मुंबई: प्रसिद्ध अकादमिक और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बंबर के पूर्व प्रोफेसर को अज्ञात गुंडों द्वारा धमकी मिली है। सांप्रदायिक सद्भावना के लिए सतत् प्रयासरत राम पुनियानी को 6 जून को अज्ञात लोगों ने फोन कर धमकी दी है और दुर्व्यवहार किया है। राम पुनियानी ने इस संबंध में मुंबई पुलिस के पास प्राथमिकी दर्ज कराई है। राम पुनियानी का तर्कवादी चिंतन और लगातार सांप्रदायिक सद्भाव के लिए अथक अभियान व इतिहास की एक समकालिक समझ कुछ लोगों को विचलित करती रही है ऐसे में माना जा रहा है कि उन्हें इसी कारण धमकाया जा रहा है।
पहली कॉल उनके लैंडलाइन पर लगभग 8:30 बजे की गई, जिसे प्रोफेसर पुनियानी ने रिसीव किया। फोन करने वाला आक्रामत लहजे में अपमानजनक बात करते हुए आरोप लगा रहा था कि वे हिंदू विरोधी हैं। फोन करने वाले ने धमकी दी कि पुनियानी को अपनी गतिविधियों को रोकना होगा या परिणाम भुगतना होगा। फोन करने वाले ने कहा कि पुनियानी को 15 दिनों में यह सब छोड़ देना चाहिए। पांच मिनट बाद एक और फोन आया जिसे भी पूर्व प्रोफेसर ने खुद रिसीव किया। एक बार फिर बहुत आक्रामक और धमकी भरे लहजे का इस्तेमाल करते हुए फोन करने वाले ने पूछा कि क्या वह पुनियानी से प्रोफेसर ने उसे बताने से इंकार कर दिया और कॉलर को उलझा दिया, ऐसे में इस बार उसका नंबर पहचाना जा सकता था। प्रोफेसर पुनियानी द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर यहां देखी जा सकती है:
सबरंग इंडिया से बात करते हुए, प्रोफेसर पुनियानी ने कहा, "यह बेहद चिंतित और परेशान करने वाला है। मेरा परिवार मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतित है। मुझे उम्मीद है कि अधिकारी इसे गंभीरता से लेंगे। यह पहली बार नहीं है जब मैंने इस तरह की धमकी का सामना किया है।"
प्रोफेसर पुनियानी को मिली धमकी को इसी साल मार्च में उनके साथ घटित हुई घटना के संबंध में देखा जा रहा है। मार्च में कथित तौर पर कुछ पुलिसकर्मियों ने सादा कपड़ों में उनके घर आकर उनके पासपोर्ट के संबंध में पूछताछ की थी। इस तरह की पूछताछ आमतौर पर वर्दीधारी पुलिसकर्मियों द्वारा की जाती है। प्रोफेसर पुनियानी सादा वर्दी में आए इन पुलिसकर्मियों के सीसीटीवी फुटेज प्राप्त करने में सफल रहे थे।
यह घटना इस तरफ इशारा करती है कि एक फासीवादी शासन में सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा सरकार का प्रतिरोध करना कितना गंभीर हो गया है। गोविंद पानसरे, नरेंद्र दाभोलकर, गौरी लंकेश और एमएम कलबुर्गी जैसे तर्कवादी सामाजिक कार्यकर्ताओं की हत्या इसका उदाहरण है जिन्हें दक्षिणपंथियों द्वारा मार डाला गया। अब राम पुनियानी की भी जान को खतरा है।
मुंबई और भारत में कार्यकर्ताओं और लेखकों ने पूर्व प्रोफेसर राम पुनियानी को मिली धमकी की निंदा की है। पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और सुपरकॉप जूलियो रिबेरियो ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया है।
पहली कॉल उनके लैंडलाइन पर लगभग 8:30 बजे की गई, जिसे प्रोफेसर पुनियानी ने रिसीव किया। फोन करने वाला आक्रामत लहजे में अपमानजनक बात करते हुए आरोप लगा रहा था कि वे हिंदू विरोधी हैं। फोन करने वाले ने धमकी दी कि पुनियानी को अपनी गतिविधियों को रोकना होगा या परिणाम भुगतना होगा। फोन करने वाले ने कहा कि पुनियानी को 15 दिनों में यह सब छोड़ देना चाहिए। पांच मिनट बाद एक और फोन आया जिसे भी पूर्व प्रोफेसर ने खुद रिसीव किया। एक बार फिर बहुत आक्रामक और धमकी भरे लहजे का इस्तेमाल करते हुए फोन करने वाले ने पूछा कि क्या वह पुनियानी से प्रोफेसर ने उसे बताने से इंकार कर दिया और कॉलर को उलझा दिया, ऐसे में इस बार उसका नंबर पहचाना जा सकता था। प्रोफेसर पुनियानी द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर यहां देखी जा सकती है:
सबरंग इंडिया से बात करते हुए, प्रोफेसर पुनियानी ने कहा, "यह बेहद चिंतित और परेशान करने वाला है। मेरा परिवार मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतित है। मुझे उम्मीद है कि अधिकारी इसे गंभीरता से लेंगे। यह पहली बार नहीं है जब मैंने इस तरह की धमकी का सामना किया है।"
प्रोफेसर पुनियानी को मिली धमकी को इसी साल मार्च में उनके साथ घटित हुई घटना के संबंध में देखा जा रहा है। मार्च में कथित तौर पर कुछ पुलिसकर्मियों ने सादा कपड़ों में उनके घर आकर उनके पासपोर्ट के संबंध में पूछताछ की थी। इस तरह की पूछताछ आमतौर पर वर्दीधारी पुलिसकर्मियों द्वारा की जाती है। प्रोफेसर पुनियानी सादा वर्दी में आए इन पुलिसकर्मियों के सीसीटीवी फुटेज प्राप्त करने में सफल रहे थे।
यह घटना इस तरफ इशारा करती है कि एक फासीवादी शासन में सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा सरकार का प्रतिरोध करना कितना गंभीर हो गया है। गोविंद पानसरे, नरेंद्र दाभोलकर, गौरी लंकेश और एमएम कलबुर्गी जैसे तर्कवादी सामाजिक कार्यकर्ताओं की हत्या इसका उदाहरण है जिन्हें दक्षिणपंथियों द्वारा मार डाला गया। अब राम पुनियानी की भी जान को खतरा है।
मुंबई और भारत में कार्यकर्ताओं और लेखकों ने पूर्व प्रोफेसर राम पुनियानी को मिली धमकी की निंदा की है। पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और सुपरकॉप जूलियो रिबेरियो ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया है।