सेना में भर्ती कराने के नाम पर हो रही थी युवाओं से लूट

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: November 1, 2018

राजस्थान में बेरोजगारों के साथ ऐसा मजाक हो रहा था कि सेना में भर्ती कराने के नाम पर भी उनके साथ लूट हो रही थी। फिलहाल एंटी टेररिस्ट सेल, मिलिटरी इंटेलीजेंस और पुलिस की संयुक्त टीम ने सेना के एक भगोड़े सिपाही को गिरफ्तार किया है।
 

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यह भगोड़ा सिपाही फर्जी मोहरों के सहारे युवाओं से करोड़ों रुपए लूट चुका है। इसका पूरा गिरोह काम करता है और बेरोजगार युवाओं को ठगना इसका काम है।

जोधपुर, बाडमेर, जालौर, नागौर और बीकानेर जिलों में करीब 50 युवकों से करीब एक करोड़ रुपए से अधिक राशि की धोखाधड़ी ये गिरोह कर चुका है।

डीएसपी लोकेन्द्र दादरवाल के मुताबिक एटीएस और मिलिटरी इंटेलीजेंस के पास भारतीय सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर मोटी रकम लेने के गिरोह की सूचना मिली थी। इस मामले में संयुकत टीम मंगलवार रात्रि को सूरतगढ़ बस स्टैंड के पास गिरोह के रामचंद्र को गिरफ्तार कर लिया।

नागौर के ढीगसरा निवासी मल्लाराम बिश्नोई ने अपने दो पुत्रों को सेना में भर्ती करवाने के लिए अशोक बिश्नोई के जरिए ठग गिरोह के सरगना रामचंद्र से सम्पर्क किया था। रामचंद्र ने प्रत्येक अभ्यार्थी 3.70 लाख रुपए मल्लाराम बिश्नोई से मांगे थे। इस पर मलाराम बिश्नोई ने सितम्बर 2016 को सूरतगढ़ के नए बस स्टैण्ड पर 7.40 लाख रुपए उसे दिए थे।

पत्रिका के मुताबिक 15 दिन बाद दोनों पुत्रों के ज्वाइनिंग लेटर डाक से मिले थे। रामचंद्र ने उनके ज्वाइनिंग लेटर फर्जी मोहर लगाकर तैयार किए थे जबकि सेना ने अभ्यार्थियों को किसी तरह के ज्वाइनिंग लेटर जारी नहीं किए थे।

पुलिस के मुताबिक, रामचंद्र भारतीय सेना में सिपाही के पद पर 2008 में भर्ती हुआ था, जो वर्ष 2014 से भगोड़ा हो गया था। उसकी तलाश स्थानीय पुलिस और आर्मी कर रही थी। इस दौरान वह अपने पास भारतीय सेना के पहचान पत्र का फायदा उठाकर ग्रामीण लोगों को आर्मी में भर्ती कराने का झांसा देकर लाखों रुपए लेता रहता था। उसके एक साथी की तलाश की जा रही है।

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