विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' जहां बॉक्स ऑफिस पर जमकर कमाई कर रही है, वहीं यह फिल्म विवादों में भी है। फिल्म पर प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप है। आरोप यह भी है कि फिल्म कश्मीरी पंडितों पर हो रहे अत्याचार की बात तो करती है, लेकिन एकतरफा कहानी बताकर अलग माहौल बना रही है। इस पूरे मामले पर नाना पाटेकर ने बड़ा बयान दिया है।
एक न्यूज चैनल से बातचीत में नाना पाटेकर ने कहा कि देश में शांति का माहौल है। यहां सभी धर्मों के लोग एक साथ रह रहे हैं, इसलिए बेवजह हंगामा करना ठीक नहीं है। इतना ही नहीं, नाना पाटेकर ने साफ शब्दों में कहा कि 'द कश्मीर फाइल्स' को देखकर समाज दो हिस्सों में बंट जाएगा और इस तरह से दरार पैदा करना ठीक नहीं है।
देश में सब चैन से रह रहे हैं: नाना पाटेकर
समाज की मदद के लिए हमेशा सबसे आगे रहने वाले दिग्गज अभिनेता नाना पाटेकर ने 'आज तक' से बातचीत में 'द कश्मीर फाइल्स' विवाद पर अपनी राय रखी है। नाना पाटेकर ने कहा कि फिल्म के जरिए अनावश्यक विवाद खड़ा किया जा रहा है, जो सही नहीं है। उनका कहना है कि देश में हिंदू और मुसलमान दोनों शांति और सद्भाव से रह रहे हैं। दोनों धर्मों के लोग यहां के निवासी हैं। ऐसे में यह माहौल खराब करने जैसा है।
'फिल्म देखने के बाद बंट जाएगा समाज'
नाना पाटेकर ने कहा, 'भारत के हिंदू और मुसलमान यहां के निवासी हैं। दोनों समुदायों के लिए शांति और सद्भाव से रहना जरूरी है। दोनों समुदायों को एक दूसरे की जरूरत है। दोनों एक दूसरे के बिना समाज में नहीं रह सकते। ऐसे में किसी एक फिल्म को लेकर विवाद खड़ा करना ठीक नहीं है। जब सभी लोग शांति से रह रहे हैं तो इस तरह का हंगामा करना ठीक नहीं है। ऐसा करने वालों से जवाब मांगा जाना चाहिए। समाज फिल्म देखने के बाद दो हिस्सों में बंट जाएगा, समाज में इस तरह की दरार पैदा करना सही नहीं है।
बॉक्स ऑफिस पर बंपर कमाई, दिल्ली में पुलिस को निर्देश
गौरतलब है कि 'द कश्मीर फाइल्स' के रिलीज होने के बाद राजनीति भी चरम है। जबकि बॉक्स ऑफिस पर फिल्म ने रविवार तक 167.45 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है। यह जानकारी तरन आदर्श के ट्वीट से मिली है। इससे इतर, फिल्म देखने के बाद सिनेमाघरों में नारे लग रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग कश्मीरी पंडितों पर हुए बर्बर अत्याचार को नरसंहार बताकर समुदाय विशेष के लिए भद्दी बातें लिख रहे हैं। इस कारण से ही फिल्म की आलोचना भी हो रही है। हाल ही दिल्ली में डीसीपी रैंक के अधिकारियों को बकायदा चिट्ठी जारी कर उन इलाकों में सुरक्षा चौबंद करने के लिए भी कहा गया है, जहां मिक्स्ड पॉपुलेशन यानी अलग-अलग धर्मों के लोग रहते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक सत्ताधारी नेताओं का समर्थन
द् कश्मीर फाइल्स को लेकर दक्षिणपंथी सत्ताधारी दल के नेता लोगों से अपील कर रहे हैं कि कश्मीर में हुई वीभत्सता देखने के लिए इस फिल्म को हर व्यक्ति को जरूर देखा जाना चाहिए। कई राज्यों में इसे टैक्सफ्री करने की बात कही जा रही है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फिल्म देखने के बाद कहा था कि इसमें आधी अधूरी कहानी बताई गई है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन का हवाला देते हुए कांग्रेस पर तंज कसा था।
