राजस्थान के पाली जिले के भीमाणा गांव में खरताराम जाट की मौत पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगाते हुए जाट समाज के लोगों का आंदोलन जारी है।

पुलिस का कहना है कि खरताराम जाट हिस्ट्रीशीटर बदमाश था और भीमाणा गांव की पहाड़ियों में पुलिस से घिरने के बाद उसने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उधर गांव वालों का कहना है कि खरताराम का एनकाउंटर किया गया है। घटना के तीन दिन बाद भी परिजन खरताराम का शव ले जाने को तैयार नहीं हैं।
जाट समाज के नेताओं और परिजनों ने इस बारे में जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया है। कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। एसपी ने भी लोगों को समझाने की कोशिश की लेकिन परिजनों की मांग है कि आरोपी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए, सीबीआई से जांच कराई जाए और मृतक के परिवार को मुआवजा दिया जाए।
परिजनों और समाज के लोगों का कहना है कि उनकी मांगें पूरी नहीं होने तक वे मृतक के शव को नहीं उठाएंगे। शनिवार को समाज के लोगों ने भीमाणा जाकर घटनास्थल का दौरा भी किया और पाया कि खरताराम का पुलिस ने फर्जी एनकाउंटर किया है।
दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक मामले की जांच एसडीएम भास्कर विश्नोई को सौंपी गई है, लेकिन मामला लगातार बढ़ता जा रहा है। आसपास के इलाकों से भी लोग बांगड़ अस्पताल पहुंचने लगे हैं। अस्पताल के शवगृह और जाट हॉस्टल के पास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
पुलिस का कहना है कि खरताराम और उसके साथियों के 2 वाहनों में करीब 12 क्विंटल डोडा-पोस्त बरामद हुआ है जो मध्यप्रदेश से लाया गया था। राजस्थान में डोडा प्रतिबंधित है। पुलिस ने भी दो मामले दर्ज कराए हैं। पहले मामले में खरताराम, भजनलाल, रामाराम जाट और मोहन जाट के खिलाफ डोडा पोस्त की तस्करी करने और पुलिस पर अवैध हथियारों से फायरिंग कर जानलेवा हमला करने का मामला है। दूसरा मामला अपने पास अवैध हथियारों से पुलिस पर फायरिंग करने के बाद खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने का है। गिरफ्तार भजनलाल विश्नोई को 6 दिन के रिमांड पर रखा है। शेष दो आरोपियों की तलाश की जा रही है।

पुलिस का कहना है कि खरताराम जाट हिस्ट्रीशीटर बदमाश था और भीमाणा गांव की पहाड़ियों में पुलिस से घिरने के बाद उसने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उधर गांव वालों का कहना है कि खरताराम का एनकाउंटर किया गया है। घटना के तीन दिन बाद भी परिजन खरताराम का शव ले जाने को तैयार नहीं हैं।
जाट समाज के नेताओं और परिजनों ने इस बारे में जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया है। कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। एसपी ने भी लोगों को समझाने की कोशिश की लेकिन परिजनों की मांग है कि आरोपी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए, सीबीआई से जांच कराई जाए और मृतक के परिवार को मुआवजा दिया जाए।
परिजनों और समाज के लोगों का कहना है कि उनकी मांगें पूरी नहीं होने तक वे मृतक के शव को नहीं उठाएंगे। शनिवार को समाज के लोगों ने भीमाणा जाकर घटनास्थल का दौरा भी किया और पाया कि खरताराम का पुलिस ने फर्जी एनकाउंटर किया है।
दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक मामले की जांच एसडीएम भास्कर विश्नोई को सौंपी गई है, लेकिन मामला लगातार बढ़ता जा रहा है। आसपास के इलाकों से भी लोग बांगड़ अस्पताल पहुंचने लगे हैं। अस्पताल के शवगृह और जाट हॉस्टल के पास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
पुलिस का कहना है कि खरताराम और उसके साथियों के 2 वाहनों में करीब 12 क्विंटल डोडा-पोस्त बरामद हुआ है जो मध्यप्रदेश से लाया गया था। राजस्थान में डोडा प्रतिबंधित है। पुलिस ने भी दो मामले दर्ज कराए हैं। पहले मामले में खरताराम, भजनलाल, रामाराम जाट और मोहन जाट के खिलाफ डोडा पोस्त की तस्करी करने और पुलिस पर अवैध हथियारों से फायरिंग कर जानलेवा हमला करने का मामला है। दूसरा मामला अपने पास अवैध हथियारों से पुलिस पर फायरिंग करने के बाद खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने का है। गिरफ्तार भजनलाल विश्नोई को 6 दिन के रिमांड पर रखा है। शेष दो आरोपियों की तलाश की जा रही है।