वनाधिकार कानून को लेकर एकजुट हुआ थारू समुदाय, वन विभाग पर लगाया उत्पीड़न का आरोप

Written by sabrang india | Published on: August 27, 2020
पलियाकलां (लखीमपुर खीरी)। दुधवा नेशनल पार्क के डिप्टी डायरेक्टर मनोज सोनकर पर छेड़छाड़ और एससीएसटी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज होने के बाद थारू समुदाय के लोग एकजुट हो गए हैं। सभी ने वनाधिकार कानून को जमीनी स्तर पर लागू करने की मांग की है। साथ ही वन विभाग पर थारू गांवों के लोगों का उत्पीड़न करने का आरोप भी लगाया है।



एक अगस्त को हुए तनातनी के मामले में थारू जनजाति की महिला की तरफ से दुधवा नेशनल पार्क के डिप्टी डायरेक्टर मनोज कुमार सोनकर समेत अन्य पर गौरीफंटा कोतवाली में छेड़छाड़, एससीएसटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इस मामले में अब डीडी के खिलाफ थारू जनजाति के लोग खड़े हो गए हैं। डीडी पर नाजायज दबाव डालने समेत कई आरोप लगाए जा रहे हैं। 

इसको लेकर अखिल भारतीय वन जन श्रमजीवी यूनियन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रजनीश ने कहा है कि प्रशासन को भी यह बात समझनी होगी कि वनाधिकार कानून के आने के बाद अब वनों पर वन विभाग के अधिकार सीमित हो गए हैं। यह व्यवस्था अब संशोधन 2012 के अंतर्गत समुदायों को हस्तांतरित की जानी है। ऐसे में प्रशासन को समुदायों के साथ मददगार की भूमिका में रहना होगा। समझना होगा कि वन क्षेत्रों में वन विभाग का ग्रामीणों से आए दिन होने वाले टकराव को खत्म करने का रास्ता भी वनाधिकार कानून के वास्तविक रूप में लागू होने से ही संभव है।

2012 में सूडा गांव की वनाधिकार नेता निबादा राणा पर दुधवा वार्डन और गौरीफंटा थानाध्यक्ष ने जानलेवा हमला किया था। इस मामले में लोगों के आंदोलित होने पर ही रिपोर्ट दर्ज की गई थी।

डीडी मनोज सोनकर का विवादों से नाता रहा है, उनका कजरिया और सेड़ा-बेड़ा में थारू आदिवासी जनजाति से विवाद हो चुका है तो विधायक रोमी साहनी से तनातनी भी जगजाहिर है।

लखीमपुर खीरी दुधवा टाइगर रिजर्व पलिया के उपनिदेशक मनोज सोनकर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने के मामले में वन विभाग के समस्त संगठनों की आपात बैठक बुधवार की शाम हुई, जिसमें फारेस्ट मिनिस्ट्रीरियल एसोसिएशन के संरक्षक आशीष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि पुलिस की ओर से समय-समय पर झूठी एफआईआर दर्ज की जा रही है। इससे वन अपराधियों का मनोबल बढ़ रहा है।

महामंत्री पियूष मोहन श्रीवास्तव ने वन विभाग के किसी कर्मचारी/अधिकारी के खिलाफ जांच किए बिना एफआईआर दर्ज न किए जाने की मांग की। हालांकि बैठक में कर्मचारियों ने डीडी की कार्यप्रणाली को लेकर भी रोष जताया, क्योंकि डीडी ने अब तक 27 कर्मचारियों/अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। बैठक में प्रदीप कुमार वर्मा, नागेंद्र पांडेय, रविकांत वर्मा, विजेंद्र सिंह, शाकिर अली, आरपी सिंह, विनय वर्मा मौजूद रहे।

दुधवा नेशनल पार्क के डिप्टी डायरेक्टर मनोज कुमार ने कहा कि वनाधिकार कानून का अनुपालन कराने के लिए डीएम की निगरानी में कमेटी बनी हुई है ,जो भी उसके मानक होंगे उसके अनुसार उनके अधिकार दिए जाएंगे। लेकिन पार्क के कोर एरिया में अगर कोई अवैध प्रवेश करेगा तो कार्रवाई की जाएगी।

 

बाकी ख़बरें