आरएसएस प्रमुख ने भी की फिल्म की सराहना
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने भी 'द कश्मीर फाइल्स' पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भागवत ने कहा कि सभी सच्चाई चाहने वालों को इस फिल्म को देखना चाहिए।
फिल्म में हत्या के आंकड़ों को लेकर उठे सवाल
कश्मीर फाइल्स के निदेशक विवेक अग्निहोत्री ने दक्षिणपंथी चरमपंथियों द्वारा फिल्म को कथित रूप से "छिपे हुए सत्य" को बाहर लाने के रूप में पेश कर ध्यान आकर्षित करना जारी रखा है। 11 मार्च, 2022 को, अग्निहोत्री ने यहां तक दावा किया कि कश्मीर विद्रोह के दौरान 4,000 कश्मीरी हिंदू कथित रूप से मारे गए थे। हालांकि, यह सवाल करने लायक है कि निर्देशक ने न तो आधिकारिक और न ही अनौपचारिक डेटा के बारे में जानकारी दी कि यह आंकड़ा उन्होंने कहां से लिया है। वहीं विभिन्न आंकड़ों में कश्मीरी हिंदुओं की मौत का आंकड़ा 219 से अधिकतम 650 तक बताया गया है। आंकड़े जारी करने वालों में आरएसएस का प्रकाशन भी शामिल है। वहीं दूसरी तरफ, विवेक अग्निहोत्री द्वारा जारी किए गए 4000 के आंकड़े पर लोग सवाल उठा रहे हैं।
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, केपीएसएस के अध्यक्ष संजय टिक्कू ने 1990 के बाद से 3,000-4,000 कश्मीरी पंडितों की मौत के दावों के प्रचार को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया। घटना के बाद किसी के द्वारा दावा की गई सबसे अधिक संख्या 1991 में आरएसएस-प्रकाशन द्वारा दावा की गई थी और यह संख्या 600 थी।
फिल्म की रिलीज के बाद, केपीएसएस ने ट्वीट किया था, "कश्मीर फाइल्स मूवी स्थानीय कश्मीरी पंडितों को असुरक्षित महसूस कराती है।" इसने इस बात की ओर इशारा किया कि यह फिल्म आजकल भारत में व्याप्त सांप्रदायिक भावनाओं को बढ़ाएगी। उस समय, लोगों के थिएटर हॉल में प्रवेश करने और मुस्लिम समुदाय की निंदा करने के वीडियो वायरल हो रहे थे।
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देश में सब चैन से रह रहे हैं: नाना पाटेकर
समाज की मदद के लिए हमेशा सबसे आगे रहने वाले दिग्गज अभिनेता नाना पाटेकर ने 'आज तक' से बातचीत में 'द कश्मीर फाइल्स' विवाद पर अपनी राय रखी है। नाना पाटेकर ने कहा कि फिल्म के जरिए अनावश्यक विवाद खड़ा किया जा रहा है, जो सही नहीं है। उनका कहना है कि देश में हिंदू और मुसलमान दोनों शांति और सद्भाव से रह रहे हैं। दोनों धर्मों के लोग यहां के निवासी हैं। ऐसे में यह माहौल खराब करने जैसा है।
'फिल्म देखने के बाद बंट जाएगा समाज'
नाना पाटेकर ने कहा, 'भारत के हिंदू और मुसलमान यहां के निवासी हैं। दोनों समुदायों के लिए शांति और सद्भाव से रहना जरूरी है। दोनों समुदायों को एक दूसरे की जरूरत है। दोनों एक दूसरे के बिना समाज में नहीं रह सकते। ऐसे में किसी एक फिल्म को लेकर विवाद खड़ा करना ठीक नहीं है। जब सभी लोग शांति से रह रहे हैं तो इस तरह का हंगामा करना ठीक नहीं है। ऐसा करने वालों से जवाब मांगा जाना चाहिए। समाज फिल्म देखने के बाद दो हिस्सों में बंट जाएगा, समाज में इस तरह की दरार पैदा करना सही नहीं है।
बॉक्स ऑफिस पर बंपर कमाई, दिल्ली में पुलिस को निर्देश
