मध्यप्रदेश में हवाला कांड का खुलासा करने वाले आईपीएस गौरव तिवारी जनता की निगाह में भले ही नायक हों, लेकिन प्रदेश सरकार की निगाह में वो बुरी तरह से खटक रहे हैं।
छिंदवाड़ा के एसपी गौरव तिवारी का 2 साल में तीसरी बार तबादला किया गया है। छिंदवाड़ा से हटाकर अब उन्हें देवास भेजा गया है। शनिवार को 13 जिलों के एसपी के तबादलों का आदेश जारी हुआ तो उसमें गौरव तिवारी का नाम भी शामिल था।
आईपीएस गौरव तिवारी इसके पहले कटनी में थे और उन्होंने उसी दौरान कटनी में बड़े हवाला मामले का खुलासा किया था जिसमें भाजपा के बड़े नेता शामिल थे।
दैनिक भास्कर के मुताबिक 36 साल के आईपीएस अधिकारी गौरव तिवारी अब तक बालाघाट, कटनी, छिंदवाड़ा के एसपी के रूप में काम कर चुके हैं। तीनों जिलों में अपने काम की वजह से वे जनता में लोकप्रिय हुए लेकिन प्रशासन की निगाह में कांटा साबित हुए।
बालाघाट में उन्होंने लकड़ी माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई की थी। फर्जी टीपी (ट्रांजिट परमिट) का भंडाफोड़ भी उनके ही कार्यकाल में हुआ था।
कटनी के एसपी रहने के दौरान गौरव तिवारी ने 500 करोड़ के हवाला कांड का खुलासा किया था। मुख्य आरोपी सतीश सरावगी को गिरफ्तार भी किया गया था। ये हवाला कारोबार नोटबंदी के दौरान पकड़ा गया था और इसमें शिवराज सरकार के मंत्री संजय पाठक का नाम भी सामने आया था, लेकिन उस समय फौरन एसपी गौरव तिवारी का तबादला कर दिया गया था।
एसपी गौरव तिवारी ने खुलासा किया था कि कटनी में कई फर्जी कंपनियों के बैंक खाते हैं जिनमें करोड़ों रुपयों का लेन-देन हुआ। मामला तब सामने आया था जब गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले रजनीश तिवारी को आयकर विभाग का नोटिस आया था। रजनीश को एसके मिनरल्स का डायरेक्टर बताकर उसका बैंक खाता खोला गया था और उसमें करोड़ों की रकम डाली गई थी।
न्यूज़18 के मुताबिक, हवाला कांड के मुख्य आरोपी सतीश सरावगी और महेंद्र गोयनका जिन कंपनियों के डायरेक्टर हैं उनमें मंत्री संजय पाठक भी डायरेक्टर रहे हैं। घोटाला उजागर होते ही संजय पाठक ने तुरंत ही 9 दिन के अंदर 7 कंपनियों में डायरेक्टर का पद छोड़कर अपने को उनसे अलग दिखाने की कोशिश की थी। बताया जा रहा है कि इनमें से ज्यादातर कंपनियां कागजी हैं।
मामले में संजय पाठक फंसने ही वाले थे कि एसपी गौरव तिवारी का तबादला कर दिया गया जिसके बाद मामले को लगातार कमजोर किया जा रहा है। संजय पाठक पहले कांग्रेस के विधायक थे, लेकिन उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर ली थी।
कटनी में एसपी गौरव तिवारी ने अवैध उत्खनन पर भी रोक लगाई थी। जब उनका तबादला हुआ तो स्थानीय लोगों ने बंद रखकर विरोध दर्ज कराया था। अब छिंदवाड़ा से भी उन्हें हटा दिया गया है और देवास भेजा गया है।
छिंदवाड़ा के एसपी गौरव तिवारी का 2 साल में तीसरी बार तबादला किया गया है। छिंदवाड़ा से हटाकर अब उन्हें देवास भेजा गया है। शनिवार को 13 जिलों के एसपी के तबादलों का आदेश जारी हुआ तो उसमें गौरव तिवारी का नाम भी शामिल था।
आईपीएस गौरव तिवारी इसके पहले कटनी में थे और उन्होंने उसी दौरान कटनी में बड़े हवाला मामले का खुलासा किया था जिसमें भाजपा के बड़े नेता शामिल थे।
दैनिक भास्कर के मुताबिक 36 साल के आईपीएस अधिकारी गौरव तिवारी अब तक बालाघाट, कटनी, छिंदवाड़ा के एसपी के रूप में काम कर चुके हैं। तीनों जिलों में अपने काम की वजह से वे जनता में लोकप्रिय हुए लेकिन प्रशासन की निगाह में कांटा साबित हुए।
बालाघाट में उन्होंने लकड़ी माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई की थी। फर्जी टीपी (ट्रांजिट परमिट) का भंडाफोड़ भी उनके ही कार्यकाल में हुआ था।
कटनी के एसपी रहने के दौरान गौरव तिवारी ने 500 करोड़ के हवाला कांड का खुलासा किया था। मुख्य आरोपी सतीश सरावगी को गिरफ्तार भी किया गया था। ये हवाला कारोबार नोटबंदी के दौरान पकड़ा गया था और इसमें शिवराज सरकार के मंत्री संजय पाठक का नाम भी सामने आया था, लेकिन उस समय फौरन एसपी गौरव तिवारी का तबादला कर दिया गया था।
एसपी गौरव तिवारी ने खुलासा किया था कि कटनी में कई फर्जी कंपनियों के बैंक खाते हैं जिनमें करोड़ों रुपयों का लेन-देन हुआ। मामला तब सामने आया था जब गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले रजनीश तिवारी को आयकर विभाग का नोटिस आया था। रजनीश को एसके मिनरल्स का डायरेक्टर बताकर उसका बैंक खाता खोला गया था और उसमें करोड़ों की रकम डाली गई थी।
न्यूज़18 के मुताबिक, हवाला कांड के मुख्य आरोपी सतीश सरावगी और महेंद्र गोयनका जिन कंपनियों के डायरेक्टर हैं उनमें मंत्री संजय पाठक भी डायरेक्टर रहे हैं। घोटाला उजागर होते ही संजय पाठक ने तुरंत ही 9 दिन के अंदर 7 कंपनियों में डायरेक्टर का पद छोड़कर अपने को उनसे अलग दिखाने की कोशिश की थी। बताया जा रहा है कि इनमें से ज्यादातर कंपनियां कागजी हैं।
मामले में संजय पाठक फंसने ही वाले थे कि एसपी गौरव तिवारी का तबादला कर दिया गया जिसके बाद मामले को लगातार कमजोर किया जा रहा है। संजय पाठक पहले कांग्रेस के विधायक थे, लेकिन उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर ली थी।
कटनी में एसपी गौरव तिवारी ने अवैध उत्खनन पर भी रोक लगाई थी। जब उनका तबादला हुआ तो स्थानीय लोगों ने बंद रखकर विरोध दर्ज कराया था। अब छिंदवाड़ा से भी उन्हें हटा दिया गया है और देवास भेजा गया है।