संयुक्त किसान मोर्चा की राष्ट्रीय बैठक में किसानों और खेत मजदूरों के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलन का आह्वान, महिला पहलवानों को समर्थन एमएसपी कानून, कर्ज मुक्ति, किसान और खेत मजदुर पेंशन, किसान हत्या मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की गिरफ्तारी, किसानों पर झूठे मुकदमों की वापसी, शहीद किसान परिवारों को मुआवजा आदि प्रमुख मुद्दों पर 26 मई से फिर सभी राज्यों में राष्ट्रव्यापी धरना प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा।
रविवार 30 अप्रैल को दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा की राष्ट्रीय बैठक हुई, जिसमें घटक संगठनों के 200 से अधिक किसान नेताओं ने भाग लिया। विस्तृत चर्चा और विचार-विमर्श के बाद राष्ट्रीय बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस दौरान महिला पहलवानों को समर्थन सहित पूरे साल के आंदोलन कार्यक्रमों का भी ऐलान किया गया जो निम्नवत है।
1. एमएसपी कानून, कर्ज मुक्ति, किसान और खेत मजदूर पेंशन, किसान हत्यारा केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा की गिरफ्तारी, किसानों पर झूठे मुकदमों की वापसी, शहीद किसान परिवारों को मुआवजा आदि प्रमुख मुद्दों पर 26 से 31 मई, 2023 के बीच भारत के सभी राज्यों में धरना प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा। इन प्रदर्शनों में सांसदों और प्रमुख राजनीतिक नेताओं के गृह निर्वाचन क्षेत्रों में बड़े विरोध मार्च निकलना और उन्हें किसानों की सभी मांगों को तुरंत हल करने की चेतावनी देते हुए ज्ञापन सौंपना शामिल होगा, जिसमें विफल रहने पर उन्हें आगे विरोध का सामना करना पड़ेगा।
2. मई, जून और जुलाई के महीनों में, देश के किसानों और खेतिहरों को एकजुट करने के लिए भारत के प्रत्येक राज्य में प्रदेश, जिला और तहसील स्तर के सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे।
3. 1 अगस्त से 15 अगस्त के बीच श्रमिक संघों और संगठनों के समन्वय से केंद्र सरकार द्वारा किसानों और श्रमिकों के संसाधनों को कारपोरेटों के हाथों बिक्री को समाप्त करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए जाएंगे।
4. सितंबर से मध्य नवंबर के बीच, बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी यात्राएं आयोजित की जाएंगी, जिनका नेतृत्व एसकेएम के राष्ट्रीय नेता करेंगे। यात्रा विशेष रूप से उन राज्यों पर ध्यान केंद्रित करेगी जहां विधानसभा चुनाव होंगे, जैसे कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना आदि।
5. 3 अक्टूबर को, जिस दिन भाजपा नेताओं ने लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या की, राष्ट्रव्यापी शहीदी दिवस मनाया जाएगा।
6. 26 नवंबर को, जिस दिन किसानों का ऐतिहासिक दिल्ली चलो मार्च दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचा, सभी राज्यों की राजधानियों में कम से कम 3 दिन तक दिन-रात धरना लगाकर राष्ट्रव्यापी विजय दिवस मनाया जाएगा।
संयुक्त किसान मोर्चा ने 30 अप्रैल, रविवार की बैठक में निम्न प्रस्तावों को भी अपनाने का ऐलान किया।
1. SKM भारत की महिला पहलवानों के विरोध का दृढ़ और खुला समर्थन करता है, जो भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर धरने पर बैठी हैं। एसकेएम खिलाड़ियों के साथ एकजुटता व्यक्त करता है और भाजपा सांसद की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करता है।
2. SKM किसान आंदोलन और एसकेएम के दृढ़ समर्थक रहे पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के खिलाफ भाजपा सरकार द्वारा सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों के प्रयोग की निंदा करता है। सत्यपाल मलिक पुलवामा में हमारे सैनिकों की शहादत, उच्चतम स्तर पर भाजपा नेतृत्व के भ्रष्टाचार आदि के संबंध में भाजपा सरकार के कुकृत्यों को उजागर कर रहे हैं। SKM मलिक की बहादुरी की सराहना करता है। SKM, मलिक का मुंह बंद करने के भाजपा सरकार के प्रयासों का विरोध करने के सभी प्रयासों का समर्थन करेगा।
3. SKM भारत के डाक कर्मचारियों के सबसे पुराने संघ– नेशनल फेडरेशन ऑफ पोस्टल एम्प्लॉइज़ और ऑल इंडिया पोस्टल एम्प्लॉइज यूनियन– की केंद्र सरकार द्वारा मान्यता रद्द करने की निंदा करता है, क्योंकि कथित तौर पर इन संगठनों ने किसान आंदोलन का समर्थन किया था और किसान संगठनों को कुछ धनराशि दान की थी। SKM यूनियनों के साथ एकजुटता व्यक्त करता है और किसान विरोधी, मजदूर विरोधी भाजपा सरकार के खिलाफ मजदूर किसान एकता को बढ़ाने के लिए तत्पर है।
SKM (गैर राजनीतिक) 3 मई को करेगा राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन
