छत्तीसगढ़: ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत टॉयलेट बनवाकर कर्ज में डूब रहे लोग

Published on: February 17, 2017
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वच्छ भारत अभियान की पहल की गई। जिसमें भारत को स्वच्छ बनाने की नीव रखी गई थी। लेकिन छत्तीसगढ़ में लोग ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत अपने घर में टॉयलेट बनवाकर फंस गए हैं। 

Loan for toilet
 
इंडियन एक्सप्रेस को छत्तीसगढ़ के अंडी गांव के ऐसे कुछ लोगों के बारे में पता चला है जिन्होंने पैसे मिलने की आस में ब्याज पर पैसा लेकर टॉयलेट बनवा लिए। लेकिन फिर सरकार की तरफ से जो प्रोत्साहन राशि देने का वादा किया गया था वह भी नहीं दी गई। इतना ही नहीं पैसे ना मिलने के बाद परिवार के लोग ब्याज पर लिए पैसे को चुकाने के लिए शहर में काम करने के लिए गए लेकिन वहां भी उन्हें धोखा मिला और पैसे देने की जगह उन्हें कैद कर लिया गया। 
 
इस मामले में इंडियन एक्सप्रेस की अंडी गांव में रहने वाले एक खंडे परिवार से बात हुई। खंडे परिवार के पास अपनी कोई जमीन नहीं है। परिवार बटाई पर खेती करता है। सरकार से पैसा मिलने की आस में उन्होंने प्रशासन के दबाव में टॉयलेट बनवा लिया। लेकिन फिर उन्हें कोई पैसा नहीं मिला। इसके बाद देनदारों के दबाव में परिवार का लड़का (सुभ खंडे) पैसा कमाने के लिए यूपी के देवरिया चला गया। वहां वह एक ईंट के भट्टे में काम करता है।
 
सुभ अपनी पत्नी और बच्चे को लेकर देवरिया गया था। उसे उम्मीद थी कि पैसे कमाकर वह गांव जाकर देनदारों के पैसे चुका पाएगा। लेकिन वहां वह फंस गया। दरअसल, जो शख्स उन्हें वहां लेकर गया था वह उन्हें दी जाने वाली सैलरी लेकर भाग गया। जिसकी वजह से सुभ और उसके जैसे कितने लोग अपने घर नहीं जा पा रहे। इतना ही नहीं सुभ ने छत्तीसगढ़ में रहने वाले अपने पिता को फोन करके बताया कि वहां उसको मारा-पीटा जाता है, गालियां दी जाती हैं और ज्यादा काम करवाया जाता है। वहां पति-पत्नी को अलग रखा जाता है ताकि कोई भाग ना सके।
 
सरकारी अधिकारी जा रहे थे प्रेशर
इस मामले में सुभ के पिता और मां ने बताया कि सरकार छत्तीगढ़ को खुले में शौच मुक्त करना चाहती थी। इसके लिए प्रशासन और पंचायत द्वारा नियमित रूप से उन लोगों को बेइज्जत किया जाने लगा जो खुले में शौच करते थे। ऐसे में लोगों ने घर में टॉयलेट बना लिया। कहा गया था कि 15 हजार रुपए सरकार की तरफ से प्रोत्साहन राशि के रूप में मिलेंगे। लेकिन कुछ भी नहीं दिया गया। टॉयलेट बनवाने के लिए खंडे परिवार ने देनदारों से पांच प्रतिशत के ब्याज दर पर 20 हजार रुपए लिए। जिसके बदले में उन्हें 32 हजार रुपए देने हैं।
 
छत्तीगढ़ में रह रहे परिवार विरोध प्रदर्शन करके उनके परिवार के लोगों को वापस लाने का दबाव सरकार पर बना रहे हैं। पुलिस की तरफ से कार्यवाही का भरोसा दिया गया है। पुलिस की एक टीम को देवरिया भेजने की बात भी कही गई है।

Courtesy: National Dastak
 

बाकी ख़बरें