राजस्थान:जाटों ने भी भाजपा का साथ छोड़ा

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: November 6, 2018
विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की दिक्कतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। राजपूतों, किसानों, आदिवासियों, ओबीसी के साथ-साथ अब जाटों ने भी भाजपा का विरोध करने का ऐलान कर दिया है।

BJP

राजस्थान में सबसे ज्यादा संख्या वाले जाट समुदाय के संगठन राजस्थान जाट महासभा ने भाजपा से नाता तोड़ने का ऐलान कर दिया। इसके पहले किसान नेता हनुमान बेनीवाल के साथ भी बड़ी संख्या में जाट और अन्य किसान जातियां जा चुके हैं।

दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार राजस्थान जाट महासभा की जोधपुर के जिलाध्यक्ष जीआर पूनिया ने अन्य पदाधिकारियों के साथ एक प्रेस वार्ता की और कहा कि भाजपा ने जाटों के साथ ठगी की है और उनकी हमेशा उपेक्षा की गई। महासभा के नेताओं ने कहा कि भाजपा के शासन में किसानों के साथ सबसे अधिक अन्याय हुआ। 

भारतीय जनता पार्टी के लिए ये बहुत बड़ा झटका है क्योंकि पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत में जाटों और अन्य किसानों का बड़ा योगदान रहा है। जाट महासभा ने यह भी कहा है कि वो भाजपा पर दबाव बनाने के लिए ऐसा नहीं कर रहे हैं, क्योंकि पहले भी भाजपा सरकार के सामने जाटों की अनदेखी की बात कई बार उठाई जाती रही है लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया इसलिए अब भाजपा से बातचीत का कोई फायदा ही नहीं हुआ।

राजस्थान में जाटों की तादाद करीब 14 प्रतिशत है और ऐसा देखा गया है कि जिस पार्टी को जाटों का समर्थन मिलता है, उसकी ही सरकार बनती है।

भाजपा की दिक्कत इसलिए भी बढ़ रही है क्योंकि अब अन्य छोटे-बड़े जाति समूह भी उसके पक्ष में नहीं है जिनके बल पर वह जाट वोट न मिलने के नुकसान की भरपाई कर सके।

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