सुप्रीम कोर्ट का विनोद दुआ की तत्काल गिरफ़्तारी पर रोक, जांच रद्द करने से इनकार

Written by sabrang india | Published on: June 15, 2020
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ विभिन्न राज्यों में दर्ज एफआईआर को स्थगित करने से मना कर दिया। हालांकि कोर्ट ने अगली सुनवाई यानी कि छह जुलाई तक पत्रकार की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार से मामले में जांच के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट दायर करने को कहा है।



रविवार को हुई विशेष सुनवाई के दौरान जस्टिस यूयू ललित, मोहन शांतानागौदर और विनीत सरन की पीठ ने मामले को लेकर केंद्र, हिमाचल प्रदेश सरकार और पुलिस को नोटिस जारी किया।

पीठ ने जांच पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश पुलिस को विनोद दुआ से पूछताछ करने के लिए 24 घंटे पहले नोटिस देना होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि पुलिस उनके आवास पर उनसे पूछताछ कर सकती है।

मालूम हो कि भाजपा नेता अजय श्याम द्वारा लगाए गए राजद्रोह के आरोपों पर शिमला पुलिस ने विनोद दुआ को समन जारी किया था। विनोद दुआ की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील विकास सिंह द्वारा कई बार विनती करने के बावजूद कोर्ट ने जांच पर रोक लगाने से मना कर दिया।

सिंह ने कहा कि सरकार के खिलाफ न्यूज प्रसारित करने के कारण एफआईआर दायर कर विनोद दुआ का उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘अगर दुआ ने जो कहा है वो राजद्रोह है तो इस आधार पर देश में सिर्फ दो चैनल ही काम कर पाएंगे।’

अजय श्याम ने शिकायत दायर कर कहा है कि दुआ द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आतंकी हमलों और मौतों का इस्तेमाल वोटबैंक की राजनीति के लिए करने का आरोप सरकार गिराने के लिए लोगों को भड़का रहा है।

श्याम ने दावा किया है कि विनोद दुआ सरकार और प्रधानमंत्री के खिलाफ ‘फेक न्यूज़’ फैलाकर हिंसा भड़का रहे हैं।

इससे पहले एक अन्य शिकायतकर्ता भाजपा प्रवक्ता नवीन कुमार ने दुआ पर कथित तौर पर ‘दिल्ली दंगों को लेकर गलत रिपोर्टिंग और ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के समय उनके बारे में गैर-संदर्भित रिपोर्टिंग’ का आरोप लगाया है।

उन्होंने कहा कि दुआ यूट्यूब पर एचडब्ल्यू न्यूज़ चैनल पर ‘द विनोद दुआ शो’ के माध्यम से ‘फर्जी सूचनाएं फैला’ रहे हैं। दुआ ने प्रधानमंत्री के बारे में ‘डर फैलाने वाला’ जैसे अपमानजनक शब्द कहकर उनका अपमान किया है। कुमार ने यह भी कहा कि दुआ ने प्रधानमंत्री को ‘कागजी शेर’ बताया था।

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले में एफआईआर पर रोक लगा दी थी। जस्टिस अनूप जयराम भम्बानी की एकल पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया दुआ के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है और इस प्रसारण से विभिन्न समुदाओं के बीच नफरत या शांति में खलल नहीं पड़ता है।

हाईकोर्ट द्वारा एफआईआर पर रोक लगाने के दो दिन बाद हिमाचल प्रदेश पुलिस ने विनोद दुआ को समन भेजा था।

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