कार्यकर्ता ही होते हैं। ऐसे में सवाल यह है कि मोदी जी के शब्दों में आखिर अल्पसंख्यक कितनी भरोसा कर सकते हैं।
आइये डालते हैं कुछ ऐसी ही घटनाओं पर एक नजर:-
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मोदी 2.0 की अनोखी शुरुआत
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