नीट यूजी 2024 अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) सीट के लिए काउंसलिंग 6 जुलाई को शुरू होने वाली थी, जिसे अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है। इससे पहले इस परीक्षा में धांधली से जुड़े आरोपों को सुन रहे सुप्रीम कोर्ट ने काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा स्नातक (नीट यूजी) 2024 के लिए काउंसलिंग अगली सूचना तक स्थगित कर दी गई है। नीट यूजी अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) सीट के लिए काउंसलिंग 6 जुलाई को शुरू होने वाली थी। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट शनिवार से शुरू होने वाली नीट यूजी काउंसलिंग में देरी करने से इनकार करने के बाद आया है।
ज्ञात हो कि सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच 8 जुलाई को नीट यूजी 2024 की याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
इन याचिकाओं में याचिकाकर्ताओं ने इस परीक्षा का पेपर लीक होने का आरोप लगाया है। कुछ याचिकाकर्ताओं ने पूरी परीक्षा रद्द करने और मेडिकल प्रवेश परीक्षा दोबारा आयोजित करने की मांग की है, वहीं कुछ ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के संचालन की जांच की मांग की है।
बता दें कि नीट यूजी काउंसलिंग कई चरणों में आयोजित की जाती है। मेडिकल प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को पहले पंजीकरण करना होगा और काउंसलिंग की शुल्क का भुगतान करना होगा, विकल्प भरना होगा और उन्हें लॉक करना होगा। उसके बाद दस्तावेज अपलोड करने के बाद आवंटित कॉलेज में व्यक्तिगत तौर पर रिपोर्ट करना होगा।
15 प्रतिशत एआईक्यू के तहत नीट यूजी काउंसलिंग में सरकारी कॉलेजों, केंद्रीय और डीम्ड विश्वविद्यालयों की सीटें- कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) मेडिकल कॉलेजों में बीमित व्यक्तियों (आईपी कोटा) के बच्चों के लिए आरक्षित सीटें और सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज, पुणे में उपलब्ध सीटें शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि एनटीए 23 जून को आयोजित हुए ग्रेस अंक पाने वाले 813 उम्मीदवारों के पुनर्परीक्षण का परिणाम जारी कर चुका है। संशोधित परिणामों के साथ टॉपर टैली 67 से घटकर 61 हो गई है।
बता दें कि 5 मई को अपने आयोजन के बाद से ही नीट यूजी 2024 की परीक्षा विवादों के घेरे में है। परीक्षा से पहले हुए पेपर लीक, परीक्षा के दौरान हेरफेर और परिणामों के साथ छेड़छाड़ के जैसे आरोप लगाए जा रहे हैं।
पेपर लीक पर केंद्र को घेर रहा विपक्ष
बता दें कि नीट पेपर लीक विवाद पर विपक्ष लगातार मोदी सरकार को घेर रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी सरकार पर युवाओं को गुमराह करने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि 'केवल कुछ जगहों पर अनियमितताएं/चीटिंग हुई हैं' कहना शिक्षा मंत्रालय द्वारा गुमराह करने वाली है, लाखों युवाओं से झूठ बोला जा रहा है। उन्होंने पेपर लीक विवाद के साथ-साथ NCERT की किताबों को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
नीट यूजी पर हलफनामे में केंद्र ने क्या कहा?
दरअसल, शिक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर करके नीट एग्जाम रद्द की मांग का विरोध किया था। सरकार ने हलफनामे में कहा है कि कथित गड़बड़ी केवल पटना और गोधरा केंद्रों में हुई थी और व्यक्तिगत उदाहरणों के आधार पर पूरी परीक्षा रद्द नहीं की जानी चाहिए। अनुचित साधनों और पेपर लीक के व्यक्तिगत उदाहरणों से पूरी परीक्षा खराब नहीं हुई है। अगर परीक्षा प्रक्रिया रद्द कर दी जाती है तो यह लाखों छात्रों के शैक्षणिक करियर से जुड़े बड़े सार्वजनिक हित के लिए ज्यादा हानिकारक होगा। पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच कर रही है। ये बातें शिक्षा मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग के डायरेक्टर वरुण भारद्वाज ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामें कही हैं।
हलफनामे से भड़के कांग्रेस अध्यक्ष
इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' (पहले ट्विटर) पर सरकार के बयान का विरोध किया है। उन्होंने लिखा, 'मोदी सरकार ने माननीय सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि NEET-UG में कोई पेपर लीक नहीं हुआ है! लाखों युवाओं से ये सफ़ेद झूठ बोला जा रहा है। उनके भविष्य को बर्बाद किया जा रहा है। शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि “केवल कुछ जगहों पर अनियमितताएं/चीटिंग हुई हैं” — ये गुमराह करने वाली बात है। BJP-RSS ने पूरी शिक्षा प्रणाली को अपने क़ब्ज़े में रखकर शिक्षा माफ़िया को बढ़ावा दिया है। NCERT की किताबें हों या परीक्षा में Leekage — मोदी सरकार हमारी शिक्षा व्यवस्थाओं को तबाह करने पर तुली है।' इसके साथ ही उन्होंने NEET UG री-एग्जाम और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पेपर लीक घोटालों की जांच की मांग दोहराई।
