AIIMS से कैसे गायब हुए संत गोपालदास, सामाजिक कार्यकर्ताओं की मांग- संतों की बात सुने सरकार

Written by Sabrangindia Staff | Published on: December 15, 2018
नई दिल्ली। 24 जून, 2018 से गंगा-हिमालयी बेसिन के संरक्षण और निरमल गंगा के लिए भूख हड़ताल पर बैठे संत गोपालदास के एम्स से गायब हो जाने पर हर कोई आश्चर्यचकित है। गोपाल दास 4 दिसंबर से दिल्ली के एम्स से गायब हैं तब से उनका कोई पता नहीं चल पाया है। पिछले 171 दिन से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे संत गोपाल दास से सरकार ने बात करना मुनासिब नहीं समझा। बल्कि, कई बार उनका उपवास तुड़वाने के प्रयास किए गए। 

स्वामी सानंद (डॉ जीडी अग्रवाल) के साथ ऐसा ही हुआ था, जिन्होंने 112 दिनों की भूख हड़ताल के कारण दम तोड़ दिया था। गंगा सफाई पर करोड़ों खर्च कर रही मोदी सरकार पैसा कहां डाल रही है इसकी भी कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में गंगा सफाई की मांग करते हुए स्वामी सानंद दम तोड़ चुके हैं। वहीं एक और संत गोपालदास भी गंगा सफाई की मांग के साथ हड़ताल पर थे लेकिन सरकार की उदासीनता के चलते उन्हें गायब ही करा दिया गया यह आरोप संत गोपालदास के भाई और मां का है।  

कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने संत गोपाल दास के गायब होने के कारणों का पता लगाने के लिए सरकार पर दवाब डालने के उद्देश्य से एकजुट होने का आह्वान किया है। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि हम उत्तराखंड और भारत सरकार को संत गोपालदास के गायब करने के लिए सीधे जिम्मेदार ठहराते हैं। हम यह भी मांग करते हैं कि सरकार को संतों के साथ संवाद करना चाहिए। अभी ब्रह्मचारी अत्मबोधनंद मती सदन, हरिद्वार में अनशन पर बैठे हैं। इन कार्यकर्ताओं ने संतों की बात सुनने और संत गोपालदास को तलाश करने के उद्देश्य से एकजुट होने का आह्वान किया है। 

मेधा पाटकर
स्वामी अग्निवेश
राजेन्द्र सिंह
रवि चोपड़ा
डुनू रॉय
भारत झुनझुनवाला
एस.के. गुप्ता
परितोष त्यागी
आशीष कोठारी
वी.एन. शर्मा
फैसल खान
सैयद तहसीन अहमद
नरेश कुमार शर्मा
सरिता कुमारी
प्रणव कुमार वशिष्ठ
मल्लिका भानोत
हेमंत ध्यानी
प्रकाश श्रीवास्तव
बॉबी रमाकांत
संदीप पांडे
संजय सिंह, एमपी, राज्य सभा
प्रवीण सिंह

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