अंधविश्वास: 3 साल के बच्चे की कराई कुतिया से शादी

Published on: January 19, 2018
रायपुर. भारत में आज भी अंधविश्वास चरम पर है. ग्रामीण क्षेत्रों में यह और भी ज्यादा है. झारखंड में बच्चों की शादी जानवरों से कराई जाती है. ताकि अपशकुन कट जाए और बच्चे को लंबी जिंदगी मिले. झारखंड के बुरुडीह टोला आसुरा में विकास नामक तीन वर्षीय बच्चे की शादी परिवार वालों ने कुतिया से कराई. यह खबर चर्चाओं में है.



शादी के पीछे की मान्यता है कि अगर किसी बच्चे के ऊपरी जबड़े में 10 महीने में पहला दांत निकले तो इसे अशुभ माना जाता है. फिर इस अपशकुन से निपटने के लिए पूरे विधि-विधान से से कुतिया या कुत्ते से उनकी शादी कराई जाती है. यह अंधविश्वास झारखंड सहित पड़ोसी ओडिशा के कुछ जिलों में भी कायम है. पुरानी परंपरा के तहत ऊपर के दांत निकलने पर बच्चों की शादी पशुओं से कराई जाती है. 

अगर लड़का होता है तो उसकी शादी कुतिया से और लड़की होने पर उसकी शादी कुत्ते से होती है. खास बात है कि शादी पूरे धूम-धाम से होती है. पूरे गांव के लोग जुटते हैं. विवाह की तरह इसका भी गांववालों को न्यौता जाता है. झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम और ओडिशा के क्योंझर व मयूरभंज जिले में सबसे ज्यादा इस परंपरा का पालन होता है. 

गांववाले बताते हैं कि जबड़े के ऊपरी हिस्से में पहला दांत निकलने पर बच्चे पर मृत्युदोष का खतरा मंडराता है. इस खतरे को टालने के लिए पशुओं से शादी कराई जाती है. यही नहीं कभी-कभी पेड़ से भी बच्चों की शादी कराई जाती है. इसे स्थानीय भाषा में ‘दैहा बपला’ कहते हैं. मान्यता है कि इन शादियों से बच्चे पर मंडराता खतरा पशुओं और पेड़ों पर चला जाता है.
 

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