मोदी के मंत्री प्रताप सारंगी पर हैं 7 क्रिमिनल केस, ईसाई मिशनरी की बच्चों सहित हत्या में भी आया था नाम

Written by sabrang india | Published on: June 1, 2019
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कुल 58 मंत्रियों ने गुरुवार (30 मई 2019) को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। इस दौरान एक शख्स ऐसे भी थे जिनके शपथ लेने के लिए मंच पर पहुंचते ही दर्शक दीर्घा में बैठे मेहमानों ने सबसे ज्यादा तालियां बजाईं। अपनी सादगी के लिए मशहूर इस शख्स का नाम प्रताप चंद्र सारंगी है। प्रताप चंद्र सारंगी चुनाव जीतने के बाद से ही मीडिया और सोशल मीडिया पर छाए हुए थे। 

वह ओडिशा के बालासोर से चुनाव जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे हैं। कभी भिक्षु बनने की चाह रखने वाले सारंगी को मोदी सरकार में दो मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। लोग उन्हें ‘ओडिशा का मोदी’ कहते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि मोदी की तरह वह भी अपने परिवार से दूर रहते हैं और एक संन्यासी की तरह जीवन जीते हैं। मीडिया द्वारा हीरो बताए गए सारंगी के पुराने कारनामे ऐसे हैं जिन्होंने उनकी छवि को पल में ही बदल दिया। सारंगी पर 7 सक्रिमिनल केस दर्ज हैं। 

दरअसल, 1999 में ओडिशा के क्योंझर जिले के मनोहरपुर गांव में ऑस्ट्रेलिया के क्रिशचन मिशीनरी के ग्राहम स्टेन्स और उनके बच्चों की हत्या कर दी गई थी। जिस समय ये हत्याएं हुईं, सारंगी बजरंग दल के राज्य प्रमुख थे। इन हत्याओं के पीछे ईसाई समाज ने बजरंग दल को दोषी ठहराया था। हालांकि, इस केस की विस्तृत जांच में इस संगठन का नाम सामने नहीं आया।

इस केस में लंबे ट्रायल के बाद हमला करने वाले लोगों के एक समूह से दारा सिंह समेत 12 अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था। जिसके बाद ओडिशा हाई कोर्ट ने सिंह को मृत्युदंड की सजा सुनाई। वहीं अन्य 11 आरोपियो को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। इस हत्यकांड में उनकी भूमिका को भी संदिग्ध माना गया है। हालांकि इस केस में उनके खिलाफ ऐसे कोई सबूत सामने नहीं आए जो उन्हें दोषी साबित करते हों। सांरगी इस आरोप से मुक्त हो चुके हैं।

सारंगी ने अपने चुनावी हलफनामे में बताया है कि उनके ऊपर कुल सात क्रिमिनल केस चल रहे हैं। हालांकि, उन्होंने सभी आरोपों को नकारा है। मंत्री बनने के बाद एनडीटीवी से बातचीत में उन्होंने कहा, “मेरे ऊपर चल रहे सभी केस झूठ पर आधारित हैं। पुलिस ने यह केस इसलिए दायर किए हैं क्योंकि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ा रहा हूं। मैंने इसके खिलाफ गंभीरता से लड़ाई की है। मैंने समाज में हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। इस वजह से मैं भ्रष्ट अधिकारियों की नजर में उनका दुश्मन बन गया। इस वजह से सभी असामाजिक तत्व मेरे खिलाफ खड़े हैं। कई केस में मैं बरी हो चुका हूं आने वाले समय में बाकी सभी केसों से भी आरोपमुक्त कर दिया जाऊंगा।” चुनावी हलफनामे में उन्होंने अपने ऊपर चल रहे सभी आपराधिक मामलों का जिक्र किया है। जिनमें गैर-कानूनी तरह से एकत्रित होकर दंगा भड़काना, लोगों की धार्मिक भावनाएं भड़काना जैसे मामले शामिल हैं।

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