इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने तीन मार्च को क्लाइव रोड की मस्जिद में तेज आवाज में दी जाने वाली अजान से नींद में खलल को लेकर डीएम प्रयागराज को पत्र लिखा था। उन्होंने इस पत्र की कॉपी कमिश्नर आईजी और डीआईजी को भी भेजी थी। इस मामले को उठने के बाद आईजी प्रयागराज ने रेंज के चारों जिलों के डीएम और एसएसपी को मंदिरों और मस्जिदों में लाउडस्पीकर बजाने पर पाबंदी लगाने के लिए एक पत्र भेजा है।
आईजी ने पॉल्यूशन एक्ट और हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का सख्ती से पालन कराने के लिए कहा है। आईजी के निर्देश के अनुसार, रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर बजाने या अन्य किसी पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम के इस्तेमाल पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी। ताकि लोगों को परेशानी ना हो।
आईजी ने अपने निर्देश में कहा है कि विवाह या बंद कमरे में पार्टी जैसे आयोजनों पर विशेष इजाजत लेकर रात 12 बजे तक निश्चित वॉल्यूम में लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति दी जा सकती है। आईजी के निर्देश के मुताबिक, डीएम, एसएसपी और प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि बिना इजाजत कोई भी किसी पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम या माइक से तेज आवाज में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक कोई अनाउंसमेंट ना करे। उन्होंने कहा है कि दिन में भी एक निश्चित वॉल्यूम में ही पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा, लेकिन रात में पूरी सख्ती से इस पर पाबंदी रहेगी।
आईजी के अनुसार, विधायक मुख्तार अंसारी के भाई, गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी ने पिछले साल रमजान से पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में लाउडस्पीकर से अजान की मांग को लेकर एक जनहित याचिका भी दाखिल की थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा था कि लाउडस्पीकर से अजान सुनाना, इस्लाम का धार्मिक हिस्सा नहीं है। कोर्ट ने कहा 'लोगों को बिना ध्वनि प्रदूषण नींद का अधिकार है और यह जीवन के मूल अधिकार में शामिल है। किसी को भी अपने मूल अधिकारों के लिए दूसरे के मूल अधिकारों का उल्लंघन करने का अधिकार नहीं है।
लाउडस्पीकर पर ताजा विवाद इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव की आपत्ति से उपजा है। उन्होंने 3 मार्च को क्लाइव रोड की मस्जिद में तेज आवाज में दी जाने वाली अजान से नींद में खलल को लेकर डीएम प्रयागराज को एक पत्र लिखा था। उन्होंने पत्र की कॉपी कमिश्नर आईजी और डीआईजी को भी भेजी थी।
कुलपति के पत्र पर बवाल मचा हुआ है। मामले के तूल पकड़ने से पहले ही मस्जिद की इंतजामिया कमेटी खुद आगे आई और उसने लाउडस्पीकर की संख्या चार से घटाकर दो कर दी है और उसका वॉल्यूम भी कम कर दिया। इसके साथ ही साथ लाउडस्पीकर की दिशा भी कुलपति के आवास की ओर से बदल दी। इसी मामले को संज्ञान में लेते हुए आईजी ने पत्र जारी कर सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं।
आईजी ने पॉल्यूशन एक्ट और हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का सख्ती से पालन कराने के लिए कहा है। आईजी के निर्देश के अनुसार, रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर बजाने या अन्य किसी पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम के इस्तेमाल पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी। ताकि लोगों को परेशानी ना हो।
आईजी ने अपने निर्देश में कहा है कि विवाह या बंद कमरे में पार्टी जैसे आयोजनों पर विशेष इजाजत लेकर रात 12 बजे तक निश्चित वॉल्यूम में लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति दी जा सकती है। आईजी के निर्देश के मुताबिक, डीएम, एसएसपी और प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि बिना इजाजत कोई भी किसी पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम या माइक से तेज आवाज में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक कोई अनाउंसमेंट ना करे। उन्होंने कहा है कि दिन में भी एक निश्चित वॉल्यूम में ही पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा, लेकिन रात में पूरी सख्ती से इस पर पाबंदी रहेगी।
आईजी के अनुसार, विधायक मुख्तार अंसारी के भाई, गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी ने पिछले साल रमजान से पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में लाउडस्पीकर से अजान की मांग को लेकर एक जनहित याचिका भी दाखिल की थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा था कि लाउडस्पीकर से अजान सुनाना, इस्लाम का धार्मिक हिस्सा नहीं है। कोर्ट ने कहा 'लोगों को बिना ध्वनि प्रदूषण नींद का अधिकार है और यह जीवन के मूल अधिकार में शामिल है। किसी को भी अपने मूल अधिकारों के लिए दूसरे के मूल अधिकारों का उल्लंघन करने का अधिकार नहीं है।
लाउडस्पीकर पर ताजा विवाद इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव की आपत्ति से उपजा है। उन्होंने 3 मार्च को क्लाइव रोड की मस्जिद में तेज आवाज में दी जाने वाली अजान से नींद में खलल को लेकर डीएम प्रयागराज को एक पत्र लिखा था। उन्होंने पत्र की कॉपी कमिश्नर आईजी और डीआईजी को भी भेजी थी।
कुलपति के पत्र पर बवाल मचा हुआ है। मामले के तूल पकड़ने से पहले ही मस्जिद की इंतजामिया कमेटी खुद आगे आई और उसने लाउडस्पीकर की संख्या चार से घटाकर दो कर दी है और उसका वॉल्यूम भी कम कर दिया। इसके साथ ही साथ लाउडस्पीकर की दिशा भी कुलपति के आवास की ओर से बदल दी। इसी मामले को संज्ञान में लेते हुए आईजी ने पत्र जारी कर सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं।