UP: किसानों के लिए मुसीबत बना आवारा गोवंश, योगी कैबिनेट ने 8 विभागों पर लगाया 'गो कल्याण सेस'

Written by Sabrangindia Staff | Published on: January 2, 2019
लखनऊ। योगी आदित्यनाथ गायों को लेकर कुछ ज्यादा ही चिंतित नजर आ रहे हैं। आवार घूमते गोवंश को लेकर किसान भले ही परेशान हों लेकिन योगी आदित्यनाथ ने किसानों पर ही शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट की बैठक कर मुनाफा कमाने वाले पब्लिक सेक्टर के 8 विभागों पर ‘गो कल्याण सेस’ लगाने का प्रस्ताव पास किया। इस सेस से मिलने वाली रकम पूरे प्रदेश में गायों के लिए अस्थायी शेल्टर बनाने और उनके मेंटिनेंस में इस्तेमाल की जाएगी। 

इनमें 8 विभागों में एक्साइज, पब्लिक वर्क्स, स्टेट इंडस्ट्रियल डिवेपलमेंट कॉरपोरेशन और यूपी एक्सप्रेसेवेज इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट अथॉरिटी (टोल टैक्स) आदि शामिल हैं। बता दें कि कैबिनेट बैठक में गऊ कल्याण सेस के अलावा 4 अन्य प्रस्तावों पर भी मुहर लगी।

कैबिनेट बैठक में आवारा घूमने वाले पशुओं को लेकर भी प्रस्ताव पास किया गया। इसके तहत तय हुआ कि ऐसे किसानों पर भी कार्रवाई की जाएगी, जो अपने पशुओं को सार्वजनिक स्थानों या दूसरे की संपत्ति में घूमने के लिए छोड़ देते हैं। ऐसे किसानों पर पुलिस, जिला प्रशासन या अर्बन बॉडी की ओर से जुर्माना लगाया जाएगा।

कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया, ‘‘गो कल्याण सेस लगाने का फैसला काफी खास है। इससे ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, नगर पंचायत और नगर निगम में अस्थायी गौशाला बनाने और उनकी देखभाल करने में मदद मिलेगी। वहीं, सीएम योगी ने कहा कि गौकशी किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।’’

बता दें कि आवारा गोवंश किसानों का भारी नुकसान कर रहा है। किसानों की खड़ी फसलें गाय और बैल चट कर जा रहे हैं। ऐसे में यूपी में कई स्थानों पर गायों को एक स्कूल में बंद कर दिया गया तथा एक जगह से जिंदा गाय दफन होने की खबर सामने आई थी। गोपालक किसानों के सामने उस वक्त अजीब समस्या आ जाती है जब उनकी दूथ देने वाली गाय खाली रह जाती है।

गायों में गर्भाधान की बड़ी समस्या होती है कोई गाय कब दूध देना बंद कर दे इसका भरोसा नहीं है। ऐसे में गोपालक किसानों के सामने चारे की समस्या आती है। खाली गाय को बेचा भी नहीं जा सकता ऐसे में एक ही विकल्प होता है उसे जंगल में छोड़ देना। यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद से आवारा पशुओँ की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है जिसका खामियाजा किसानों को अपनी फसल की बर्बादी देखकर भुगतना पड़ रहा है।

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