भीमा कोरेगावं हिंसा में गिरफ्तारी की बहसों के बीच बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने कहा कि जिन लोगों ने महात्मा गांधी की हत्या का जश्न मनाया, अभी वह सत्ता में हैं. स्वरा भास्कर ने कोरेगांव हिंसा मामले में हुई गिरफ्तारियों पर भी सवाल उठाया. इंडियन वीमन प्रेस कॉर्प्स की ओर से शनिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में स्वरा ने कहा कि लोगों को उनके कर्मों के लिए दंडित किया जाना चाहिए, न कि उनके विचारों और सोच के लिए.
अपने बेबाक बयानों के लिए चर्चित अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने कहा, 'जब खालिस्तान का मुद्दा पंजाब में चल रहा था तो वहां बहुत सारे ऐसे लोग थे जो भिंडरावाले को संत बुलाते थे. संत जनरैल के नाम से बुलाते थे, क्या आप उन सबको पकड़ कर जेल में डाल देंगे?
आगे उन्होंने कहा कि इस देश में महात्मा गांधी जैसे एक महान शख्स, महान नेता की हत्या हुई, उस वक्त भी कई सारे लोग थे, जो उनकी हत्या का जश्न मना रहे थे, मगर आज वह सत्ता में हैं, क्या आप उन सबको पकड़ कर जेल में डाल देंगे. नहीं, न? इसका जवाब है नहीं. जाहिर सी बात है नहीं. हमारे अंदर एक टेंडेसी बनती जा रही है कि अरे इसे जेल में डालो, यह कोई अच्छी चीज नहीं है.
स्वरा भास्कर ने यह भी कहा कि एक खून का प्यासा समाज बनना कोई अच्छी बात नहीं है.' गौरतलब है कि भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार किए गए पांच विभिन्न मानवाधिकार कार्यकर्ताओं (वामपंथी विचारक) की गिरफ्तारी को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन जारी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आदेश दिया था कि पांचों कार्यकर्ताओं को छह सितंबर तक उनके घर में ही नजरबंद रखा जाए.
अपने बेबाक बयानों के लिए चर्चित अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने कहा, 'जब खालिस्तान का मुद्दा पंजाब में चल रहा था तो वहां बहुत सारे ऐसे लोग थे जो भिंडरावाले को संत बुलाते थे. संत जनरैल के नाम से बुलाते थे, क्या आप उन सबको पकड़ कर जेल में डाल देंगे?
आगे उन्होंने कहा कि इस देश में महात्मा गांधी जैसे एक महान शख्स, महान नेता की हत्या हुई, उस वक्त भी कई सारे लोग थे, जो उनकी हत्या का जश्न मना रहे थे, मगर आज वह सत्ता में हैं, क्या आप उन सबको पकड़ कर जेल में डाल देंगे. नहीं, न? इसका जवाब है नहीं. जाहिर सी बात है नहीं. हमारे अंदर एक टेंडेसी बनती जा रही है कि अरे इसे जेल में डालो, यह कोई अच्छी चीज नहीं है.
स्वरा भास्कर ने यह भी कहा कि एक खून का प्यासा समाज बनना कोई अच्छी बात नहीं है.' गौरतलब है कि भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार किए गए पांच विभिन्न मानवाधिकार कार्यकर्ताओं (वामपंथी विचारक) की गिरफ्तारी को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन जारी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आदेश दिया था कि पांचों कार्यकर्ताओं को छह सितंबर तक उनके घर में ही नजरबंद रखा जाए.