हॉस्टल में बदइंतजामी से परेशा छात्राओं ने की तालाबंदी

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: July 23, 2018

मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति विकास विभाग के आवासीय विद्यालयों में बदइंतजामी बढ़ती जा रही है। बदइंतजामी से परेशान सागर के ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय की छात्राओं ने हॉस्टल गेट पर ही ताला लगा दिया और रसोइयों को ही अंदर आने से रोक दिया।

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छात्राओं का कहना है कि उन्हें समय पर नाश्ता और खाना तक नहीं दिया जाता जिस कारण उन्हें भूखा रहना पड़ता है और उनकी पढ़ाई का नुकसान होता है।

दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार, रविवार को नाराज़ छात्राओं ने हॉस्टल गेट पर ताला लगा दिया। इसके बाद छात्राओं ने रसोई पर कब्जा जमाकर खुद ही खाना बनाकर खाया। इस छात्रावास में 180 छात्राएं रहती हैं, और यहां 9 रसोइयों के बजाय केवल 5 रसोइए ही तैनात हैं, और वो भी लापरवाही करते हैं। पिछले तीन दिनों से छात्राओं को लगातार समय पर न तो नाश्ता मिला और न ही खाना, जिससे छात्राएं भड़क गईं।

छात्राओं ने कई बार प्राचार्य से शिकायत की लेकिन तब भी कोई समाधान नहीं निकला। प्राचार्य खुद भी आवासीय परिसर में ही रहते हैं, लेकिन छात्राओं की परेशानियों से उन्हें कोई सरोकार नहीं रहता है
छात्राओं के तालाबंदी के बाद कमिश्नर ने मामले का संज्ञान लिया है और हॉस्टल में जांच टीम भिजवाने का यकीन दिलाया है। शाम को पुलिस भी हॉस्टल में गई और छात्राओं के बयान लिए। छात्राएं अब खुद ही खाना बनाने का काम संभाल रही हैं और रसोइओं को हस्टल में आने नहीं दे रही हैं।

छात्राओं ने हॉस्टल कर्मचारियों पर बदसलूकी का भी आरोप लगाया है। इन कर्मचारियों का पिछले 11 साल से कोई तबादला तक नहीं हुई है। कर्मचारियों की बदसलूकी के बारे में छात्राओं ने शिकायत की थी जिसके बाद दो रसोइयों को नोटिस दिए गए थे, लेकिन चेतावनी के बाद भी उनका रवैया नहीं सुधरा।
 
खाना देर से मिलने पर भी छात्रावास अधीक्षिका ने नोटिस जारी किया गया था, लेकिन कर्मचारियों ने यह नोटिस रिसीव तक नहीं किया था।  स्कूल के प्रिंसिपल एस के चौरसिया खुद यहां 7 सालों से जमे हुए हैं। एक बार उनका ट्रांसफर भी हुआ था, लेकिन वे रिलीव ही नहीं हुए।
 

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