यूपी निकाय चुनाव: मुस्लिम प्रत्याशियों के सहारे कितनी कामयाब हुई भाजपा?

Written by रवि शंकर दुबे | Published on: May 16, 2023
भाजपा ने यूपी के निकाय चुनाव में नया प्रयोग करते हुए 395 मुसलमानों को टिकट दिया था, जिसमें उम्मीदवारों ने प्रदर्शन भी अच्छा किया है।


फ़ोटो साभार: नई दुनिया

उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव के नतीजे आ गए हैं, इन चुनावों में भाजपा ने शहरों में तो बढ़िया प्रदर्शन किया है लेकिन कस्बों और नगर पंचायत में प्रदर्शन को उतना बेहतर नहीं कहा जाएगा। यहां उसे सपा और बसपा दोनों से कड़ी चुनौती मिली।

अंतिम आंकड़ों के अनुसार प्रदेश की सभी 17 नगर निगम की सीटें भाजपा ने जीत लीं। तो नगर पालिका अध्यक्ष की 199 सीटों में 89 पर जीत हासिल कर ली, इसके अलावा नगर पंचायत अध्यक्ष की 544 सीटों में 193 सीटें हासिल कीं। इस तरह नगर निगम छोड़ दें तो बाकी में अन्य राजनीतिक दलों जैसे सपा, बसपा ने कोई ख़राब प्रदर्शन नहीं किया यानी भाजपा, सपा और बसपा की जीत के आंकड़े आसपास ही रहे।

इन सबके अलावा इन चुनावों में सबसे ज़्यादा चर्चा का विषय रहे मुसलमान उम्मीदवार। क्योंकि लोकसभा और विधानसभा में पूरी तरह हाशिये पर डाल देने के बाद पहली बार ऐसा हुआ जब भाजपा ने नगर निकाय के चुनाव में 300 से ज़्यादा मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि यहां भी उन्हें निगम मेयर के पदों पर नहीं उतारा गया बल्कि पालिका अध्यक्ष, पार्षद और सभासद जैसे पदों पर आज़माया गया। ऐसे में यह चर्चा करना बेहद ज़रूरी है कि जो मुसलमान उम्मीदवार भाजपा के टिकट पर लड़ रहे थे, उनका क्या हाल है?

सबसे पहले बात नगर पालिका की...

भाजपा ने नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए कुल पांच मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, इसमें रामपुर ज़िले में भाजपा ने दो मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें टांडा नगर पालिका परिषद में अध्यक्ष पद पर मेहनाज जहां और रामपुर नगर पालिका परिषद में अध्यक्ष पद पर डॉ. मुसरेत मुजीब को प्रत्याशी बनाया गया था, लेकिन दोनों प्रत्याशी चुनाव हार गए। मेहनाज जहां को निर्दलीय चुनाव लड़ रहीं साहिब सरफराज ने हरा दिया, तो डॉ. मुसरेत मुजीब को आम आदमी पार्टी की सना खानम ने हराकर चुनाव जीत लिया।

इसके अलावा आज़मगढ़ के मुबारकपुर से भाजपा प्रत्याशी तमन्ना बानो को निर्दलीय डॉ सबा शमीम ने हरा दिया, तो बदायूं जिले की ककराला पालिका अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़े रहे भाजपा के मरगून अहमद खां को निर्दलीय इन्तखाब ने हराकर चुनाव जीत लिया। इसके अलावा बात करें बिजनौर जिले की, तो यहां अफजलगढ़ नगर पालिका परिषद में भाजपा ने खतीजा को प्रत्याशी बनाया गया था, जिन्हें निर्दलीय तबस्सुम ने हराकर पद अपने नाम कर लिया। यानी कुल पांच पालिकाओं में भाजपा ने मुसलमानों को टिकट दिया था, लेकिन सभी पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।
 
