Moody’s ने घटाया भारत का GDP ग्रोथ रेट, अर्थव्यवस्था की सुस्ती बना कारण

Written by sabrang india | Published on: August 23, 2019
देश आर्थिक सुस्‍ती के दौर से गुजर रहा है. इस बीच, क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने साल 2019 के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को घटा दिया है. मूडीज के मुताबिक भारत का जीडीपी ग्रोथ 6.2 फीसदी रहने का अनुमान है. इससे पहले, एजेंसी ने भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.8 फीसदी की दर से आगे बढ़ने का अनुमान जताया था. इस लिहाज से मूडीज ने जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 0.6 फीसदी कम कर दिया है. 



मूडीज ने एक बयान में बताया कि अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती ने एशियाई निर्यात पर प्रतिकूल असर डाला है और कारोबार का अनिश्चित माहौल निवेश पर भारी पड़ा है. वहीं एजेंसी ने साल 2020 के लिए जीडीपी विकास दर अनुमान को 7.30 से घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया है.

एक हफ्ते के भीतर दूसरी बार झटका
करीब एक हफ्ते के भीतर यह दूसरी एजेंसी है जिसने जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटाया है. इससे पहले जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने भी जीडीपी ग्रोथ को लेकर भारत को झटका दिया है. नोमुरा के मुताबिक देश की आर्थिक वृद्धि इस साल जून तिमाही में 5.7 फीसदी पर रहने का अनुमान है. नोमुरा का कहना है कि सर्विस सेक्‍टर में सुस्‍ती, कम निवेश और खपत में गिरावट से यह हालात बने हैं. नोमुरा की रिपोर्ट के मुताबिक उपभोक्ताओं का विश्वास कम हो रहा है और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में गिरावट आई है.

8 फीसदी जीडीपी लक्ष्‍य पर जोर दे रही सरकार
रेटिंग एजेंसियों के ये रिपोर्ट भारत सरकार की उम्‍मीदों को झटका दे रही हैं. दरअसल, नरेंद्र मोदी सरकार 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्‍य को हासिल करने की कोशिश में जुटी है. बीते दिनों सरकार की ओर से कहा गया था कि 2025 तक लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए 8 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ जरूरी है. ऐसे में रेटिंग एजेंसियों के अनुमान किसी झटके से कम नहीं हैं.

आर्थिक सुस्‍ती के दौर से गुजर रहा देश
बता दें कि देश की अर्थव्यवस्था इन दिनों भारी सुस्ती के दौर से गुजर रही है. ऑटोमोबाइल सेक्टर में प्रोडक्‍शन और सेल्‍स में लगातार गिरावट आ रही है. वहीं लाखों लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं. इसी तरह एफएमसीजी और टेक्‍सटाइल सेक्‍टर भी मंदी जैसे हालात से गुजर रहे हैं.    

 

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