धर्मशालाएं कर दीं निजी कंपनियों के हवाले: होटलों की तरह होंगी महंगी

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: July 20, 2018

राजस्थान सरकार ने जनता के पैसों से बनी धर्मशालाएं निजी हाथों में बेच दी हैं जिस वजह से उनका किराया अब होटलों की तरह महंगा होने जा रहा है। इतना ही नहीं, धर्मशालाओं का किराया भी सरकार के देवस्थान विभाग ने खुद ही तय करके काफी बढ़ा दिया है, जिससे आम जनता का इनमें ठहर पाना मुश्किल होने जा रहा है।
 

Dharmashala
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दैनिक भास्कर के अनुसार, देवस्थान ने एक साल पहले इन धर्मशालाओं को निजी कंपनियों को सौंपने का प्रस्ताव भेजा था और उसकी मंजूरी मिलने के बाद इसके टेंडर निकाले गए। हालांकि, विभाग का कहना है कि धर्मशालाओं को बेचा नहीं गया है, बल्कि लीज़ पर दिया गया है। यह तर्क कुछ-कुछ वैसा ही है जो केंद्र सरकार ने लाल किले को बेचते समय दिया था।

पत्रिका के अनुसार लीज़ की प्रक्रिया के तहत जोधपुर और बीकानेर की धर्मशालाएं अप्रैल में 5 साल के ठेके पर दे दी गईं। जोधपुर की 22 कमरों वाली धर्मशाला 15 लाख 51 हजार रुपए वार्षिक के ठेके पर दी गई है। बीकानेर की धर्मशाला 8 लाख 3 हजार रुपए वार्षिक के ठेके पर दी गई है।

देवस्थान की जिन धर्मशालाओं में ठहरने के लिए कमरे का किराया 30 से 100 रुपए तक होता था, उनमें अब 400 से 800 रुपए तक किराया यात्रियों को ठहरना पड़ेगा। देवस्थान विभाग की जानकारी के मुताबिक, सामान्य कमरों के लिए किराया 400 रुपए और एयर कंडीशंड कमरे के लिए 800 रुपए होगा।

जयपुर में परशुरामद्वारा में तीन साल पहले बनकर तैयार हुई 22 कमरों की धर्मशाला के लिए अभी टेंडर होना बाकी है, जिस कारण उसका ठेका नहीं हो सका है। तैयारी इसे भी ठेके पर देने की चल रही है। उचित रखरखाव के अभाव में इसकी हालत भी खस्ता हो गई है। खिड़की दरवाज़ों के कांच टूट चुके हैं और कई जगह पलस्तर उधड़ चुका है। ऐसे में इसके ठेका ज्यादा महंगा होने के आसार कम लग रहे हैं।

देवस्थान विभाग का कहना है कि धर्मशालाओं को मेंटेनेंस के लिए 5 साल के लिए लीज़ पर दिया गया है।
 

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