मुकेश अंबानी की रिलायंस ने बिग बाजार वाले फ्यूचर ग्रुप को 24,713 करोड़ रुपये में खरीद लिया, यह खरीद भारत की रीटेल इंडस्ट्री के मुकेश अम्बानी के कदमों में नतमस्तक होने की घोषणा है, कल रिलायन्स ने फ्यूचर ग्रुप के खुदरा व थोक कारोबार और लॉजिस्टिक्स व वेयरहाउसिंग बिजनेस के अधिग्रहण की घोषणा की है।
रिलायंस ने इस खरीद के जरिए फ्यूचर ग्रुप के बिग बाजार, ईजीडे और FBB के 1,800 से अधिक स्टोर्स तक पहुंच ओर पकड़ बना ली है जो देश के 420 शहरों में फैले हुए हैं।
कुछ दिनों मैने लिखा था कि जियोमार्ट जो देश की दुकान है वह आपके पड़ोस की दुकान बंद करवा के ही मानेगा! यह खरीद उस दिशा में उठाया गया सबसे बड़ा कदम साबित होने जा रहा है रिलायंस के पास अपार पूंजी, असीमित क्षमता,ओर अब संसाधन के रूप में एक व्यापक रिटेल आउटलेट चेन हैं, जिससे वह प्रतिस्पर्धा को ही समाप्त कर सकता है।
आप समझ रहे हैं कि रिलायन्स सिर्फ किराना व्यापार तक ही सीमित रहेगा ?...नही !....वह हर क्षेत्र में प्रवेश कर रहा है, फ्यूचर ग्रुप के रिटेल कारोबार ख़रीदने के अलावा अब वह फर्नीचर आउटलेट अर्बन लैडर, लॉन्जरी ब्रांड जिवामे, दूध बनाने वाली कंपनी मिल्क बॉस्केट में भी हिस्सेदारी खरीदने की योजना बना रहा है। ऑनलाइन फार्मा स्टोर नेटमेड्स भी वह खरीद चुका है अब मोदी जी अपने मित्र के लिए क्या नयी E फार्मेसी नीति को मंजूरी नही देंगे क्या ? टेलीमेडिसिन के नाम पर जरूर देंगे।
जियो मार्ट पर जल्द ही ग्रॉसरी के अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स, फैशन, हेल्थकेयर, फार्मास्युटिकक्लस प्रॉडक्ट्स भी उपलब्ध होंगे।
बीते कुछ सालों से रिलायंस कम से कम 20 वेंचरों को खरीद चुकी है. कुछ को उसने सीधे खरीदा है तो कुछ में निवेश के जरिये प्रबंधन को अपने हाथ में लिया है. इनमें एजुकेशनल टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म इमबाइब, कन्वर्सेशनल एआई प्लेटफॉर्म हैपटिक और ओ2ओ कॉमर्स प्लेटफॉर्म फिंड शामिल हैं।
दो साल पहले मेक इन ओडिशा सम्मेलन में रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा था 'रिलायंस दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन-टू-ऑफलाइन न्यू कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाने पर विचार कर रही है।' यह सच होने जा रहा है।
बिग बाजार के रिलायंस में शामिल होने से पहले ही रिलायंस रिटेल यूनिट के पास 11,784 रिटेल स्टोर्स है इसमें कैश एंड कैरी होलसेल की संख्या 6,700 से ज्यादा है। रिलायंस रिटेल ने एक साल में 1,500 स्टोर्स खोला है। कुल 64 करोड़ फूटफॉल्स यानी ग्राहकों की आवाजाही रही है। 1.25 करोड़ इसके रजिस्टर्ड ग्राहक हैं। जियो के लगभग 40 करोड़ ग्राहकों को भी इसमे आप जोड़ सकते हैं।
रिलायंस रिटेल देश के करीब 1 करोड़ 20 लाख किराना स्टोर पर नजर बनाकर चलना चाहती है, जो दिल्ली के सदर बजार के थोक विक्रेताओं या अन्य कंपनियों से अपना माल लेते हैं। देश के कुछ शहरों में जर्मनी की मेट्रो एजी, वॉलमार्ट की बेस्ट प्राइस और रिलायंस की रिलायंस मार्केट सहित कुछ बड़ी होलसेल कंपनियां अपने उत्पाद बेच रही हैं। लेकिन, यह इन शहरों में थोक बाजार की कुल बिक्री का सिर्फ 10 फीसदी है. मूल्य के हिसाब से देश का खाद्य और किराना बाजार 600 अरब डॉलर का है। रिलायन्स की नजरें उस पर जमी हुई है।
मुकेश अंबानी का उद्देश्य है कि समूह की कमाई को अगले दस साल में उपभोक्ता कारोबार से हो। कुछ समय पहले तक समूह की 80 फीसदी कमाई तेल-गैस कारोबार से होती थी।
