विकास अमेरिका में पैदा होगा, भारत का भविष्य गोला-बारूद, लाठी और तलवार से ही बनेगा

Written by Rakesh Kayasth | Published on: June 24, 2018
विकास भारत में नहीं अमेरिका में पैदा होगा। प्रगति होगी तो वह भी अमेरिका में ही होगी। इसलिए भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार नौकरी छोड़कर वहीं आ रहे हैं।



सुब्रमण्यन ने बताया है कि वे पहली बार दादा बनने वाले हैं। बहू समेत पूरा परिवार वहीं है। डॉक्टर ने सितंबर की तारीख दी है। इसलिए जाना मजबूरी है। अमेरिका में उनके पास करने के लिए काम की कोई कमी नहीं है।

जहां तक भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने का सवाल है, तो वो मोदीजी, जेटली जी और गोयल जी जैसे हार्ड वर्किंग लोगो के बायें हाथ का खेल है। अगर सुब्रमण्यन इस चक्कर में पड़े तो पोते या पोती को पालना कौन झुलाएगा?

अरविंद सुब्रमण्यन से पहले नीति आयोग के प्रमुख अरविंद पनगढ़िया भी इसी तरह चुपचाप अमेरिका चले गये थे। पनगढ़िया से मोदी जी को सबसे ज्यादा उम्मीद थी। नेहरू ने योजना आयोग बनाकर जो पाप किया था, उसका प्रायश्चित मोदीजी नाम बदलकर कर रहे थे। योजना आयोग के नीति आयोग में बदलते ही उसमें मोदीजी का बड़ा विजन समा गया। 

यह विजन नोटबंदी के दौरान साकार होता दिखा जब नीति आयोग ने कैशलेस लेन-देन करने वालों के लिए इनामी प्रतियोगिता शुरू की। यही पनगढ़िया की एकमात्र उपलब्धि है, जिसे देश की जनता जानती है। इसके अलावा और भी बहुत कुछ होगा जो केवल सरकार को पता होगा।

पनगढ़िया ने नौकरी छोड़ते वक्त बताया कि उनके पास अमेरिका का ग्रीन कार्ड है और पक्की नौकरी है, जिसे वे खोना नहीं चाहते हैं। सत्तर साल का पाप धोने के लिए बनाई गई इस ड्रीम टीम की प्रतिबद्धता को बारंबार प्रणाम है। 

कमल वाली पार्टी के दो-दो अरविंद कीचड़ में सड़ना नहीं चाहते थे, इसलिए रातो-रात भागे या वजह कुछ और है? राष्ट्रहित में मेनस्ट्रीम मीडिया इस सवाल पर चर्चा नहीं करेगा। कुछ लोगो को डर सता रहा है कि अगर लड़ाई छिड़ी और देश के बड़े सिपाहसलार साली की शादी के लिए छुट्टी लें लें, या गौपालन के लिए नौकरी ही छोड़ दें तो क्या होगा? 

वैसे मुझे इस बात का अंदेशा नहीं है। देश का भविष्य गोला-बारूद, लाठी और तलवार से ही बनेगा। इसलिए हर कोई मुस्तैद रहेगा। अगर कोई छुट्टी पर गया या नौकरी छोड़कर भागा तब भी कोई चिंता नहीं। साइबर सेनानी हमें बड़ी से बड़ी जंग जिता देंगे।

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