आजमगढ़। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) के खिलाफ आजमगढ़ जिले के बिलरियागंज में प्रदर्शन और देश विरोधी नारेबाजी करने के आरोप में 35 नामजद तथा सैकड़ों अज्ञात लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है और उनमें से 20 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस अधीक्षक त्रिवेणी सिंह ने गुरुवार को बताया कि मौलाना जौहर पार्क बिलरियागंज में मंगलवार को सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ प्रदर्शन के लिए पहुंचीं महिलाओं की आड़ में कुछ लोगों ने ‘हम लेकर रहेंगे आजादी’ के कथित नारे लगाने के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एक विशेष समुदाय के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया।
उन्होंने बताया कि उपद्रवी लाठी-डंडों, ईंट-पत्थरों के अलावा घातक हथियारों से भी लैस थे। इस मामले में 35 नामजद तथा सैकड़ों अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। उलेमा कौंसिल के राष्ट्रीय महासचिव ताहिर मदनी सहित 20 लोगों को बुधवार को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में उलेमा कौंसिल के फरार नेता नुरूल हुदा, मिर्जा शाने आलम और ओसामा पर 25-25 हजार रुपये का ईनाम घोषित किया गया है।
पुलिस की थ्योरी से इतर यहां मौजूद लोगों का कुछ और ही कहना है। यहां मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया था कि पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं को यहां से हटाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे व धरना स्थल पर पानी भर दिया। पुलिस ने महिलाओं पर रबर की गोलियां भी चलाईं। साथ ही महिलाओं को पुरुष पुलिसकर्मियों ने पीटा, इस दौरान वहां महिला पुलिसकर्मी भी मौजूद थीं लेकिन वे हाथ बांधे खड़ी रहीं।
महिला प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वे शाहीन बाग के आंदोलन खत्म होने तक यहां से नहीं हटेंगी लेकिन पुलिस धरने की अनुमति खत्म होने का हवाला देकर उन्हें हटाने पर तुली थी।
पुलिस अधीक्षक त्रिवेणी सिंह ने गुरुवार को बताया कि मौलाना जौहर पार्क बिलरियागंज में मंगलवार को सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ प्रदर्शन के लिए पहुंचीं महिलाओं की आड़ में कुछ लोगों ने ‘हम लेकर रहेंगे आजादी’ के कथित नारे लगाने के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एक विशेष समुदाय के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया।
उन्होंने बताया कि उपद्रवी लाठी-डंडों, ईंट-पत्थरों के अलावा घातक हथियारों से भी लैस थे। इस मामले में 35 नामजद तथा सैकड़ों अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। उलेमा कौंसिल के राष्ट्रीय महासचिव ताहिर मदनी सहित 20 लोगों को बुधवार को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में उलेमा कौंसिल के फरार नेता नुरूल हुदा, मिर्जा शाने आलम और ओसामा पर 25-25 हजार रुपये का ईनाम घोषित किया गया है।
पुलिस की थ्योरी से इतर यहां मौजूद लोगों का कुछ और ही कहना है। यहां मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया था कि पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं को यहां से हटाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे व धरना स्थल पर पानी भर दिया। पुलिस ने महिलाओं पर रबर की गोलियां भी चलाईं। साथ ही महिलाओं को पुरुष पुलिसकर्मियों ने पीटा, इस दौरान वहां महिला पुलिसकर्मी भी मौजूद थीं लेकिन वे हाथ बांधे खड़ी रहीं।
महिला प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वे शाहीन बाग के आंदोलन खत्म होने तक यहां से नहीं हटेंगी लेकिन पुलिस धरने की अनुमति खत्म होने का हवाला देकर उन्हें हटाने पर तुली थी।