पिछले दिनों फेसबुक भी जियो से जुड़ गया है वाट्सऐप फेसबुक की कंपनी है और फेसबुक ने जियो प्लेटफॉर्म में सबसे पहले और सबसे ज्यादा 9.99 प्रतिशत हिस्सा खरीदा है। एक बार बस व्हॉट्सएप के जरिए पेमेन्ट सर्विस को अनुमति मिल जाए फिर देखिएगा यह देश रिलायन्स रिपब्लिक में कैसे बदलता है।
रिलायंस ने इस खरीद के जरिए फ्यूचर ग्रुप के बिग बाजार, ईजीडे और FBB के 1,800 से अधिक स्टोर्स तक पहुंच ओर पकड़ बना ली है जो देश के 420 शहरों में फैले हुए हैं।
कुछ दिनों मैने लिखा था कि जियोमार्ट जो देश की दुकान है वह आपके पड़ोस की दुकान बंद करवा के ही मानेगा! यह खरीद उस दिशा में उठाया गया सबसे बड़ा कदम साबित होने जा रहा है रिलायंस के पास अपार पूंजी, असीमित क्षमता,ओर अब संसाधन के रूप में एक व्यापक रिटेल आउटलेट चेन हैं, जिससे वह प्रतिस्पर्धा को ही समाप्त कर सकता है।
आप समझ रहे हैं कि रिलायन्स सिर्फ किराना व्यापार तक ही सीमित रहेगा ?...नही !....वह हर क्षेत्र में प्रवेश कर रहा है, फ्यूचर ग्रुप के रिटेल कारोबार ख़रीदने के अलावा अब वह फर्नीचर आउटलेट अर्बन लैडर, लॉन्जरी ब्रांड जिवामे, दूध बनाने वाली कंपनी मिल्क बॉस्केट में भी हिस्सेदारी खरीदने की योजना बना रहा है। ऑनलाइन फार्मा स्टोर नेटमेड्स भी वह खरीद चुका है अब मोदी जी अपने मित्र के लिए क्या नयी E फार्मेसी नीति को मंजूरी नही देंगे क्या ? टेलीमेडिसिन के नाम पर जरूर देंगे।
जियो मार्ट पर जल्द ही ग्रॉसरी के अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स, फैशन, हेल्थकेयर, फार्मास्युटिकक्लस प्रॉडक्ट्स भी उपलब्ध होंगे।
बीते कुछ सालों से रिलायंस कम से कम 20 वेंचरों को खरीद चुकी है. कुछ को उसने सीधे खरीदा है तो कुछ में निवेश के जरिये प्रबंधन को अपने हाथ में लिया है. इनमें एजुकेशनल टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म इमबाइब, कन्वर्सेशनल एआई प्लेटफॉर्म हैपटिक और ओ2ओ कॉमर्स प्लेटफॉर्म फिंड शामिल हैं।
दो साल पहले मेक इन ओडिशा सम्मेलन में रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा था 'रिलायंस दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन-टू-ऑफलाइन न्यू कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाने पर विचार कर रही है।' यह सच होने जा रहा है।
बिग बाजार के रिलायंस में शामिल होने से पहले ही रिलायंस रिटेल यूनिट के पास 11,784 रिटेल स्टोर्स है इसमें कैश एंड कैरी होलसेल की संख्या 6,700 से ज्यादा है। रिलायंस रिटेल ने एक साल में 1,500 स्टोर्स खोला है। कुल 64 करोड़ फूटफॉल्स यानी ग्राहकों की आवाजाही रही है। 1.25 करोड़ इसके रजिस्टर्ड ग्राहक हैं। जियो के लगभग 40 करोड़ ग्राहकों को भी इसमे आप जोड़ सकते हैं।
रिलायंस रिटेल देश के करीब 1 करोड़ 20 लाख किराना स्टोर पर नजर बनाकर चलना चाहती है, जो दिल्ली के सदर बजार के थोक विक्रेताओं या अन्य कंपनियों से अपना माल लेते हैं। देश के कुछ शहरों में जर्मनी की मेट्रो एजी, वॉलमार्ट की बेस्ट प्राइस और रिलायंस की रिलायंस मार्केट सहित कुछ बड़ी होलसेल कंपनियां अपने उत्पाद बेच रही हैं। लेकिन, यह इन शहरों में थोक बाजार की कुल बिक्री का सिर्फ 10 फीसदी है. मूल्य के हिसाब से देश का खाद्य और किराना बाजार 600 अरब डॉलर का है। रिलायन्स की नजरें उस पर जमी हुई है।
मुकेश अंबानी का उद्देश्य है कि समूह की कमाई को अगले दस साल में उपभोक्ता कारोबार से हो। कुछ समय पहले तक समूह की 80 फीसदी कमाई तेल-गैस कारोबार से होती थी।
पिछले दिनों फेसबुक भी जियो से जुड़ गया है वाट्सऐप फेसबुक की कंपनी है और फेसबुक ने जियो प्लेटफॉर्म में सबसे पहले और सबसे ज्यादा 9.99 प्रतिशत हिस्सा खरीदा है। एक बार बस व्हॉट्सएप के जरिए पेमेन्ट सर्विस को अनुमति मिल जाए फिर देखिएगा यह देश रिलायन्स रिपब्लिक में कैसे बदलता है।