चंडीगढ़ विश्वविद्यालय हॉस्टल में छात्राओं के कथित वीडियो बनाए जाने को लेकर प्रदर्शन, तीन गिरफ़्तार

Written by Sabrangindia Staff | Published on: September 19, 2022
मोहाली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विवेक शील सोनी ने मीडिया को बताया कि कई छात्राओं का वीडियो बना कर लीक किए जाने की ‘अफवाह’ के बाद विश्वविद्यालय में आधी रात के बाद प्रदर्शन हुआ।


फ़ोटो साभार: ट्विटर
हॉस्टल में रहने वाली एक छात्रा द्वारा कई अन्य छात्राओं का ‘आपत्तिजनक’ वीडियो बनाए जाने की ‘अफवाह’ को लेकर पंजाब के मोहाली स्थित एक निजी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया, जिसके बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को मामले की जांच के आदेश दिए।

शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने एक छात्रा को गिरफ़्तार किया है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश से 23 वर्षीय एक युवक को गिरफ़्तार किया गया है जिसे उक्त छात्रा का बॉयफ्रेंड बताया जा रहा है। युवक को गिरफ़्तार कर उसे पंजाब पुलिस के हवाले कर दिया गया है। हिमाचल प्रदेश पुलिस ने इस मामले में 31 वर्षीय एक अन्य व्यक्ति को भी गिरफ़्तार किया है।

रात भर हुए प्रदर्शन के बाद स्थिति का जायज़ा लेने के लिये अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के परिसर पहुंचीं पंजाब की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गुरप्रीत देव ने मीडिया से कहा कि ऐसा लगता है कि आरोपी छात्रा ने अपना एक वीडियो युवक के साथ साझा किया और किसी अन्य छात्रा का कोई आपत्तिजनक वीडियो नहीं मिला है।

विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने भी उन ख़बरों को “झूठी व निराधार” बता कर ख़ारिज कर दिया, जिनमें दावा किया गया था कि विश्वविद्यालय के छात्रावास में कई छात्राओं के वीडियो बनाए गए और सोशल मीडिया पर साझा किए गए तथा कई छात्रों ने इस प्रकरण के बाद आत्महत्या का प्रयास किया।

विश्वविद्यालय परिसर में हालांकि बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने रविवार शाम को फिर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी छात्रों में से कुछ ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों पर घटना को “दबाने” का आरोप लगाया।

अधिकांश प्रदर्शनकारियों ने काले कपड़े पहन रखे थे और उन्होंने पुलिस की मौजूदगी में “हमें न्याय चाहिए” जैसे नारे लगाए।

मोहाली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विवेक शील सोनी ने मीडिया को बताया कि कई छात्राओं का वीडियो बना कर लीक किए जाने की ‘अफवाह’ के बाद विश्वविद्यालय में आधी रात के बाद प्रदर्शन हुआ।

उन्होंने कहा कि गिरफ़्तार छात्रा का मोबाइल फ़ोन फॉरेंसिक जांच के लिये ज़ब्त कर लिया गया है और किसी छात्रा के आत्महत्या की कोशिश करने का मामला सामने नहीं आया है और इस मामले में किसी की मौत नहीं हुई है।

अधिकारियों ने बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा- 354 सी और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है।

मुख्यमंत्री मान ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और कहा कि दोषी पाए जाने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री मान ने ट्वीट किया, ‘‘चंडीगढ़ विश्वविद्यालय की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में सुनकर दुख हुआ…हमारी बेटियां हमारा सम्मान हैं…मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं…जो भी दोषी पाया जाएगा उसके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं प्रशासन के संपर्क में हूं।” इसके साथ ही मान ने लोगों से अफवाहों पर ग़ौर नहीं करने की अपील की।

इस घटना को लेकर राजनीतिक दलों की तरफ़ से भी तीखी प्रतिक्रियाएं आईं और केंद्र व राज्य महिला अधिकार निकायों ने भी दखल दिया।

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मामले में संलिप्त लोगों को “कठोरतम सज़ा” मिलेगी।

केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘पीड़ित बेटियां हिम्मत रखें। हम सब आपके साथ हैं। सभी संयम से काम लें।’’

पंजाब महिला आयोग की अध्यक्षा मनीषा गुलाटी ने भी विश्वविद्यालय परिसर पहुंचकर स्थिति का जायज़ा लिया।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अभिभावकों की चिंता को समझ सकती हूं और उन्हें आश्वस्त करना चाहती हूं कि इस मामले की पुलिस द्वारा जांच की जा रही है।’’

गुलाटी ने कहा, ‘‘यह गहन जांच का विषय है कि महिला ने क्यों वीडियो बनाया। उसने अन्य लड़कियों का वीडियो रिकॉर्ड किया या नहीं, यह जांच का विषय है।’’

राष्ट्रीय महिला आयोग ने एक बयान में कहा कि निकाय की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने पंजाब पुलिस के महानिदेशक को पत्र लिखकर मामले में तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने और इस मामले में बिना किसी लापरवाही के कड़ाई से निपटने को कहा है।

आयोग ने कहा कि मामले की पीड़ित लड़कियों को उचित परामर्श दिया जाए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

