लॉकडाउन के दौरान वाराणसी के बड़ागांव ब्लाक के कोइरीपुर गांव में चार दिन से भूखे वनवासी बच्चे अंकरी घास व नमक खा रहे हैं। आलू की जोताई हुई खेत में बिने हुए आलू को उबाल कर पेट भरने की सूचना पर प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आए। एसडीएम पिंडरा के निर्देश पर बृहस्पतिवार की शाम बड़ागांव थानाध्यक्ष और ग्राम प्रधान ने वनवासी परिवार को 10-10 किलो चावल और 2-2 किलो दाल सहित अन्य खाद्य सामग्री उपलब्ध कराया। इस दौरान ग्राम प्रधान ने जिम्मा लिया कि लगभग 17 से 40 सदस्यों वाले वनवासी बस्ती में राशन की कमी नहीं होने दी जाएगी।
कोइरीपुरी के वनवासी बस्ती में अधिकतर ईंट भट्ठा पर कार्य करते हैं तो कुछ आसपास इलाकों में मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालते हैं। 22 मार्च जनता कर्फ्यू के दौरान से ही परिवार के सभी सदस्य घर पर बैठ गए हैं। रोज कमाने रोज खाने की परिपाटी पर चलने वाले परिवार के सदस्यों को कुछ नहीं मिला तो वह सिवार के खेतों में अंकरी घास, जिसे इस समय पशुओं को चारा के रूप में खिलाया जाता है। इस घास में मटर से छोटी फलियां लगी होती है।
यही बच्चे नमक के साथ खा रहे थे। वहीं बड़े सदस्य आलू की जोताई हुई खेतों में आलू बीनकर उसके उबालकर पिछले चार दिनों से खा रहे थे। अपराह्न के समय गांव के कुछ युवकों ने इसकी सूचना पिंडरा एसडीएम मणिकंडन ए को दी। जिनके निर्देश पर शाम के वक्त बड़ागांव थानाध्यक्ष संजय सिंह व ग्राम प्रधान प्रतिनिधि शिवराज यादव ने वनवासी बस्ती में खाद्यान पहुंचाया।
पूर्व विधायक ने भिजवाया खाद्य सामग्री
भूख से बिलख रहे वनवासी परिवार की जानकारी जब पिंडरा के पूर्व विधायक अजय राय को हुई तो उन्होंने अपने प्रतिनिधियों को तत्काल मौके पर खाद्यान्न सामग्री लेकर भेजा। इस दौरान पूर्व विधायक ने आश्वस्त किया कि जब तक लॉकडाउन रहेगा तब तक वनवासी परिवारों को खाद्यान्न की कमी नहीं होने दी जाएगी।
साभार- अमर उजाला
कोइरीपुरी के वनवासी बस्ती में अधिकतर ईंट भट्ठा पर कार्य करते हैं तो कुछ आसपास इलाकों में मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालते हैं। 22 मार्च जनता कर्फ्यू के दौरान से ही परिवार के सभी सदस्य घर पर बैठ गए हैं। रोज कमाने रोज खाने की परिपाटी पर चलने वाले परिवार के सदस्यों को कुछ नहीं मिला तो वह सिवार के खेतों में अंकरी घास, जिसे इस समय पशुओं को चारा के रूप में खिलाया जाता है। इस घास में मटर से छोटी फलियां लगी होती है।
यही बच्चे नमक के साथ खा रहे थे। वहीं बड़े सदस्य आलू की जोताई हुई खेतों में आलू बीनकर उसके उबालकर पिछले चार दिनों से खा रहे थे। अपराह्न के समय गांव के कुछ युवकों ने इसकी सूचना पिंडरा एसडीएम मणिकंडन ए को दी। जिनके निर्देश पर शाम के वक्त बड़ागांव थानाध्यक्ष संजय सिंह व ग्राम प्रधान प्रतिनिधि शिवराज यादव ने वनवासी बस्ती में खाद्यान पहुंचाया।
पूर्व विधायक ने भिजवाया खाद्य सामग्री
भूख से बिलख रहे वनवासी परिवार की जानकारी जब पिंडरा के पूर्व विधायक अजय राय को हुई तो उन्होंने अपने प्रतिनिधियों को तत्काल मौके पर खाद्यान्न सामग्री लेकर भेजा। इस दौरान पूर्व विधायक ने आश्वस्त किया कि जब तक लॉकडाउन रहेगा तब तक वनवासी परिवारों को खाद्यान्न की कमी नहीं होने दी जाएगी।
साभार- अमर उजाला