नगर निगम पार्षद

नगर निगम में पार्षद के लिए भाजपा ने बड़ी संख्या में मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे। जिसमें सबसे ज्यादा अलीगढ़ में 18 मुसलमानों को टिकट दिया था, लेकिन एक ने भी जीत हासिल नहीं की। वहीं लखनऊ में दो सीटों पर भाजपा ने मुस्लिम चेहरों को टिकट दिया था। इनमें से सिर्फ एक पर जीत मिली। हुसैनाबाद से लुबना अली खान ने 47.41 प्रतिशत वोट पाकर जीत हासिल की है। वही बरेली में 80 में से नौ सीटों पर भाजपा ने मुस्लिम चेहरों को पार्षद पद का प्रत्याशी बनाया था। इन सभी सीटों पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। कानपुर में दस सीटों पर मुस्लिम चेहरों को टिकट दिया गया था। इन सभी पर भाजपा हार गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी तीन मुस्लिम चेहरों को टिकट दिया गया था। ये तीनों चुनाव हार गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में भी भाजपा ने एक मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट दिया था। वह भी चुनाव हार गए।

नगर पंचायत अध्यक्ष चुनाव में क्या हुआ?

पार्षद और नगर पालिका अध्यक्ष के अलावा भाजपा ने नगर पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भी कई मुस्लिम चेहरों और ख़ासकर अन्य पिछड़ा वर्ग यानी पसमांदा को मौका दिया था। बरेली के धौराटांडा से नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा के मुस्लिम उम्मीदवार नदीम उल हसन की जीत हुई है। नदीम अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं। वहीं मुरादाबाद के भोजपुर धर्मपुर नगर पंचायत से अध्यक्ष पद के उम्मीदवार फरखन्दा जबीं ने जीत हासिल की है। फरखन्दा अन्य पिछड़ा वर्ग से आती हैं। संभल के सिरसी नगर पंचायत से अध्यक्ष पद के उम्मीदवार कौसर अब्बास ने जीत हासिल की है। ये अनारक्षित सीट है। कौसर को कुल 23.73 प्रतिशत वोट मिले। सहारनपुर की सुल्तानपुर चिलकाना नगर पंचायत से अन्य पिछड़ा वर्ग की फूलबानो ने जीत हासिल की है। फूलबानो को कुल 55.34 प्रतिशत वोट मिले। हरदोई के गोपामऊ नगर पंचायत से वली मोहम्मद ने जीत हासिल की है। वली अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं। इन्हें 49.99 प्रतिशत वोट मिले। इस तरह से नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा के पांच उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है।

पंचायत सदस्य के चुनाव में भाजपा के मुस्लिम उम्मीदवार

अमेठी के रायपुर फुलवारी दक्षिणी भाग नगर पंचायत सदस्य पद पर भाजपा की जेबा खान ने जीत हासिल की है। अयोध्या के खिरौनी सुचित्तागंज निकाय से कटरौली मध्य नगर पंचायत से भाजपा के सिराज अहमद ने जीत हासिल की है। भरतकुंड भदरसा स्थित चंद्रशेखर आजाद नगर पंचायत से यासमीन बानो ने जीत हासिल की है। एटा जिले की सकीट स्थित काजी पश्चिमी नगर पंचायत से सदस्य पद पर अन्य पिछड़ा वर्ग की महरूानिसा ने जीत हासिल की है।

कानपुर में बिठूर के सूबेदार नगर से राबिया ने जीत हासिल की। कासगंज के विलराम स्थित चौधरियान पूर्वी से अन्य पिछड़ा वर्ग की फिजा ने जीत हासिल की है। फिजा को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया था। इसी तरह सिढपुरा के गांधीनगर नगर पंचायत से इरशाद को जीत मिली है। गाजियाबाद डासना के पुरानी पौठवाला नगर पंचायत से वकील अहमद ने चुनाव जीता है। वकील अन्य पिछड़ा वर्ग में आते हैं। गोंडा के तरबगंज स्थित स्वतंत्रता सेनानी भानू प्रताप नगर पंचायत से जाहिद अली ने चुनाव जीता है। जाहिद अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं। गौतमबुद्ध नगर के रबूपुरा गांधीनगर नगर पंचायत से अन्य पिछड़ा वर्ग से आने वाली शहनाज ने चुनाव जीता है। आजाद नगर नगर पंचायत से साविया विजयी हुई हैं।

