कोरोना काल में सेक्स वर्कर्स को मुफ्त राशन नहीं दे पायी योगी सरकार, सुप्रीम कोर्ट ने फटकारा

Written by sabrang india | Published on: October 29, 2020
नई दिल्ली। कोविड 19 महामारी के दौरान सेक्स वर्कर्स को सूखा राशन मुहैया कराने में देरी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि इसमे अब आगे विलंब नहीं होना चाहिए क्योंकि यह जीवन का सवाल है। सुप्रीम कोर्ट ने 29 सितंबर को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया था कि नाको और विधिक सेवा प्राधिकारियों द्वारा चिन्हेत सभी सेक्स वर्कर्स को सूखा राशन उपलब्ध कराया जाए। 



सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के वकील से कहा कि कल्याणकारी राज्य होने की वजह से इस तरह का विलंब बर्दाश्त नहीं है। बेंच एक गैर सरकारी संगठन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें कोविड-महामारी की वजह से सेक्स वर्कर्स के सामने खड़ी समस्याओं की ओर कोर्ट का ध्यान आकर्षित किया गया था। 

जस्टिस एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार के वकील से कहा, 'यह ऐसा मामला है जिसमे किसी प्रकार विलंब बर्दाश्त नहीं है। यह लोगों की जिंदगी का सवाल है।'

बेच ने कहा, 'अगर आप कह रहे हैं कि आप चार सप्ताह बाद भी इनकी पहचान नहीं कर सके तो इससे राज्य की क्षमताओं का पता चलता है। ऐसा लगता है कि यह जबानी सेवा है। आप हमें चिन्हित किये गये लोगों की संख्या बतायें।'

बेंच ने कहा, 'आप इस मामले में विलंब क्यों कर रहे हैं? हमारा कल्याणकारी शासन है, इसमें विलंब मत कीजिये।' इस मामले में न्याय मित्र की भूमिका निभा रहे वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत भूषण ने उत्तर प्रदेश के हलफनामे का जिक्र किया ओर कहा कि वे सेक्स वर्कर्स की पहचान जाहिर किये बगैर ही उनको राशन देने का प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में नाको ने करीब 27,000 सेक्स वर्कर्स का पंजीकरण किया है। 29 सितंबर के कोर्ट के आदेश के अनुसार इन सभी को राशन दिया जाना है। यूपी सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि यौनकर्मियो की पहचान करने की प्रक्रिया चल रही है और इनमें से अधिकांश के पास राशन कार्ड हैं तथा उन्हें राशन दिया जा रहा है। 

इस पर बेंच ने कहा कि राज्य सरकार को इस काम में नाको और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की मदद लेनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में गैर सरकारी संगठन दरबार महिला समन्वय समिति ने याचिका दायर कर रखी है। इसमें कहा गया है कि कोविड-19 महामारी की वजह से सेक्स वर्कर्स की स्थिति बहुत ही खराब हो गयी है। याचिका में देश में नौ लाख से भी ज्यादा सेक्स वर्कर्स को राशन कार्ड और दूसरी सुविधायें उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया गया है। 

बाकी ख़बरें