स्टडी रिपोर्ट में खुलासा, सोशल मीडिया पर फेक न्यूज फैलाते हैं राजनीतिक दल

Written by SabrangIndia Staff | Published on: July 23, 2018
ऑक्सफोर्ट यूनिवर्सिटी की स्टडी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि राजनीतिक दल और सरकारी एजेंसियां सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें प्रसारित करने में सबसे आगे हैं। यही नहीं सेंसरशिप का प्रयोग करने, सार्वजनिक संगठनों, विज्ञान और मीडिया में जनता का भरोसा कम करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं। 



स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक यह समस्या पूरी दुनिया में बहुत तेजी से बढ़ रही है। दुनियाभर में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों की सोच को तोड़-मरोड़कर पेश करना एक गंभीर खतरे के रूप में सामने आ रहा है। भारत में भी मॉब लिंचिंग की घटनाओं में सोशल मीडिया की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए कोशिशें की जा रही हैं। 

रिपोर्ट की सह लेखक समांथा ब्रैडशॉ ने कहा, ‘दुनिया भर में संगठित रूप से सोशल मीडिया के जरिये हेराफेरी करने वाले देशों की संख्या 28 से बढ़कर 48 हो गई है।’ उन्होंने कहा कि इनमें से सबसे अधिक बढ़ोतरी राजनीतिक दलों की तरफ से हो रही है। राजनीतिक दल चुनावों के दौरान गलत सूचनाएं और फर्जी खबरें फैलाते हैं। 

ये सब कई देशों की लोकतांत्रिक सरकारों की तरफ से फर्जी खबरें रोकने के प्रयासों के बावजूद हो रहा है। 

स्टडी रिपोर्ट के प्रमुख लेखक फिल हॉवर्ड ने कहा, ‘इसके साथ समस्या यह है कि फेक न्यूज से निपटने वाली ‘टास्क फोर्स’ सत्तावादी शासन का सेंसरशिप को वैधानिक बनाने का हथियार बन गया है।’

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