'मज़दूर-किसान संघर्ष रैली' के संदेश को व्यापक तौर पर फैलाने के लिए तमिलनाडु के 900 केंद्रों में अलग-अलग तरह के अभियान चलाए गए।
5 अप्रैल की रैली की मांगों को लेकर एक जत्था आगे बढ़ते हुए। फ़ोटो साभार: स्पेशल अरेंजमेंट
5 अप्रैल की मज़दूर-किसान संघर्ष रैली में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के हज़ारों औद्योगिक मज़दूर, खेतिहर मज़दूर और किसान दिल्ली जा रहे हैं। यह रैली सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (CITU), ऑल इंडिया किसान सभा (AIKS) और ऑल इंडिया एग्रीकल्चर वर्कर्स यूनियन (AIAWU) द्वारा संयुक्त रूप से बुलाई गई है।
CITU राज्य समिति के सदस्य गोपी कुमार ने न्यूज़क्लिक को बताया, "CITU तमिलनाडु की तरफ़ से 3,700 लोग रैली में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली जा रहे हैं और उनमें से लगभग 60% पहले ही जा चुके हैं।"
सैमी नटराजन, AIKS महासचिव, तमिलनाडु ने न्यूज़क्लिक को बताया, "रैली में AIKS तमिलनाडु के क़रीब 1500 किसान हिस्सा लेंगे। एक-एक 'बैच' करके, वे पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के लिए ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं।"
AIAWU, तमिलनाडु के अध्यक्ष ए लज़ार ने न्यूज़क्लिक को बताया, "हमने एक ओपन कॉल दी है और अभियान चलाए हैं; खेतिहर मज़दूरों के कई समूह पहले से ही दिल्ली की ओर जा रहे हैं। हमें सही संख्या तभी पता चलेगी जब हम दिल्ली पहुंचेंगे।"
900 कैंपेन सेंटर्स
5 अप्रैल की इस रैली के संदेश को विस्तार देते हुए AIKS, CITU और AIAWU ने पूरे तमिलनाडु में संयुक्त अभियान चलाए हैं। पिछले कुछ महीनों में जत्थे, सम्मेलन, पैम्फलेट वितरण, जनसभाएं और इसी तरह के कई अन्य अभियान चलाए गए।
रैली की मांगों को समझाते हुए, इन संगठनों ने तमिलनाडु में चार क्षेत्रों, थूथुकुडी, थिरुपुर और चेन्नई, कीज़ वेनमनी में सम्मेलन आयोजित किए।
गोपी कुमार ने कहा, "तमिलनाडु के 900 केंद्रों में अलग-अलग तरह के अभियान चलाए गए। इसमें जत्थे, बाइक रैली, वैन कैंपेन आदि शामिल थे।”
AIKS तमिलनाडु के राज्य सचिव बी थुलसी नारायण ने न्यूज़क्लिक को बताया, "ग्रामीण लोग हमारे द्वारा बांटे जा रहे प्रिंटेड मटेरियल को गंभीरता से पढ़ते हैं। हम हर गांव में मज़दूर वर्ग और कृषक समुदायों के बीच गुस्से को देख सकते हैं।
CITU सेंट्रल चेन्नई जिला सचिव, थिरुवेट्टई ने न्यूज़क्लिक को बताया, "इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) के कर्मचारियों, बंदरगाह श्रमिकों, परिवहन श्रमिकों, बिजली श्रमिकों और असंगठित श्रमिकों जैसे कि निर्माण श्रमिकों ने हज़ारों की संख्या में चेन्नई के छह क्षेत्रों में अभियानों में भाग लिया है। इसके अलावा हमने 12,000 पत्रक बांटे हैं।"
मज़दूर-किसान संघर्ष रैली - जो कि मज़दूरों, किसानों और कृषि मज़दूरों के संयुक्त अभियान की परिणति है - को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरोध में बुलाया गया है।
5 अप्रैल की रैली की मांगों को लेकर एक जत्था आगे बढ़ते हुए। फ़ोटो साभार: स्पेशल अरेंजमेंट
5 अप्रैल की मज़दूर-किसान संघर्ष रैली में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के हज़ारों औद्योगिक मज़दूर, खेतिहर मज़दूर और किसान दिल्ली जा रहे हैं। यह रैली सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (CITU), ऑल इंडिया किसान सभा (AIKS) और ऑल इंडिया एग्रीकल्चर वर्कर्स यूनियन (AIAWU) द्वारा संयुक्त रूप से बुलाई गई है।
CITU राज्य समिति के सदस्य गोपी कुमार ने न्यूज़क्लिक को बताया, "CITU तमिलनाडु की तरफ़ से 3,700 लोग रैली में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली जा रहे हैं और उनमें से लगभग 60% पहले ही जा चुके हैं।"
सैमी नटराजन, AIKS महासचिव, तमिलनाडु ने न्यूज़क्लिक को बताया, "रैली में AIKS तमिलनाडु के क़रीब 1500 किसान हिस्सा लेंगे। एक-एक 'बैच' करके, वे पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के लिए ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं।"
AIAWU, तमिलनाडु के अध्यक्ष ए लज़ार ने न्यूज़क्लिक को बताया, "हमने एक ओपन कॉल दी है और अभियान चलाए हैं; खेतिहर मज़दूरों के कई समूह पहले से ही दिल्ली की ओर जा रहे हैं। हमें सही संख्या तभी पता चलेगी जब हम दिल्ली पहुंचेंगे।"
900 कैंपेन सेंटर्स
5 अप्रैल की इस रैली के संदेश को विस्तार देते हुए AIKS, CITU और AIAWU ने पूरे तमिलनाडु में संयुक्त अभियान चलाए हैं। पिछले कुछ महीनों में जत्थे, सम्मेलन, पैम्फलेट वितरण, जनसभाएं और इसी तरह के कई अन्य अभियान चलाए गए।
रैली की मांगों को समझाते हुए, इन संगठनों ने तमिलनाडु में चार क्षेत्रों, थूथुकुडी, थिरुपुर और चेन्नई, कीज़ वेनमनी में सम्मेलन आयोजित किए।
गोपी कुमार ने कहा, "तमिलनाडु के 900 केंद्रों में अलग-अलग तरह के अभियान चलाए गए। इसमें जत्थे, बाइक रैली, वैन कैंपेन आदि शामिल थे।”
AIKS तमिलनाडु के राज्य सचिव बी थुलसी नारायण ने न्यूज़क्लिक को बताया, "ग्रामीण लोग हमारे द्वारा बांटे जा रहे प्रिंटेड मटेरियल को गंभीरता से पढ़ते हैं। हम हर गांव में मज़दूर वर्ग और कृषक समुदायों के बीच गुस्से को देख सकते हैं।
CITU सेंट्रल चेन्नई जिला सचिव, थिरुवेट्टई ने न्यूज़क्लिक को बताया, "इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) के कर्मचारियों, बंदरगाह श्रमिकों, परिवहन श्रमिकों, बिजली श्रमिकों और असंगठित श्रमिकों जैसे कि निर्माण श्रमिकों ने हज़ारों की संख्या में चेन्नई के छह क्षेत्रों में अभियानों में भाग लिया है। इसके अलावा हमने 12,000 पत्रक बांटे हैं।"
मज़दूर-किसान संघर्ष रैली - जो कि मज़दूरों, किसानों और कृषि मज़दूरों के संयुक्त अभियान की परिणति है - को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरोध में बुलाया गया है।