गैंगस्टर विकास दुबे। 10 जुलाई को कथित पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। 20 जुलाई को सीजेआई एस.ए. बोबडे ने यूपी सरकार पर तीखी टिप्पणी की। साथ ही विकास दुबे की जमानत से जुड़े अलग-अलग मामलों में निचली अदालतों के फैसले की जानकारी यूपी सरकार से मांगी।

सीजेआई ने कहा,
‘ये चौंकाने वाली बात है कि इतने सारे मामलों में वांछित होने के बावजूद वह ज़मानत पर था। हमें सभी आदेशों की रिपोर्ट दीजिए। यह सिस्टम की असफलता दिखाता है। ये सिर्फ एक घटना का सवाल नहीं है, पूरा सिस्टम दांव पर है।’
कोर्ट में यूपी सरकार की तरफ से कहा गया कि विकास दुबे की मौत के मामले की जांच के लिए कमिटी बनाई जाएगी। कोर्ट ने कहा कि इस कमिटी में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज और एक रिटायर्ड पुलिस अफसर को शामिल किया जाए।
विकास दुबे की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट
विकास दुबे की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट 20 जुलाई को ही जारी हुई है। इसके मुताबिक, विकास दुबे को छह गोलियां लगी थीं। इनमें से तीन उसके शरीर के आर-पार निकल गईं। इसके अलावा उसके शरीर पर भागने और गिरने की वजह से लगी चोटों के निशान भी पाए गए हैं। बताया गया कि गोली लगने के बाद हेमरेज और शॉक की वजह से विकास दुबे की मौत हुई।
ये है पूरा मामला
2 जुलाई की देर रात कानपुर के बिकरू गांव में विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस पर हमला हुआ था। इसमें आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इसके बाद पुलिस ने विकास के मामा प्रेम प्रकाश, अमर, प्रभात और बउवन को मुठभेड़ में मार गिराया था। कई लोग गिरफ्तार किए गए हैं। विकास कई दिनों तक पुलिस को छकाता रहा, फिर मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर में पकड़ा गया।
उज्जैन से गिरफ़्तारी के बाद कानपुर लाते वक्त भौती हाइवे पर पुलिस मुठभेड़ में विकास दुबे को एसटीएफ ने मार गिराया था। पुलिस ने कहा कि विकास दुबे की गाड़ी पलट गई, जिसके बाद उसने पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। जवानों पर गोली चलाई, जवाबी फायरिंग में वो मारा गया।

सीजेआई ने कहा,
‘ये चौंकाने वाली बात है कि इतने सारे मामलों में वांछित होने के बावजूद वह ज़मानत पर था। हमें सभी आदेशों की रिपोर्ट दीजिए। यह सिस्टम की असफलता दिखाता है। ये सिर्फ एक घटना का सवाल नहीं है, पूरा सिस्टम दांव पर है।’
कोर्ट में यूपी सरकार की तरफ से कहा गया कि विकास दुबे की मौत के मामले की जांच के लिए कमिटी बनाई जाएगी। कोर्ट ने कहा कि इस कमिटी में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज और एक रिटायर्ड पुलिस अफसर को शामिल किया जाए।
विकास दुबे की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट
विकास दुबे की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट 20 जुलाई को ही जारी हुई है। इसके मुताबिक, विकास दुबे को छह गोलियां लगी थीं। इनमें से तीन उसके शरीर के आर-पार निकल गईं। इसके अलावा उसके शरीर पर भागने और गिरने की वजह से लगी चोटों के निशान भी पाए गए हैं। बताया गया कि गोली लगने के बाद हेमरेज और शॉक की वजह से विकास दुबे की मौत हुई।
ये है पूरा मामला
2 जुलाई की देर रात कानपुर के बिकरू गांव में विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस पर हमला हुआ था। इसमें आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इसके बाद पुलिस ने विकास के मामा प्रेम प्रकाश, अमर, प्रभात और बउवन को मुठभेड़ में मार गिराया था। कई लोग गिरफ्तार किए गए हैं। विकास कई दिनों तक पुलिस को छकाता रहा, फिर मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर में पकड़ा गया।
उज्जैन से गिरफ़्तारी के बाद कानपुर लाते वक्त भौती हाइवे पर पुलिस मुठभेड़ में विकास दुबे को एसटीएफ ने मार गिराया था। पुलिस ने कहा कि विकास दुबे की गाड़ी पलट गई, जिसके बाद उसने पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। जवानों पर गोली चलाई, जवाबी फायरिंग में वो मारा गया।