नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत का एक बयान काफी चर्चाओं में रहा था जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो देश के लिये लड़ने की खातिर आरएसएस के पास तीन दिन के भीतर ‘सेना’ तैयार करने की क्षमता है। इस बयान की काफी आलोचना हुई थी और सोशल मीडिया पर जोक्स बने थे। लेकिन अब आरएसएस इस दिशा में कदम बढ़ाने जा रहा है।
दरअसल, आरएसएस एक सैनिक स्कूल खोल रहा है जिसमें सैनिक बनने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इस स्कूल का संचालन संघ की इकाई विद्या भारती करेगी। स्कूल का नाम संघ के पूर्व सरसंघचालक राजेंद्र सिंह उर्फ रज्जू भैया के नाम पर रखा जाएगा।
इकोनॉमिक्स टाइम्स की खबर के अनुसार रज्जू भैया सैनिक विद्या मंदिर का निर्माण उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर स्थित शिकारपुर में किया जा रहा है। शिकारपुर में ही रज्जू भैया का जन्म 1922 में हुआ था। यह लड़कों के लिए आवासीय स्कूल होगा। स्कूल में पढ़ाई अगले साल अप्रैल से होगी। स्कूल में सीबीएसई सिलेबस पढ़ाया जाएगा। इसमें क्लास 6 से 12वी तक पढ़ाई होगी।
देश के अन्य हिस्सों में भी होगा लागूः विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान के पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड के क्षेत्रीय संयोजक अजय गोयल का कहना है कि देश में यह अपनी तरह का पहला प्रयोग किया जा रहा है। भविष्य में इस मॉडल को देशभर में लागू किया जा सकता है। मालूम हो कि विद्या भारती अभी देशभर में 20 हजार से अधिक स्कूलों का संचालन करती है।
शहीदों के बच्चों के लिए सीटें आरक्षितः स्कूल में पहले बैच के एडमिशन के लिए प्रोस्पेक्टस भी तैयार किया जा चुका है। स्कूल में एडमिशन के लिए आवेदन अगले महीने से आमंत्रित किए जाएंगे। गोयल ने कहा कि छठी क्लास के पहले बैच में 160 बच्चों का एडमिशन लेंगे। इसमें शहीदों के बच्चों के लिए 56 सीट आरक्षित होगी।
इस स्कूल में सुधार के लिए सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी इस साल सितंबर में बैठक कर सकते हैं। मालूम हो कि आरएसएस पहले से ही स्कूल स्तर पर सैन्य शिक्षा व ट्रेनिंग की वकालत करता रहा है। नासिक में बीएस मुंजी ने 1937 में भोंसला सैन्य स्कूल की शुरुआत की थी। मुंजी आरएसएस के संस्थापक केबी हेडगेवार के मेंटर थे।
40 करोड़ रुपये लागत की उम्मीदः यह स्कूल 20 हजार वर्ग मीटर में फैला हुआ है। इस स्कूल के लिए पूर्व सैन्य अधिकारी व किसान राजपाल सिंह ने जमीन दान की है। स्कूल की इमारत तीन मंजिला होगी। इस स्कूल का निर्माण कार्य पिछले साल 24 अगस्त को शुरू किया गया था। इस स्कूल के निर्माण पर 40 करोड़ रुपये की लागत आने की उम्मीद है। इसमें एक तीन मंजिला हॉस्टल और एक स्टेडियम भी होगा। इसमें रहने वाले लोगों के लिए डिस्पेंसरी और स्टाफ के लिए आवास भी होगा।
(इनपुट्स जनसत्ता से साभार)
दरअसल, आरएसएस एक सैनिक स्कूल खोल रहा है जिसमें सैनिक बनने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इस स्कूल का संचालन संघ की इकाई विद्या भारती करेगी। स्कूल का नाम संघ के पूर्व सरसंघचालक राजेंद्र सिंह उर्फ रज्जू भैया के नाम पर रखा जाएगा।
इकोनॉमिक्स टाइम्स की खबर के अनुसार रज्जू भैया सैनिक विद्या मंदिर का निर्माण उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर स्थित शिकारपुर में किया जा रहा है। शिकारपुर में ही रज्जू भैया का जन्म 1922 में हुआ था। यह लड़कों के लिए आवासीय स्कूल होगा। स्कूल में पढ़ाई अगले साल अप्रैल से होगी। स्कूल में सीबीएसई सिलेबस पढ़ाया जाएगा। इसमें क्लास 6 से 12वी तक पढ़ाई होगी।
देश के अन्य हिस्सों में भी होगा लागूः विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान के पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड के क्षेत्रीय संयोजक अजय गोयल का कहना है कि देश में यह अपनी तरह का पहला प्रयोग किया जा रहा है। भविष्य में इस मॉडल को देशभर में लागू किया जा सकता है। मालूम हो कि विद्या भारती अभी देशभर में 20 हजार से अधिक स्कूलों का संचालन करती है।
शहीदों के बच्चों के लिए सीटें आरक्षितः स्कूल में पहले बैच के एडमिशन के लिए प्रोस्पेक्टस भी तैयार किया जा चुका है। स्कूल में एडमिशन के लिए आवेदन अगले महीने से आमंत्रित किए जाएंगे। गोयल ने कहा कि छठी क्लास के पहले बैच में 160 बच्चों का एडमिशन लेंगे। इसमें शहीदों के बच्चों के लिए 56 सीट आरक्षित होगी।
इस स्कूल में सुधार के लिए सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी इस साल सितंबर में बैठक कर सकते हैं। मालूम हो कि आरएसएस पहले से ही स्कूल स्तर पर सैन्य शिक्षा व ट्रेनिंग की वकालत करता रहा है। नासिक में बीएस मुंजी ने 1937 में भोंसला सैन्य स्कूल की शुरुआत की थी। मुंजी आरएसएस के संस्थापक केबी हेडगेवार के मेंटर थे।
40 करोड़ रुपये लागत की उम्मीदः यह स्कूल 20 हजार वर्ग मीटर में फैला हुआ है। इस स्कूल के लिए पूर्व सैन्य अधिकारी व किसान राजपाल सिंह ने जमीन दान की है। स्कूल की इमारत तीन मंजिला होगी। इस स्कूल का निर्माण कार्य पिछले साल 24 अगस्त को शुरू किया गया था। इस स्कूल के निर्माण पर 40 करोड़ रुपये की लागत आने की उम्मीद है। इसमें एक तीन मंजिला हॉस्टल और एक स्टेडियम भी होगा। इसमें रहने वाले लोगों के लिए डिस्पेंसरी और स्टाफ के लिए आवास भी होगा।
(इनपुट्स जनसत्ता से साभार)