फूलपुर - गोरखपुर पर टिपण्णी: सुभाषिनी अली और तीस्ता सेतलवाड़

Written by SabrangindiaROMA (AIUFWP) | Published on: March 31, 2018
हाल ही में हुए फूलपुर और गोरखपुर उपचुनाव भारतीय राजनीती के अद्भुत सफ़र में एक अहम मील का पत्थर बन कर उभरे. एक दूसरे के जानी दुश्मन माने जाने वाले सपा और बसपा, बीस साल बाद एक साथ आए और ऐसे आए कि भाजपा के विजय रथ के पहिये पंक्चर कर दिए. फूलपुर में, जहाँ भाजपा का वर्चस्व हाल ही में कायम हुआ था, वहां साठ हजार से ज्यादा वोटों से विरोधीपक्ष की जीत शानदार ही मानी जानी चाहिए, लेकिन गोरखपुर जैसे प्रान्त में, जहाँ गोरखमठ के नाथों का और हिंदुत्व के सांप्रदायिक एजेंडे का बोलबाला रहा है, वहां की जीत सच में यादगार हुई.
 
सालों से उत्तर प्रदेश में काम करने वालीभूतपूर्व सांसद और माकपा के पोलिटब्यूरो की सदस्यसुभाषिनी अली और जानी मानी सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सेतलवाड़ के बीच की इस बहुत ही दिलचस्प बातचीत में इन चुनावों का, और आगे चल कर अन्य चुनावों में भाजपा की रणनीति का एक सटीक विश्लेषण देखने को मिलता है.

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