मध्यप्रदेश में चुनावों की तारीखें निकट आने के साथ ही बीजेपी की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। पार्टी को जो जमीनी फीडबैक मिला है, उसमें कार्यकर्ताओं के नाराज होने और पार्टी से कट जाने की खबरें आई हैं।
स्थिति ये भी हो सकती है कि चुनाव प्रचार के लिए बीजेपी को कई जगह कार्यकर्ताओं और प्रचारकों की कमी पड़ सकती है। हालात संभालने के लिए आरएसएस ने निष्क्रिय कार्यकर्ताओं की जगह अपने स्वयंसेवकों को तैनात करने की वैकल्पिक रणनीति बनाई है।
इस रणनीति से बीजेपी उम्मीदवारों को कार्यकर्ताओं की कमी तो नहीं झेलनी पड़ेगी, लेकिन इसके साथ ही एक नया संकट खड़ा हो सकता है।
आरएसएस ने बीजेपी के नेताओं से सत्ता-विरोधी लहर हावी होने की बात कही है और कहा है कि इससे निपटने के लिए बहुत सारे मौजूदा विधायकों के टिकट काटने पड़ेंगे। संघ का कहना है कि इन विधायकों के खिलाफ क्षेत्र में भारी आक्रोश है। इनका टिकट काटे बिना भाजपा का सरकार बनाना मुश्किल है।
मौजूदा विधायकों में से आधे से ज्यादा के टिकट काटने पड़ गए तो बीजेपी में बगावत होने के आसार बन सकते हैं। टिकट से वंचित होने वाले नेता या तो पार्टी छोड़ देंगे, किसी दूसरी पार्टी में चले जाएंगे, या पार्टी में रहकर ही भीतरघात करेंगे।
इतना ही नहीं, संघ कई मंत्रियों के कामकाज से भी नाराज है और उनके भी टिकट कटवाना चाहता है। ऐसे में अपने-अपने असर वाले इलाकों में ये मंत्री बीजेपी को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
स्थिति ये भी हो सकती है कि चुनाव प्रचार के लिए बीजेपी को कई जगह कार्यकर्ताओं और प्रचारकों की कमी पड़ सकती है। हालात संभालने के लिए आरएसएस ने निष्क्रिय कार्यकर्ताओं की जगह अपने स्वयंसेवकों को तैनात करने की वैकल्पिक रणनीति बनाई है।
इस रणनीति से बीजेपी उम्मीदवारों को कार्यकर्ताओं की कमी तो नहीं झेलनी पड़ेगी, लेकिन इसके साथ ही एक नया संकट खड़ा हो सकता है।
आरएसएस ने बीजेपी के नेताओं से सत्ता-विरोधी लहर हावी होने की बात कही है और कहा है कि इससे निपटने के लिए बहुत सारे मौजूदा विधायकों के टिकट काटने पड़ेंगे। संघ का कहना है कि इन विधायकों के खिलाफ क्षेत्र में भारी आक्रोश है। इनका टिकट काटे बिना भाजपा का सरकार बनाना मुश्किल है।
मौजूदा विधायकों में से आधे से ज्यादा के टिकट काटने पड़ गए तो बीजेपी में बगावत होने के आसार बन सकते हैं। टिकट से वंचित होने वाले नेता या तो पार्टी छोड़ देंगे, किसी दूसरी पार्टी में चले जाएंगे, या पार्टी में रहकर ही भीतरघात करेंगे।
इतना ही नहीं, संघ कई मंत्रियों के कामकाज से भी नाराज है और उनके भी टिकट कटवाना चाहता है। ऐसे में अपने-अपने असर वाले इलाकों में ये मंत्री बीजेपी को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं।