दिल्ली में 12 मई को मतदान होना है। ऐसे में दिल्ली में रहने वाली शिल्पकार, डिजाइनर और सामाजिक कार्यकर्ता लैला तैयबजी ने राष्ट्रीय राजधानी की जनता से अपील की है कि वे अपने बुद्धि और विवेक का प्रयोग करते हुए ही ईवीएम का बटन दबाएं। लैला तैयबजी ने कल एक फेसबुक पोस्ट के जरिए दिल्ली के मतदाताओं से मतदान जरूर करने की अपील की है।
लैला तैयबजी ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि 2014 में नरेंद्र मोदी चुनावी अखाड़े में एक महानायक सांता क्लॉज़ की भूमिका निभा रहे थे, जिसमें वे सुनहरे वायदे, नौकरियां, सुशासन, बैंक में पैसा, भ्रष्टाचार खत्म करने का वादा कर रहे थे। लेकिन 5 साल बाद वे अपने अतीत की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं के बारे में बात करना भी गंवारा नहीं कर रहे। इसके बजाय वह 28 साल पहले मर चुके राजीव गांधी और 56 साल पहले मरने वाले नेहरू के भूतों से लड़ने में व्यस्त हैं। मोदी के आरोप का 9 मई को पूर्व नौसेना प्रमुख सहित अन्य दिग्गज हस्तियों ने खंडन किया है।
इस बीच बीजेपी नेता मुद्दों से हटकर कुछ भी बोल रहे हैं। एक नेता ईसाई और मुसलमानों को बांझ बनाना चाहता था तो एक साध्वी जो आतंकवाद के मामले में बेल पर बाहर हैं उनका दावा है कि उनके श्राप की वजह से हेमंत करकरे की मौत हुई। भाजपा की ही एक मंत्री ने धमकी दी कि अगर वोट नहीं दोगे तो विकास के लाभ से आपको वंचित कर दिया जाएगा। इस बीच उनके बेटे ने कहा कि दलित सिर्फ उनके जूते के फीते बांधने के लिए हैं। इसके साथ ही इस पार्टी के एक नेता दिल्ली में अपनी प्रतिद्वंदी आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार के खिलाफ पर्चे बंटवा रहे हैं जिसमें उन्हें वेश्या बताया गया है। इसके साथ ही उनको मिश्रित रक्त वाली बताया गया है। चुनाव में यह सब कुछ चल रहा है और उस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इसकी निंदा करने के बजाय अपने पूर्ववर्ती मृत प्रधानमंत्रियों को झूठे आंकड़ों और तथ्यों के सहारे कोसने में व्यस्त है। भाजपा द्वारा अब फिल्म स्टार्स, क्रिकेटर्स, रेसलर्स, और यहां तक कि एक हेयर ड्रेसर को भी टिकट दिया गया है बजाय सामाजिक आर्थिक जानकारों के, ताकि जनता पेज-3 थ्री के ग्लैमरस चेहरों पर वोट दे। ऐसे में सवाल है कि क्या यह पब्लिक को भा रहा है?
भाजपा के अन्य लोग संविधान में बदलाव का आह्वान कर रहे हैं। आने वाले समय में आरएसएस से जुड़ी शिक्षा संस्कृति को लागू करने के प्रयासों में लगे हैं। आरएसएस के शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) को सिफारिशों की एक सूची भेजी है, जिसमें इसकी "आधारहीन और पक्षपाती" पाठ्यपुस्तकों में बदलाव करने और हटाने की मांग की गई है। अंग्रेजी, उर्दू और अरबी शब्द, क्रांतिकारी कवि पाश की एक कविता और मिर्ज़ा ग़ालिब की एक रचनाओं को हटाने की मांग की गई है।
लैला तैयबजी ने अंत में लिखा है कि जैसे ही दिल्ली में मतदान के लिए लॉरेंस फेरलिंगहेती के शब्द गूंजते हैं:
जिस देश के लोग भेड़ हैं, उस पर दया करो,
और जिनके चरवाहे उन्हें गुमराह करते हैं।
जिस देश के नेता झूठे हैं, जिनके संत चुप हो गए हैं, उन पर दया करो,
और जिनके बड़े-बड़े हवाई दावे परेशान करते हैं।
उस राष्ट्र पर दया करें जो अपनी आवाज़ नहीं उठाता,
विजेता की प्रशंसा करने के अलावा और धमकाने को नायक के रूप में प्रशंसा करते हैं
और बल व यातना के साथ दुनिया पर शासन करने का लक्ष्य है .... "
उस बटन का बुद्धिमानी से उपयोग करें, दोस्तों।
लैला तैयबजी ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि 2014 में नरेंद्र मोदी चुनावी अखाड़े में एक महानायक सांता क्लॉज़ की भूमिका निभा रहे थे, जिसमें वे सुनहरे वायदे, नौकरियां, सुशासन, बैंक में पैसा, भ्रष्टाचार खत्म करने का वादा कर रहे थे। लेकिन 5 साल बाद वे अपने अतीत की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं के बारे में बात करना भी गंवारा नहीं कर रहे। इसके बजाय वह 28 साल पहले मर चुके राजीव गांधी और 56 साल पहले मरने वाले नेहरू के भूतों से लड़ने में व्यस्त हैं। मोदी के आरोप का 9 मई को पूर्व नौसेना प्रमुख सहित अन्य दिग्गज हस्तियों ने खंडन किया है।
इस बीच बीजेपी नेता मुद्दों से हटकर कुछ भी बोल रहे हैं। एक नेता ईसाई और मुसलमानों को बांझ बनाना चाहता था तो एक साध्वी जो आतंकवाद के मामले में बेल पर बाहर हैं उनका दावा है कि उनके श्राप की वजह से हेमंत करकरे की मौत हुई। भाजपा की ही एक मंत्री ने धमकी दी कि अगर वोट नहीं दोगे तो विकास के लाभ से आपको वंचित कर दिया जाएगा। इस बीच उनके बेटे ने कहा कि दलित सिर्फ उनके जूते के फीते बांधने के लिए हैं। इसके साथ ही इस पार्टी के एक नेता दिल्ली में अपनी प्रतिद्वंदी आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार के खिलाफ पर्चे बंटवा रहे हैं जिसमें उन्हें वेश्या बताया गया है। इसके साथ ही उनको मिश्रित रक्त वाली बताया गया है। चुनाव में यह सब कुछ चल रहा है और उस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इसकी निंदा करने के बजाय अपने पूर्ववर्ती मृत प्रधानमंत्रियों को झूठे आंकड़ों और तथ्यों के सहारे कोसने में व्यस्त है। भाजपा द्वारा अब फिल्म स्टार्स, क्रिकेटर्स, रेसलर्स, और यहां तक कि एक हेयर ड्रेसर को भी टिकट दिया गया है बजाय सामाजिक आर्थिक जानकारों के, ताकि जनता पेज-3 थ्री के ग्लैमरस चेहरों पर वोट दे। ऐसे में सवाल है कि क्या यह पब्लिक को भा रहा है?
भाजपा के अन्य लोग संविधान में बदलाव का आह्वान कर रहे हैं। आने वाले समय में आरएसएस से जुड़ी शिक्षा संस्कृति को लागू करने के प्रयासों में लगे हैं। आरएसएस के शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) को सिफारिशों की एक सूची भेजी है, जिसमें इसकी "आधारहीन और पक्षपाती" पाठ्यपुस्तकों में बदलाव करने और हटाने की मांग की गई है। अंग्रेजी, उर्दू और अरबी शब्द, क्रांतिकारी कवि पाश की एक कविता और मिर्ज़ा ग़ालिब की एक रचनाओं को हटाने की मांग की गई है।
लैला तैयबजी ने अंत में लिखा है कि जैसे ही दिल्ली में मतदान के लिए लॉरेंस फेरलिंगहेती के शब्द गूंजते हैं:
जिस देश के लोग भेड़ हैं, उस पर दया करो,
और जिनके चरवाहे उन्हें गुमराह करते हैं।
जिस देश के नेता झूठे हैं, जिनके संत चुप हो गए हैं, उन पर दया करो,
और जिनके बड़े-बड़े हवाई दावे परेशान करते हैं।
उस राष्ट्र पर दया करें जो अपनी आवाज़ नहीं उठाता,
विजेता की प्रशंसा करने के अलावा और धमकाने को नायक के रूप में प्रशंसा करते हैं
और बल व यातना के साथ दुनिया पर शासन करने का लक्ष्य है .... "
उस बटन का बुद्धिमानी से उपयोग करें, दोस्तों।