संस्कृति

October 10, 2021
नवरात्रि के दौरान पश्चिम बंगाल दुर्गा पूजा के कारण सुर्खियों में रहता है। इस बार भी दुर्गा पंडाल सज गए हैं और कलाकारों ने अपनी कला के माध्यम से दूरगामी व वर्तमान की परिस्थितियों के संदेश उकेरे हैं। हालांकि, कोलकाता हाईकोर्ट की कोरोना गाइडलाइन के अनुसाल श्रद्धालु पंडालों के अंदर नहीं जा सकेंगे। लेकिन पंडालों की तस्वीरें विभिन्न मीडिया द्वारा सामने आ रही हैं। कोलकाता के आयोजकों ने पंडाल की थीम...
October 7, 2021
सीएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, कश्मीर के ग्रैंड मुफ्ती नसीर-उल-इस्लाम ने कश्मीर में निर्दोष नागरिकों की हत्याओं पर दुख व्यक्त किया और कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने लोगों से सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारा बनाए रखने की भी अपील की है। Image Courtesy:qnstv.com सीएनएस से बात करते हुए मुफ्ती ने नागरिक हत्याओं की निंदा की और कहा कि...
October 2, 2021
यह सर्वविदित है कि महात्मा गांधी ने विभिन्न धार्मिक ग्रंथों के अंशों का पाठ करते हुए एक सर्वधर्म प्रार्थना के साथ बैठकें शुरू कीं। गांधी सांप्रदायिक सद्भाव के विचार में दृढ़ विश्वास रखते थे। बचपन से ही, जब उनके बचपन में पिता ने उनका पालन-पोषण किया, तो उन्हें अपने पिता के दोस्तों को सुनने का अवसर मिला, जो इस्लाम और पारसी सहित विभिन्न धर्मों से संबंधित थे, अपने धर्मों के बारे में बात करते थे।...
September 5, 2021
‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाने से पहले कुछ खास बातों को जरूर जान लेना चाहिए। एक यह कि भारत पांच हजार साल पुरानी सभ्यता है। दूसरा कि यह कोई पहली विभीषिका नहीं है। महाभारत की विभीषिका हुई। हमारी पुरानी कथाओं के मुताबिक 120 करोड़ लोग इसमें मारे गए। द्रोपदी के कपड़े उतारे गए। सीता का अपहरण हुआ। द्रोणाचार्य ने एकलव्य का अंगूठा कटवाया। गांधी जी की हत्या की गई। दलितों और अल्पसंखयकों के...
August 30, 2021
हसरत मोहानी: कवि और दूरदर्शी हसरत मोहानी एक सच्चे मनमौजी व्यक्ति थे। 1908 में उन्होंने अपनी उर्दू पत्रिका, उर्दू-ए-मुल्ला (परिसंचरण 500) में एक गुमनाम लेख प्रकाशित किया, जिसमें शिक्षा के संबंध में मिस्र में ब्रिटिश औपनिवेशिक नीति की कड़ी आलोचना की गई थी। भारत में अधिकारियों ने तुरंत उन पर "देशद्रोह" का आरोप लगाया। लेखक के नाम का खुलासा करने से इनकार करते हुए, उन्होंने लेख की पूरी...
July 22, 2021
खेती-किसानी का हमेशा से प्रकृति से एक घनिष्ठ संबंध रहा है तो लोकगीतों का आदिवासी संस्कृति और परंपरा में अपना अलग महत्व हैं। सामाजिक सांस्कृतिक वातावरण से घनिष्ठ जुड़ाव लोकगीतों की एक प्रमुख विशेषता रही है। यह जुड़ाव ही है जो श्रोताओं के मस्तिष्क पटल पर गहराई से छाप छोड़ता है और जिसमें श्रोतागण अपने सुख-दुःख के अनुभव की गाथा को टटोलने का प्रयास करते हैं। प्रायः अन्नदाता वर्ग की मनःस्थिति कृषिगत...
July 21, 2021
हरिदास ने अपने परिवार और अपने घर की अधिकतर ज़िम्मेदारी पूरी कर ली थी. zamzam well उसकी माँ शान्ति-देवी की इच्छा थी कि वो एक दिन महातीर्थ करें. इसलिए हरिदास निकल पड़ा अपनी माँ को लेकर. उस पावन नगरी में प्रवेश से पूर्व, मन एवं तन की शुद्धि के लिए पवित्र कुएं के पानी से स्नान करना आवश्यक है. उसके बाद बिना सिली हुई धोती और श्वेत सूती कपड़े का, बिना सिला हुआ अंगरखा/गमछा हरिदास ने पहना...
June 29, 2021
उर्दू मुख्यतः अशराफ मुस्लिमों की भाषा रही है। जिसे वो अपने राजनीतिक स्वार्थ सिद्धि के लिए पूरे मुसलमानो की भाषा बना कर प्रस्तुत करता है, जबकि पसमांदा की भाषा क्षेत्र विशेष की भाषाएं, अपभ्रंश भाषाएं एवं बोलियाँ रही हैं। अशराफ अपनी इस नीति में कामयाब भी रहा है और आज भी पसमांदा की एक बड़ी आबादी उर्दू से अनभिज्ञ होने के बाद भी उर्दू को ही अपनी भाषा बताती है, यहाँ तक कि कर्नाटक के कन्नड़ भाषी पसमांदा...
June 23, 2021
जून की भरी दोपहर में बाजार में लोग कम थे। चाय की दुकान जिसपर मैं बैठा अखबार को पलट रहा था वहां मेरे और चाय वाले के अलावा दो और व्यक्ति बैठे थे जो आपस मे बातें किये जा रहे थे। एक युवा लड़का भी था जो सचिन पायलट सा दिखता था। वह ठीक मेरी बगल में बेंच पर बैठा था। मैंने अखबार पलटे तो उसमें सरकार के विज्ञापन, गुणगान के अलावा खबरें भी थीं। एक मिनट में ही अखबार पलटकर मैं फ्री हो गया। बगल में बैठे सचिन...
April 16, 2021
कुंभ के कोरोना हॉट स्पॉट में बदलने से मचे हाहाकार के बीच 'आस्था' की आड़ में सरकारी दावों व कुतर्कों से उलट, कोरोना की भयावहता को देख अखाड़ों ने खुद ही, कुंभ से अलग होना शुरू कर दिया है। कुंभ मेले के बीच कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए निरंजनी अखाड़े ने 15 दिन पहले ही ऐलान कर दिया है कि उनके लिए महाकुंभ खत्म हो चुका है। खास है कि निरंजनी अखाड़ा, जूना अखाड़े के बाद दूसरा सबसे बड़ा नागा...