Save Joshimath: खुद का दर्द भूलकर जोशीमठ की सलामती की दुआ करने निकले बनभूलपुरा के लोग

Written by Sabrangindia Staff | Published on: January 12, 2023
जिस वक्त बनभूलपुरा के इन लोगों को उजाड़ने की कवायद चल रही थी, तब इन लोगों को केवल मुसलमान होने के कारण भगवा ब्रिगेड द्वारा जिहादी, बांग्लादेशी, घुसपैठिए सहित तमाम अपमानजनक उपमाएं देते हुए इन्हें प्रशासन द्वारा निर्दयतापूर्वक उजाड़ने की मांग की जा रही थी...



Save Joshimath : महज तीन दिन पहले तक अपने आशियाने उजड़ने की आशंका से दहशत के साए में जी रहे बनभूलपुरा के लोगों ने रविवार को धंसते जोशीमठ शहर के चलते अपने घरों से बेदखल होने वाले लोगों की मुकम्मल मदद की मांग को लेकर कैंडल मार्च का आयोजन किया। बनभूलपुरा के लोगों ने संकट की इस घड़ी में जोशीमठ के लोगों के साथ खड़े होकर उस भगवा ब्रिगेड के मुंह पर तमाचा मारा है जो तीन दिन पहले तक बनभूलपुरा को उजाड़ने के लिए सोशल मीडिया पर जहरीला कैंपेन चला रही थी।

जैसा की मालूम ही है कि उत्तराखंड के जनपद चमोली के जोशीमठ में आई प्राकृतिक आपदा से हज़ारों लोग प्रभावित है। जिसमें प्रभावितों एवं जोशीमठ को बचाने के बीते लंबे समय से भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी माले के सक्रिय नेता अतुल सती आंदोलन चला रहे हैं। इसके अलावा जोशीमठ एवं उसके प्रभावितों के लिए जगह-जगह प्रार्थना की जा रही है। इसी क्रम में रविवार की शाम बनभूलपुरा के वह लोग भी सड़कों पर उतरे जिनके सिर पर अभी तीन दिन पहले तक अपना आशियाना उजड़ने की तलवार लटक रही थी। जिस वक्त बनभूलपुरा के इन लोगों को उजाड़ने की कवायद चल रही थी, तब इन लोगों को केवल मुसलमान होने के कारण भगवा ब्रिगेड द्वारा जिहादी, बांग्लादेशी, घुसपैठिए सहित तमाम अपमानजनक उपमाएं देते हुए इन्हें प्रशासन द्वारा निर्दयतापूर्वक उजाड़ने की मांग की जा रही थी। तमाम नरपिशाच प्रवृत्ति के लोग अतिक्रमण हटाने के नाम पर बनभूलपुरा के पचास हजार लोगों की तबाही और इनके रोते-बिलखते बच्चों की चीखों में असीम आनंद की तलाश के जो सपने देख रहे थे, उसे फिलहाल देश की सर्वोच्च न्यायिक संस्था सर्वोच्च न्यायालय ने न्याय हित के तकादे के चलते तोड़ दिया।

लेकिन सर्वोच्च न्यायालय की राहत की छतरी के तले रहने वाले इन्हीं बनभूलपुरा निवासियों ने अपने ही जैसी घर उजड़ने की परिस्थिति से गुजरने वाले जोशीमठ के लोगों के दर्द को अपने दर्द के साथ महसूस करते हुए कैंडल मार्च निकालकर उनके साथ हमदर्दी का इजहार किया। जोशीमठ के प्रभावितों की मदद और उनके पुनर्वास की मांग को लेकर रविवार देर शाम वनभूलपुरा क्षेत्र के लोगों ने कैंडल मार्च निकालते हुए इस इलाके के तमाम लोग ताज चौराहे पर एकत्रित हुए, जहां इन लोगों ने कहा कि सरकार को मानवीय पक्ष को ध्यान में रखकर जल्द से जल्द उचित कदम उठाना चाहिए।

इलाके के सामाजिक कार्यकर्ता जावेद सिद्दीकी की अगुवाई में बनभूलपुरा के लोगों का यह कैंडल मार्च उसी लाइन नंबर 17 से शुरू हुआ, जहां बनभूलपुरा को न उजाड़े जाने के लिए सैंकड़ों महिलाओं द्वारा वह दुआएं की जा रही थीं, जिन्हे गोदी मीडिया जिहादी लोगों द्वारा सड़क पर नमाज पढ़े जाने के तौर पर प्रस्तुत कर रहा था। इसी जगह जोशीमठ के हक़ में दुआ की औपचारिकता के बाद इस कैंडल मार्च का आयोजन किया गया। इस कैंडल मार्च में बड़ी संख्या में क्षेत्र की महिलाओं, पुरुषों, युवाओं ने बच्चों ने हिस्सेदारी की।

ताज चौराहे पर हुई सभा में जावेद सिद्दीकी ने कहा कि जिस तरह की स्थिति का सामना वनभूलपुरा क्षेत्र लोगों को बीते दिनों करना पड़ा था, ठीक उसी तरह से अब जोशीमठ की जनता पर भी दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। इस दुख की घड़ी में बनभूलपुरा के साथ ही पूरी हल्द्वानी की जनता जोशीमठ के साथ है। जोशीमठ के लोग इस संकट के वक्त अपने को अकेला न समझें। व्यक्ति के तौर पर हम जो मदद कर सकने में सक्षम होंगे, उसे बनभूलपुरा के लोग पीछे नहीं हटेंगे। जोशीमठ व उसके प्रभावितों की सकुशल रहने की कामना के साथ ही सरकार से प्रभावितों एवं जोशीमठ को बचाने के लिए हर सम्भव मदद करने की मांग करते हुए लोगों ने आपदा की इस घड़ी में प्रभावितों को फौरी मदद पहुंचाने की अपील की।

लोगों का कहना था कि लोग बेघर हो गए हैं, सरकार को उनके पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए। जोशीमठ में भू-धंसाव की वजह से सैकड़ों घरों में दरारें आ गई हैं। लोग दहशत में जी रहे हैं। अब तक 561 घरों में दरारें आ गई हैं। लोग उत्तराखंड सरकार से खुद के मकान और जीवन को बचाने की गुहार लगा रहे है। इस दौरान कैंडिल मार्च में सपा नेता जावेद सिद्दीकी, अरशद अय्यूब, इस्लाम मिकरानी, जिक्रे इलाही, अनस सिद्दीकी, अज़हर मलिक, रेहान मलिक, वकार सिद्दीकी, कम्मो रानी, जाहिरा बेगम, उमैर मतीन, इरफान मिकरानी, फरीद अहमद, रूखसाना, अकबरी बेगम, अलीम अंसारी, रेहान कुरैशी, अरशद, आरिश अली के साथ तमाम महिलाएं भी मौजूद रहीं।

Courtesy: Janjwar

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