महिला अधिकार निकाय ने चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के कुलपति को भी पत्र लिखकर क़ानून के अनुसार दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने और विश्वविद्यालय से मामले की निष्पक्ष तरीक़े से गहन जांच करने को कहा है।

कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, शिरोमणि अकाली दल की नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा समेत विपक्षी नेताओं ने दोषियों के लिए सख़्त सज़ा की मांग की है।

बादल ने कहा कि सरकार को सभी तथ्य सार्वजनिक करने चाहिए और कुछ दबाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।

राज्य में नेता विपक्ष बाजवा ने कहा, “चंडीगढ़ विश्वविद्यालय की घटना व्यथित कर रही है। इस अपराध के अपराधियों से सख़्ती से निपटा जाना चाहिए और मिसाल दिये जाने योग्य सज़ा दी जानी चाहिए। अगर कोई वीडियो अग्रसारित करता है, तो हमें एक समाज के रूप में इसकी जानकारी अधिकारियों को देनी चाहिए और इस कठिन समय में हम अपनी बहनों के साथ खड़े हैं।”

विश्वविद्यालय परिसर में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए एडीजीपी देव ने कहा कि कई सोशल मीडिया मंचों पर इस मामले को लेकर कई अफवाह चल रही हैं। देव के पास महिला एवं बाल मामलों का भी प्रभार है।

उन्होंने कहा, “हॉस्टल में 4,000 छात्राएं रहती हैं। पुलिस ने एक को गिरफ़्तर किया है। पुलिस ने उसका फ़ोन अपने क़ब्ज़े में ले लिया है और राज्य साइबर अपराध शाखा उसका विश्लेषण कर रही है।”

देव ने कहा कि तीन से चार छात्राओं ने आरोपी छात्रा को शौचालय में देखा, जहां वह अपने फ़ोन के साथ कुछ तस्वीरें ले रही थी “जो उन्हें लगा कि वह शौचालय के दरवाज़े के नीचे से ले रही है… उन्होंने फिर वार्डन को मामले की सूचना दी और बाद में पुलिस को सूचित किया गया”।

एडीजी देव ने कहा, “मैं लड़कियों के समूह के साथ बातचीत के बाद स्पष्ट करना चाहती हूं कि वे खुश हैं कि उनकी चिंताओं का समाधान किया गया है। उनकी चिंता यह थी कि कहीं उसके (आरोपी के) फोन में दूसरी लड़कियों का कोई वीडियो तो नहीं है। प्रथम दृष्टया हमें अन्य लड़कियों का कोई वीडियो नहीं मिला।”

चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के प्रो-चांसलर आर.एस. बावा ने यहां एक बयान में कहा, “ऐसी अफवाहें हैं कि लड़कियों ने आत्महत्या की है, जबकि सच्चाई यह है कि किसी भी लड़की ने ऐसा कोई क़दम नहीं उठाया है। घटना में किसी लड़की को अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया है।”

बावा ने कहा, “एक और अफवाह है, जो मीडिया के माध्यम से फैल रही है कि विभिन्न छात्राओं का आपत्तिजनक एमएमएस मिला है। यह पूरी तरह से झूठ और निराधार है।”

मोहाली के एसएसपी सोनी ने कहा कि घटना की जांच के लिए एक महिला जांच अधिकारी को तैनात किया गया है।

उन्होंने कहा, “अगर आप अब तक की घटनाओं के क्रम को देखें, तो हमारी जांच में पता चला है कि वीडियो केवल उसका ही था। इसके अलावा, किसी अन्य (छात्रा) का कोई वीडियो नहीं है।”

एक छात्रा ने दावा किया कि आपत्तिजनक वीडियो बनाए गए थे, लेकिन बाद में डिलीट कर दिए गए और आरोपी छात्रा का फ़ोन भी तोड़ दिया गया।

एक अन्य छात्रा ने कहा कि छात्रावास में शनिवार शाम दस से अधिक लड़कियों को घबराहट की शिकायत हुई।

उसने दावा किया कि लड़कों के छात्रावास को हाल ही में लड़कियों के छात्रावास में बदल दिया गया था और इसमें सुविधाओं का अभाव था।

एक छात्र को एंबुलेंस में ले जाने के एक वीडियो का ज़िक्र करते हुए, एसएसपी ने कहा कि उसे कुछ घबराहट की समस्या थी और वह ठीक थी।

हॉस्टल वार्डन पर एक सवाल के जवाब में, एसएसपी ने कहा कि उन्होंने (वार्डन ने) उस छात्रा से पूछताछ की, जिसे बाद में गिरफ़्तार किया गया था, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या उसने किसी अन्य छात्र का वीडियो बनाया था।

एक वीडियो में, विशेष रूप से वार्डन को कथित तौर पर छात्रा से पूछते हुए देखा जा सकता है, “तुमसे किसने वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए कहा?..तुमको निलंबित कर दिया जाएगा”।

फिर वार्डन वहां मौजूद कुछ अन्य छात्राओं की ओर इशारा करते हुए दिखाई देती है और उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है, “क्या इन लड़कियों की इज़्ज़त नहीं है? तुमने किसके कहने पर ऐसा किया? तुमको इसे बनाने के लिए किसने कहा?’

Courtesy: Newsclick

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