गौरतलब है कि 'द कश्मीर फाइल्स' के रिलीज होने के बाद राजनीति भी चरम है। जबकि बॉक्स ऑफिस पर फिल्म ने रविवार तक 167.45 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है। यह जानकारी तरन आदर्श के ट्वीट से मिली है। इससे इतर, फिल्म देखने के बाद सिनेमाघरों में नारे लग रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग कश्मीरी पंडितों पर हुए बर्बर अत्याचार को नरसंहार बताकर समुदाय विशेष के लिए भद्दी बातें लिख रहे हैं। इस कारण से ही फिल्म की आलोचना भी हो रही है। हाल ही दिल्ली में डीसीपी रैंक के अधिकारियों को बकायदा चिट्ठी जारी कर उन इलाकों में सुरक्षा चौबंद करने के लिए भी कहा गया है, जहां मिक्स्ड पॉपुलेशन यानी अलग-अलग धर्मों के लोग रहते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक सत्ताधारी नेताओं का समर्थन
द् कश्मीर फाइल्स को लेकर दक्षिणपंथी सत्ताधारी दल के नेता लोगों से अपील कर रहे हैं कि कश्मीर में हुई वीभत्सता देखने के लिए इस फिल्म को हर व्यक्ति को जरूर देखा जाना चाहिए। कई राज्यों में इसे टैक्सफ्री करने की बात कही जा रही है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फिल्म देखने के बाद कहा था कि इसमें आधी अधूरी कहानी बताई गई है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन का हवाला देते हुए कांग्रेस पर तंज कसा था।
आरएसएस प्रमुख ने भी की फिल्म की सराहना
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने भी 'द कश्मीर फाइल्स' पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भागवत ने कहा कि सभी सच्चाई चाहने वालों को इस फिल्म को देखना चाहिए।
फिल्म में हत्या के आंकड़ों को लेकर उठे सवाल
कश्मीर फाइल्स के निदेशक विवेक अग्निहोत्री ने दक्षिणपंथी चरमपंथियों द्वारा फिल्म को कथित रूप से "छिपे हुए सत्य" को बाहर लाने के रूप में पेश कर ध्यान आकर्षित करना जारी रखा है। 11 मार्च, 2022 को, अग्निहोत्री ने यहां तक दावा किया कि कश्मीर विद्रोह के दौरान 4,000 कश्मीरी हिंदू कथित रूप से मारे गए थे। हालांकि, यह सवाल करने लायक है कि निर्देशक ने न तो आधिकारिक और न ही अनौपचारिक डेटा के बारे में जानकारी दी कि यह आंकड़ा उन्होंने कहां से लिया है। वहीं विभिन्न आंकड़ों में कश्मीरी हिंदुओं की मौत का आंकड़ा 219 से अधिकतम 650 तक बताया गया है। आंकड़े जारी करने वालों में आरएसएस का प्रकाशन भी शामिल है। वहीं दूसरी तरफ, विवेक अग्निहोत्री द्वारा जारी किए गए 4000 के आंकड़े पर लोग सवाल उठा रहे हैं।
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, केपीएसएस के अध्यक्ष संजय टिक्कू ने 1990 के बाद से 3,000-4,000 कश्मीरी पंडितों की मौत के दावों के प्रचार को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया। घटना के बाद किसी के द्वारा दावा की गई सबसे अधिक संख्या 1991 में आरएसएस-प्रकाशन द्वारा दावा की गई थी और यह संख्या 600 थी।
फिल्म की रिलीज के बाद, केपीएसएस ने ट्वीट किया था, "कश्मीर फाइल्स मूवी स्थानीय कश्मीरी पंडितों को असुरक्षित महसूस कराती है।" इसने इस बात की ओर इशारा किया कि यह फिल्म आजकल भारत में व्याप्त सांप्रदायिक भावनाओं को बढ़ाएगी। उस समय, लोगों के थिएटर हॉल में प्रवेश करने और मुस्लिम समुदाय की निंदा करने के वीडियो वायरल हो रहे थे।
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