राजस्थान: बागियों की चुनौती से जूझ रही बीजेपी

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: October 17, 2018
राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी एक तरफ सत्ताविरोधी लहर और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से जनता तथा कार्यकर्ताओं की नाराजगी से जूझ रही है, तो वहीं बागी नेता भी उसकी नाक में दम किए हैं।

vasundhara raje

राजस्थान में बीजेपी हमेशा से बागियों की समस्याओं से जूझती रही है, और कई बार वह स्थिति संभालने में सफल भी रही तो कभी एकदम नाकाम भी रही। इस बार की स्थिति ये है कि बीजेपी में कई बड़े बागियों के अलावा, अलग-अलग सीटों पर कई नेता बागी तेवर दिखा रहे हैं।

घनश्याम तिवाड़ी तो बगावत करके और बाकायदा चेतावनी देकर अपनी अलग पार्टी बना ही चुके हैं और कई इलाकों में ब्राह्मणों का भारी समर्थन उन्हें मिल रहा है, जिससे बीजेपी की चिंताएं बढ़ रही हैं।

इसके अलावा, पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह काफी समय से बगावती तेवर दिखाने के बाद अब सीधे-सीधे ही कांग्रेस में ही शामिल हो गए हैं।

पिछले यानी 2013 के चुनावों में ही बागी हो चुके हनुमान बेनीवाल तो अब बीजेपी विरोधी बड़े नेता के रूप में स्थापित हो ही चुके हैं। पिछला चुनाव उन्होंने निर्दलीय लड़कर ही जीत लिया था, लेकिन इस बार वे बाकी सीटों पर भी बीजेपी को भारी नुकसान पहुंचाने की स्थिति में आ चुके हैं। बीजेपी और कांग्रेस में
उपेक्षित रहे किसान नेता और किसान समुदाय उनमें काफी संभावनाएं देख रहे हैं, और इसके साथ ही बीजेपी की भी संभावनाएं कम होती दिख रही हैं।

इस बार के चुनावों में बागियों की चुनौती इसलिए भी भारी हो सकती है क्योंकि पार्टी इस बार सत्ताविरोधी लहर का असर कम करने के लिए बहुत सारे विधायकों के टिकट काटने पर आमादा दिख रही है। ऐसे में टिकट से वंचित बीजेपी नेता या तो दूसरे दलों की राह पकड़ सकते हैं, या फिर अपनी ताकत दिखाने के लिए निर्दलीय ही लड़ सकते हैं। दोनों ही स्थितियों में बीजेपी का संकट बढ़ना तय है।
 
 

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