स्वास्थ्य विभाग ने एम्बुलेंस देने से किया मना, आदिवासी बेटा कंधे पर लादकर ले गया पिता का शव

Written by sabrang india | Published on: July 19, 2019
नई दिल्ली। देश में आदिवासियों के साथ भेद-भाव आज भी ख़त्म नहीं हुआ है। आए दिन आदिवासियों की अनदेखी के किस्से सुनाई पड़ते हैं।  ओडिशा के आदिवासी इलाके से स्वास्थ्य विभाग को लेकर कुछ ऐसी ही खबर सामने आ रही है। विभाग द्वारा कथित तौर पर एम्बुलेंस न देने के कारण एक आदिवासी युवक को अंतिम संस्कार के लिए पिता के शव को कंधे पर लादकर ले जाना पड़ा है।  

बताया जा रहा है कि युवक (पुलु मांझी) ने अपने 55 वर्ष के पिता (निगाड़ी मांझी) को बुखार होने पर अस्पताल में भर्ती कराया था। परंतु, इलाज़ के दौरान ही उनकी मौत हो गई थी। जिसके बाद पुलु, उसकी माँ और रिश्तेदारों ने निगाड़ मांझी का शव ले जाने के लिए एम्बुलेंस उपलब्ध कराने की विनती की थी। जिस पर उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि वे सोमवार को एम्बुलेंस नहीं चलाते हैं। जिसके कारण पुलु को अंतिम संस्कार के लिए पिता के शव लेकर पांच किलोमीटर पैदल चलना पड़ा था।

पुलु एक किसान और दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करता है। इस मामले को लेकर उसने कहा कि, 'मेरे पास निजी वाहन के लिए पैसे नहीं थे। जब सबने मेरा अनुरोध अनुसना कर दिया, तो एक रिश्तेदार के साथ मैंने पिता के शव को लंबे कपड़े में रखा और कंधे पर लटका कर अंतिम संस्कार के लिए ले गया। क्योंकि हमारे पास और कोई विकल्प भी मौजूद नहीं था।' पुलु के कुछ रिश्तेदारों ने घटना की तस्वीरें अपने मोबाइल में खींच लीं और उन अधिकारियों पर गुस्सा निकाला जिन्होंने मांझी की मदद करने से मना कर दिया था। 

थुआमुल रामपुर के सरकारी अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी ने कहा, 'एक सरकारी संगठन ने उस मरीज को सुबह 9 बजे भर्ती किया था, लेकिन उसकी 1:45 बजे मौत हो गई। उन्होंने शव को अपने गांव वापस ले जाने के लिए एक वाहन की तलाश की लेकिन उन्हें वह नहीं मिला। हमारे अस्पताल में जूनागढ़, कालमपुर और थुआमुल रामपुर के लिए एंबुलेंस है।'

वहीं कालाहांडी की मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. बनालता देवी ने मामले की गंभीरता से जांच करने का आदेश दे दिए है। साथ ही कहा कि, 'मैं इस मामले की जांच पूरी होने के बाद ही इसपर कोई टिप्पणी करुंगी। यदि जांच में लापरवाही पाई जाती है तो इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।'

बता दें कि, ओडिशा में राज्य सरकार ने महापरायण योजना लागू कर रखी है। जिसके तहत अस्पतालों से मृत शरीर को ले जाने के लिए वाहन सेवा मुफ्त में दी जाती है। इसके बाद भी अधिकारियों द्वारा पुलु मांझी की मदद न करना बेहद निंदनीय है। 

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