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राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा स्नातक (नीट यूजी) 2024 के लिए काउंसलिंग अगली सूचना तक स्थगित कर दी गई है। नीट यूजी अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) सीट के लिए काउंसलिंग 6 जुलाई को शुरू होने वाली थी। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट शनिवार से शुरू होने वाली नीट यूजी काउंसलिंग में देरी करने से इनकार करने के बाद आया है।
ज्ञात हो कि सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच 8 जुलाई को नीट यूजी 2024 की याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
इन याचिकाओं में याचिकाकर्ताओं ने इस परीक्षा का पेपर लीक होने का आरोप लगाया है। कुछ याचिकाकर्ताओं ने पूरी परीक्षा रद्द करने और मेडिकल प्रवेश परीक्षा दोबारा आयोजित करने की मांग की है, वहीं कुछ ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के संचालन की जांच की मांग की है।
बता दें कि नीट यूजी काउंसलिंग कई चरणों में आयोजित की जाती है। मेडिकल प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को पहले पंजीकरण करना होगा और काउंसलिंग की शुल्क का भुगतान करना होगा, विकल्प भरना होगा और उन्हें लॉक करना होगा। उसके बाद दस्तावेज अपलोड करने के बाद आवंटित कॉलेज में व्यक्तिगत तौर पर रिपोर्ट करना होगा।
15 प्रतिशत एआईक्यू के तहत नीट यूजी काउंसलिंग में सरकारी कॉलेजों, केंद्रीय और डीम्ड विश्वविद्यालयों की सीटें- कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) मेडिकल कॉलेजों में बीमित व्यक्तियों (आईपी कोटा) के बच्चों के लिए आरक्षित सीटें और सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज, पुणे में उपलब्ध सीटें शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि एनटीए 23 जून को आयोजित हुए ग्रेस अंक पाने वाले 813 उम्मीदवारों के पुनर्परीक्षण का परिणाम जारी कर चुका है। संशोधित परिणामों के साथ टॉपर टैली 67 से घटकर 61 हो गई है।
बता दें कि 5 मई को अपने आयोजन के बाद से ही नीट यूजी 2024 की परीक्षा विवादों के घेरे में है। परीक्षा से पहले हुए पेपर लीक, परीक्षा के दौरान हेरफेर और परिणामों के साथ छेड़छाड़ के जैसे आरोप लगाए जा रहे हैं।
पेपर लीक पर केंद्र को घेर रहा विपक्ष
बता दें कि नीट पेपर लीक विवाद पर विपक्ष लगातार मोदी सरकार को घेर रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी सरकार पर युवाओं को गुमराह करने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि 'केवल कुछ जगहों पर अनियमितताएं/चीटिंग हुई हैं' कहना शिक्षा मंत्रालय द्वारा गुमराह करने वाली है, लाखों युवाओं से झूठ बोला जा रहा है। उन्होंने पेपर लीक विवाद के साथ-साथ NCERT की किताबों को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
नीट यूजी पर हलफनामे में केंद्र ने क्या कहा?
दरअसल, शिक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर करके नीट एग्जाम रद्द की मांग का विरोध किया था। सरकार ने हलफनामे में कहा है कि कथित गड़बड़ी केवल पटना और गोधरा केंद्रों में हुई थी और व्यक्तिगत उदाहरणों के आधार पर पूरी परीक्षा रद्द नहीं की जानी चाहिए। अनुचित साधनों और पेपर लीक के व्यक्तिगत उदाहरणों से पूरी परीक्षा खराब नहीं हुई है। अगर परीक्षा प्रक्रिया रद्द कर दी जाती है तो यह लाखों छात्रों के शैक्षणिक करियर से जुड़े बड़े सार्वजनिक हित के लिए ज्यादा हानिकारक होगा। पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच कर रही है। ये बातें शिक्षा मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग के डायरेक्टर वरुण भारद्वाज ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामें कही हैं।
हलफनामे से भड़के कांग्रेस अध्यक्ष
इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' (पहले ट्विटर) पर सरकार के बयान का विरोध किया है। उन्होंने लिखा, 'मोदी सरकार ने माननीय सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि NEET-UG में कोई पेपर लीक नहीं हुआ है! लाखों युवाओं से ये सफ़ेद झूठ बोला जा रहा है। उनके भविष्य को बर्बाद किया जा रहा है। शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि “केवल कुछ जगहों पर अनियमितताएं/चीटिंग हुई हैं” — ये गुमराह करने वाली बात है। BJP-RSS ने पूरी शिक्षा प्रणाली को अपने क़ब्ज़े में रखकर शिक्षा माफ़िया को बढ़ावा दिया है। NCERT की किताबें हों या परीक्षा में Leekage — मोदी सरकार हमारी शिक्षा व्यवस्थाओं को तबाह करने पर तुली है।' इसके साथ ही उन्होंने NEET UG री-एग्जाम और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पेपर लीक घोटालों की जांच की मांग दोहराई।
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