चित्रकूट के आजाद नगर नगर पंचायत सदस्य पद पर इवरतुननिसा ने जीत हासिल की है। फ़र्रुखाबाद कमालगंज की जवाहरनगर नगर पंचायत से अन्य पिछड़ा वर्ग की इजाजत खां ने जीत हासिल की है। बिजनौर मंडावर की पटवारियान नगर पंचायत से महबूब ने जीत हासिल की है। जलालाबाद से कुरैशियान से फकरआलम और बंजारान नगर पंचायत से अन्य पिछड़ा वर्ग की मेहरूनिशा ने चुनाव जीता है। मुज़फ्फरनगर पुरकाजी की नूरनगरियान नगर पंचायत से निसार ने जीत हासिल की है। जिले की तहबरपुरा नगर पंचायत से अन्य पिछड़ा वर्ग महिला आरक्षित सीट से नाजली खैर ने चुनाव जीता है।

मुरादाबाद भोजपुर धर्मपुर की धर्मपुरप्रथम नगर पंचायत से नाजिर ने चुनाव में जीत हासिल की है। नाजिर अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं। इसी तरह झादेवाला नगर पंचायत से शाकिर, चौधरान नगर पंचायत से जासमीन, फतेहपुरी नगर पंचायत से अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला प्रत्याशी सिमरन नाज ने जीत हासिल की है। महराजगंज जिले की सुबाशनगर नगर पंचायत से करम हुसैन ने जीत हासिल की है।

रामपुर जिले की मौहल्ला भूड गेट नगर पंचायत से अन्य पिछड़ा वर्ग की आमाना बेगम, इमामबाडा आंशिक नगर पंचायत से अन्य पिछड़ा वर्ग की रेशमा बेगम ने जीत हासिल की है।

लखनऊ की चौधराना नगर पंचायत से मोहम्मद इमरान अंसारी विजेता हुए हैं। इमरान अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं। शाहजहांपुर की मुरादपुर प्रथम नगर पंचायत से अन्य पिछड़ा वर्ग की इदरीसा ने चुनाव जीता है। सम्भल की गिन्नौरी काहरान की नगर पंचायत सीट से फरहत अब्बास ने जीत हासिल की है। सराय सादक दालान नगर पंचायत से अन्य पिछड़ा वर्ग की हुस्न बानो, सराय सादक गिन्नौरी-2 से अन्य पिछड़ा वर्ग से इनामुल हक ने चुनाव जीता है।

सुल्तानपुर की जवाहर नगर नगर पंचायत सीट से अन्य पिछड़ा वर्ग की फरीदा बानो ने जीत हासिल की है। सहारनपुर की कोठीवाला पूर्वी नगर पंचायत सीट से अन्य पिछड़ा वर्ग के मु. इनाम, हामिद हसन मध्य नगर पंचायत से अन्य पिछड़ा वर्ग के अमजद अली, जाकिर हुसौन पूर्वी नगर पंचायत सीट से अन्य पिछड़ा वर्ग की फरा अन्जुम ने जीत हासिल की है। गढी दक्षिणी नगर पंचायत से अन्य पिछड़ा वर्ग के तौकीर चुनाव जीत गए।

कुल मिलाकर नगर निकाय चुनाव में भाजपा ने 395 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, जिसमें एक नगर निगम का पार्षद चुना गया है, 5 उम्मीदवार नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए चुने गए हैं, तो नगर पंचायत सदस्य के लिए 35 लोगों ने जीत हासिल की है। यानी इस चुनाव में भाजपा के कुल मुस्लिम उम्मीदवारों में 41 चुने गए हैं।

वैसे तो इन आंकड़ों के प्रतिशत बहुत कम है, लेकिन भाजपा की मुस्लिम विरोधी राजनीति होने के बावजूद उन्हें ये परिणाम राहत की सांस दे जाएंगे। क्योंकि पार्टी को बेहतर ढंग से मालूम है कि आने वाले लोकसभा चुनाव जीतने के लिए हर तबके के और समुदाय के वोटों की ज़रूरत होगी। आपको बता दें कि इसके लिए भाजपा ने सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में मुसलमानों के लिए अभियान चला रखा है, जिसे ‘मोदी मित्र’ कहा जा रहा है।
 
ख़ैर.. भाजपा ने निकाय चुनाव में मुसलमानों को टिकट देकर एक प्रयोग किया था, जिसमें कुछ हद तक वे सफल रहे, लेकिन देखना ये होगा कि आम चुनाव में इसका कितना फायदा पार्टी को मिलता है, या फिर जनता भाजपा की इस वोट वाली रणनीति को समझने में कामयाब हो जाएगी।

Courtesy: Newsclick

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