SKM यानी संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने भी 3 दिन पहले शुक्रवार को कहा कि वह भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के समर्थन में तीन मई को देश भर में प्रदर्शन करेगा। खास है कि SKM (गैर-राजनीतिक), संयुक्त किसान मोर्चा से ही टूटकर बना समूह है।
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रविवार 30 अप्रैल को दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा की राष्ट्रीय बैठक हुई, जिसमें घटक संगठनों के 200 से अधिक किसान नेताओं ने भाग लिया। विस्तृत चर्चा और विचार-विमर्श के बाद राष्ट्रीय बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस दौरान महिला पहलवानों को समर्थन सहित पूरे साल के आंदोलन कार्यक्रमों का भी ऐलान किया गया जो निम्नवत है।
1. एमएसपी कानून, कर्ज मुक्ति, किसान और खेत मजदूर पेंशन, किसान हत्यारा केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा की गिरफ्तारी, किसानों पर झूठे मुकदमों की वापसी, शहीद किसान परिवारों को मुआवजा आदि प्रमुख मुद्दों पर 26 से 31 मई, 2023 के बीच भारत के सभी राज्यों में धरना प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा। इन प्रदर्शनों में सांसदों और प्रमुख राजनीतिक नेताओं के गृह निर्वाचन क्षेत्रों में बड़े विरोध मार्च निकलना और उन्हें किसानों की सभी मांगों को तुरंत हल करने की चेतावनी देते हुए ज्ञापन सौंपना शामिल होगा, जिसमें विफल रहने पर उन्हें आगे विरोध का सामना करना पड़ेगा।
2. मई, जून और जुलाई के महीनों में, देश के किसानों और खेतिहरों को एकजुट करने के लिए भारत के प्रत्येक राज्य में प्रदेश, जिला और तहसील स्तर के सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे।
3. 1 अगस्त से 15 अगस्त के बीच श्रमिक संघों और संगठनों के समन्वय से केंद्र सरकार द्वारा किसानों और श्रमिकों के संसाधनों को कारपोरेटों के हाथों बिक्री को समाप्त करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए जाएंगे।
4. सितंबर से मध्य नवंबर के बीच, बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी यात्राएं आयोजित की जाएंगी, जिनका नेतृत्व एसकेएम के राष्ट्रीय नेता करेंगे। यात्रा विशेष रूप से उन राज्यों पर ध्यान केंद्रित करेगी जहां विधानसभा चुनाव होंगे, जैसे कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना आदि।
5. 3 अक्टूबर को, जिस दिन भाजपा नेताओं ने लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या की, राष्ट्रव्यापी शहीदी दिवस मनाया जाएगा।
6. 26 नवंबर को, जिस दिन किसानों का ऐतिहासिक दिल्ली चलो मार्च दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचा, सभी राज्यों की राजधानियों में कम से कम 3 दिन तक दिन-रात धरना लगाकर राष्ट्रव्यापी विजय दिवस मनाया जाएगा।
संयुक्त किसान मोर्चा ने 30 अप्रैल, रविवार की बैठक में निम्न प्रस्तावों को भी अपनाने का ऐलान किया।
1. SKM भारत की महिला पहलवानों के विरोध का दृढ़ और खुला समर्थन करता है, जो भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर धरने पर बैठी हैं। एसकेएम खिलाड़ियों के साथ एकजुटता व्यक्त करता है और भाजपा सांसद की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करता है।
2. SKM किसान आंदोलन और एसकेएम के दृढ़ समर्थक रहे पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के खिलाफ भाजपा सरकार द्वारा सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों के प्रयोग की निंदा करता है। सत्यपाल मलिक पुलवामा में हमारे सैनिकों की शहादत, उच्चतम स्तर पर भाजपा नेतृत्व के भ्रष्टाचार आदि के संबंध में भाजपा सरकार के कुकृत्यों को उजागर कर रहे हैं। SKM मलिक की बहादुरी की सराहना करता है। SKM, मलिक का मुंह बंद करने के भाजपा सरकार के प्रयासों का विरोध करने के सभी प्रयासों का समर्थन करेगा।
3. SKM भारत के डाक कर्मचारियों के सबसे पुराने संघ– नेशनल फेडरेशन ऑफ पोस्टल एम्प्लॉइज़ और ऑल इंडिया पोस्टल एम्प्लॉइज यूनियन– की केंद्र सरकार द्वारा मान्यता रद्द करने की निंदा करता है, क्योंकि कथित तौर पर इन संगठनों ने किसान आंदोलन का समर्थन किया था और किसान संगठनों को कुछ धनराशि दान की थी। SKM यूनियनों के साथ एकजुटता व्यक्त करता है और किसान विरोधी, मजदूर विरोधी भाजपा सरकार के खिलाफ मजदूर किसान एकता को बढ़ाने के लिए तत्पर है।
SKM (गैर राजनीतिक) 3 मई को करेगा राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन
SKM यानी संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने भी 3 दिन पहले शुक्रवार को कहा कि वह भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के समर्थन में तीन मई को देश भर में प्रदर्शन करेगा। खास है कि SKM (गैर-राजनीतिक), संयुक्त किसान मोर्चा से ही टूटकर बना समूह है।
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